कुचामनसिटी : गर्भवतियों, धात्रियों और बच्चों को मिलने वाले पोषाहार में कालाबाजारी रोकने के लिए जनवरी 2025 से नए नियम लागू होंगे. अब एप पर बिना फोटो मिलान और बिना ओटीपी के पोषाहार वितरण नहीं किया जाएगा. इसके लिए जिले के सभी आंगनवाड़ी कार्यकताओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. इन नए नियमों के तहत केवल पात्र लोगों को ही पोषाहार मिलेगा.
बाल विकास परियोजना अधिकारी रामकुमार चौधरी ने बताया कि आंगनवाड़ी केंद्रों पर अक्सर पोषाहार वितरण में गड़बड़ियां सामने आती थीं, जैसे कि अपात्र लोगों को भी पोषाहार मिलना. इसके अलावा आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों द्वारा पोषाहार की कालाबाजारी करने की भी शिकायतें मिल रही थीं. इस कारण राज्य सरकार सभी सिस्टम को अपडेट कर रही है. इसके अंतर्गत सभी पात्र लोगों के फोटो और फोन नंबर वेबसाइट पर अपलोड किए जा रहे हैं.
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कालाबजारी रोकने के लिए कदम : अगले महीने से डीडवाना कुचामन जिले के 1500 आंगनवाड़ी केंद्रों पर कोई भी व्यक्ति किसी और के नाम पर पोषाहार नहीं ले सकेगा. इससे पहले राज्य सरकार ने 3 से 6 वर्ष तक के बच्चों को पोषाहार देने से पहले उनके माता-पिता से यह शपथ-पत्र लिया था कि उनका बच्चा प्राइवेट स्कूल में नहीं पढ़ रहा है, ताकि पोषाहार की कालाबाजारी रोकी जा सके.
पोषाहार पैकेट में गर्भवती महिलाओं के लिए दलिया और खिचड़ी, 7 महीने से लेकर 3 वर्ष तक के बच्चों के लिए दलिया, खिचड़ी और बालाहार तथा धात्रियों के लिए मीठी दलिया, खिचड़ी और सादा दलिया शामिल है. रामकुमार चौधरी ने कहा कि सरकार की योजना है कि केवल पात्र लोगों को पोषाहार मिले. इसके लिए जनवरी से नए नियम लागू किए जाएंगे. शुरुआत में एप पर सभी लोगों के फोटो अपलोड करने में दिक्कत आ रही है, लेकिन बाद में ओटीपी के माध्यम से पोषाहार वितरित किया जाएगा.