रांची: पूर्व मुख्यमंत्री और झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन अभी जमीन घोटाला मामले में न्यायिक हिरासत में हैं. उनके खिलाफ चल रहे प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई को महागठबंधन के दल केंद्र के इशारे पर की जा रही कार्रवाई बता रहे हैं. झमुमो के नेता रांची में उपवास के साथ साथ गांव कस्बों में न्याय मार्च निकाल रहे हैं. वहीं पार्टी के विधायक लोबिन हेंब्रम हेमंत सोरेन के खिलाफ उलगुलान करने पर अड़े हैं.
7 मार्च से अन्याय यात्रा निकालने की घोषणा करने वाले विधायक लोबिन हेम्ब्रम ने अपने कार्यक्रम में थोड़ा परिवर्तन किया है. अब 7 फरवरी को भोगनाडीह से अन्याय यात्रा से पहले लोबिन हेंब्रम संथाल में बैठक कर रायशुमारी करेंगे और जनसभा के माध्यम से लोगों को बताएंगे कि कैसे उनके साथ अन्याय हुआ है. लोबिन हेंब्रम ने कहा कि उनकी अन्याय यात्रा कैसे एक जनांदोलन का रूप ले और इसमें सभी की भागीदारी सुनिश्चित हो, इसके लिए जनता की रायशुमारी के कार्यक्रम को अन्याय यात्रा के साथ जोड़ा गया है .
लोबिन हेम्ब्रम लगातार सदन के अंदर और बाहर अपनी ही सरकार के खिलाफ आवाज उठाते रहे हैं. हेमंत सोरेन की सरकार के दौरान कई बार उन्होंने तल्ख टिप्पणी भी की थी. 2019 में जनता से जो वादें कर हेमंत सरकार सत्ता में आई थी उसे पूरा नहीं करने, जल जंगल जमीन की लूट, भ्र्ष्टाचार जैसे मुद्दे को लोबिन हेंब्रम लगातार उठाते रहे हैं.
विरोधियों के चंगुल में फंसकर डाइवर्ट हो गए हैं लोबिन-मनोज पांडेय
हेमंत सोरेन के कार्यकाल में राज्य के आदिवासियों-मूलवासियों के साथ हुए अन्याय को जन जन तक पहुंचाने के लिए अन्याय यात्रा निकालने की झामुमो विधायक लोबिन हेंब्रम की घोषणा को समझ से परे बताते हुए झामुमो के केंद्रीय प्रवक्ता मनोज पांडेय ने कहा कि लोबिन हेम्ब्रम का बयान अक्सर बदलता रहता है. वह सदन में सरकार के साथ खड़े रहते हैं, चंपई सोरेन ने सरकार के विश्वास मत के पक्ष में वोट भी किया था. वह क्यों विपक्षी दलों के नेताओं के चक्कर मे पड़कर अपना नुकसान कर रहे हैं यह समझ से परे हैं.
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