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चंडीगढ़ के मजदूरों ने महंगाई को बताया चुनावी मुद्दा, बोले- नेता सिर्फ वादे करते हैं, जमीनी स्तर पर कुछ नहीं करते - Lok Sabha Election 2024 - LOK SABHA ELECTION 2024

Chandigarh Workers on Lok Sabha Election 2024: रियाणा में छठे चरण के तहत 25 मई को मतदान होगा. लिहाजा सभी राजनीतिक दल चुनाव प्रचार में जुटे हैं. वहीं जनता ने भी वोटिंग के लिए मुद्दों का चयन कर लिया है. इस बीच ईटीवी भारत हरियाणा की टीम ने चंडीगढ़ में मजदूरों से बात की और जाना की वो किन मुद्दों पर मतदान करेंगे? कैसा सांसद और सरकार वो चाहते हैं?

Chandigarh Workers on Lok Sabha Election 2024
Chandigarh Workers on Lok Sabha Election 2024
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : May 2, 2024, 12:17 PM IST

चंडीगढ़ के मजदूरों ने महंगाई को बताया चुनावी मुद्दा, बोले- नेता सिर्फ वादे करते हैं, जमीनी स्तर पर कुछ नहीं करते

चंडीगढ़: देश में लोकसभा का चुनाव जारी है. हरियाणा में छठे चरण के तहत 25 मई को मतदान होगा. लिहाजा सभी राजनीतिक दल चुनाव प्रचार में जुटे हैं. वहीं जनता ने भी वोटिंग के लिए मुद्दों का चयन कर लिया है. इस बीच ईटीवी भारत हरियाणा की टीम ने चंडीगढ़ में मजदूरों से बात की और जाना की वो किन मुद्दों पर मतदान करेंगे? कैसा सांसद और सरकार वो चाहते हैं?

चंडीगढ़ में नहीं बना मजदूर चौक: चंडीगढ़ में काम कर रहे मजदूरों ने बताया कि उनके लिए चंडीगढ़ में मजदूर चौक नहीं बना है. ना ही उन्हें मजदूर भवन मिला है. आज भी चंडीगढ़ में सालों से काम कर मजदूर आम सुविधओं के लिए तरस रहे हैं. मौजूदा समय में चंडीगढ़ में लगभग डेढ़ लाख के करीब मजदूर रहते हैं. लंबे समय से शहर के सांसद से लेकर पूर्व सांसद और प्रशासक मजदूर भवन बनाने का वादा कर चुके हैं, लेकिन धरातल पर किसी भी नेता द्वारा कुछ नहीं किया गया.

सांसद पर अनदेखी का आरोप: बता दें कि सांसद किरण खेर ने साल 2017 में मजदूर भवन के निर्माण के लिए उस समय एडवाइजर रह चुके परिमल राय को पत्र भी लिखा था. इसके बाद पूर्व सांसद सत्यपाल जैन ने फरवरी 2021 को यूटी प्रशासक की सलाहकार परिषद की बैठक में मजदूर भवन बनाने बनाने का सुझाव रखा था. जहां मजदूर अपने समारोह और विवाह आदि के कार्यक्रमों का आयोजन कर सकें. अब प्रशासन के अधिकारी इस प्रस्ताव को ही भूल चुके हैं.

सरकार से नाराज मजदूर: लेबर विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि अब इस मामले को वो नहीं देख रहे हैं. 2016 तक चंडीगढ़ सेक्टर 34 जिसे एक्सबिशन ग्राउंड के नाम से जाना जाता है. पहले लेबर चौक के नाम से जाना जाता था. जहां शहर किसी भी व्यक्ति को आसानी से मजदूर मिल जाता था, लेकिन उसे हटा दिया गया. उस समय से मजदूर कभी सेक्टर 20 तो कभी सेक्टर 45 के चौक पर खड़े होकर दिनभर काम मिलने का इंतजार करते हैं.

लागातर बढ़ रही महंगाई: पालेराम नाम के मजदूर ने बताया कि "मैं पिछले 20 साल से चंडीगढ़ में मजदूर का काम कर रहा हूं. लेकिन महंगाई को घटते नहीं, दिन प्रतिदिन बढ़ते हुए देखा है. मजदूरों के लिए कोई भी ऐसा काम नहीं किया गया. जिसकी सराहना की जाए. महंगाई जैसे थी, वैसी है. ये नेता चुनाव के दौरान सड़कों पर दिखाई देते हैं और चुनाव जीतने के बाद आपने अपने घरों में घुस जाते हैं. चंडीगढ़ में मजदूरों के लिए कुछ नहीं किया गया है."

'सोच समझकर देंगे वोट': मजदूर विकास ने बताया "यूपी के नेताओं का हाल ऐसा है कि वे गरीब जनता को ज्यादा तंग करते हैं. आज हम लोग जहां अपने घरों से दूर किसी अन्य शहर में काम कर रहे हैं, ऐसी स्थिति में हमारे घरों और जमीनों पर वहां के ही राजनेताओं द्वारा कब्जा किया जा रहा है. जिसकी लड़ाई मैं आज लड़ रहा हूं. मैंने अपने स्थानीय एमएलए के खिलाफ कोर्ट में मामला दर्ज किया है. क्योंकि आज हमारा घर और जमीन दांव पर लगी हुई है. वहां के ही किसी राजनेता ने अपने किसी चहेते व्यक्ति को फायदा देने के लिए हमारी जमीन पर कब्जा करने की कोशिश की है."

ये भी पढ़ें- भव्य बिश्नोई की बढ़ी 'भव्यता', BJP ने दी बड़ी जिम्मेदारी, हरियाणा युवा मोर्चे के प्रभारी बने - Loksabha Election 2024

ये भी पढ़ें- करनाल लोकसभा सीट को लेकर बोले युवा- 'कांग्रेस ने बड़े नेताओं को छोड़कर छोटे कार्यकर्ता पर खेला दाव, मनोहर लाल मजबूत चेहरा' - Youth Reaction on Karnal Lok Sabha

चंडीगढ़ के मजदूरों ने महंगाई को बताया चुनावी मुद्दा, बोले- नेता सिर्फ वादे करते हैं, जमीनी स्तर पर कुछ नहीं करते

चंडीगढ़: देश में लोकसभा का चुनाव जारी है. हरियाणा में छठे चरण के तहत 25 मई को मतदान होगा. लिहाजा सभी राजनीतिक दल चुनाव प्रचार में जुटे हैं. वहीं जनता ने भी वोटिंग के लिए मुद्दों का चयन कर लिया है. इस बीच ईटीवी भारत हरियाणा की टीम ने चंडीगढ़ में मजदूरों से बात की और जाना की वो किन मुद्दों पर मतदान करेंगे? कैसा सांसद और सरकार वो चाहते हैं?

चंडीगढ़ में नहीं बना मजदूर चौक: चंडीगढ़ में काम कर रहे मजदूरों ने बताया कि उनके लिए चंडीगढ़ में मजदूर चौक नहीं बना है. ना ही उन्हें मजदूर भवन मिला है. आज भी चंडीगढ़ में सालों से काम कर मजदूर आम सुविधओं के लिए तरस रहे हैं. मौजूदा समय में चंडीगढ़ में लगभग डेढ़ लाख के करीब मजदूर रहते हैं. लंबे समय से शहर के सांसद से लेकर पूर्व सांसद और प्रशासक मजदूर भवन बनाने का वादा कर चुके हैं, लेकिन धरातल पर किसी भी नेता द्वारा कुछ नहीं किया गया.

सांसद पर अनदेखी का आरोप: बता दें कि सांसद किरण खेर ने साल 2017 में मजदूर भवन के निर्माण के लिए उस समय एडवाइजर रह चुके परिमल राय को पत्र भी लिखा था. इसके बाद पूर्व सांसद सत्यपाल जैन ने फरवरी 2021 को यूटी प्रशासक की सलाहकार परिषद की बैठक में मजदूर भवन बनाने बनाने का सुझाव रखा था. जहां मजदूर अपने समारोह और विवाह आदि के कार्यक्रमों का आयोजन कर सकें. अब प्रशासन के अधिकारी इस प्रस्ताव को ही भूल चुके हैं.

सरकार से नाराज मजदूर: लेबर विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि अब इस मामले को वो नहीं देख रहे हैं. 2016 तक चंडीगढ़ सेक्टर 34 जिसे एक्सबिशन ग्राउंड के नाम से जाना जाता है. पहले लेबर चौक के नाम से जाना जाता था. जहां शहर किसी भी व्यक्ति को आसानी से मजदूर मिल जाता था, लेकिन उसे हटा दिया गया. उस समय से मजदूर कभी सेक्टर 20 तो कभी सेक्टर 45 के चौक पर खड़े होकर दिनभर काम मिलने का इंतजार करते हैं.

लागातर बढ़ रही महंगाई: पालेराम नाम के मजदूर ने बताया कि "मैं पिछले 20 साल से चंडीगढ़ में मजदूर का काम कर रहा हूं. लेकिन महंगाई को घटते नहीं, दिन प्रतिदिन बढ़ते हुए देखा है. मजदूरों के लिए कोई भी ऐसा काम नहीं किया गया. जिसकी सराहना की जाए. महंगाई जैसे थी, वैसी है. ये नेता चुनाव के दौरान सड़कों पर दिखाई देते हैं और चुनाव जीतने के बाद आपने अपने घरों में घुस जाते हैं. चंडीगढ़ में मजदूरों के लिए कुछ नहीं किया गया है."

'सोच समझकर देंगे वोट': मजदूर विकास ने बताया "यूपी के नेताओं का हाल ऐसा है कि वे गरीब जनता को ज्यादा तंग करते हैं. आज हम लोग जहां अपने घरों से दूर किसी अन्य शहर में काम कर रहे हैं, ऐसी स्थिति में हमारे घरों और जमीनों पर वहां के ही राजनेताओं द्वारा कब्जा किया जा रहा है. जिसकी लड़ाई मैं आज लड़ रहा हूं. मैंने अपने स्थानीय एमएलए के खिलाफ कोर्ट में मामला दर्ज किया है. क्योंकि आज हमारा घर और जमीन दांव पर लगी हुई है. वहां के ही किसी राजनेता ने अपने किसी चहेते व्यक्ति को फायदा देने के लिए हमारी जमीन पर कब्जा करने की कोशिश की है."

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