पंचकूला: चंडीगढ़ पुलिस की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही. एक हफ्ते से ज्यादा का समय बीत चुका है, अभी तक पुलिस सरकारी रिकॉर्ड के रजिस्टर को नहीं ढूंढ पाई है. दरअसल बंदरों की टोली में से एक बंदर सेक्टर 26 पुलिस लाइन से सरकारी रिकॉर्ड के रजिस्टर को लेकर भाग गया था. अभी तक चंडीगढ़ पुलिस मामले में खाली हाथ है. ना तो तो मामले में एफआईआर दर्ज हुई है और ना ही पुलिस सरकारी रिकॉर्ड की तलाश कर पाई है.
कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति! जो रजिस्टर बंद लेकर भागा है. उसको खोजने के लिए चंडीगढ़ पुलिस की तरफ से अभी तक खानापूर्ति ही की गई है. एक पुलिसकर्मी ने सेक्टर-26 थाना पुलिस के बजाय पुलिस लाइन में ही डीडीआर (दैनिक डायरी रिपोर्ट) दर्ज करवाई. मामला अजीब और असामान्य होने के चलते कोई एफआईआर दर्ज नहीं कराई गई है. इसके अलावा सरकारी रजिस्टर की तलाश के लिए कोई प्रभावी कार्रवाई तक नहीं की गई है.
कब मिलेगा सरकारी रिकॉर्ड की रजिस्टर? बताया जा रहा है कि चंडीगढ़ सेक्टर 26 की पुलिस लाइन में पुलिसकर्मी धूप में बैठकर अपना सरकारी कामकाज कर रहे थे. इस दौरान बंदरों का एक झुंड वहां पहुंचा. उनमें से एक बंदर ने सरकारी रोजनामचा यानी रजिस्टर उठा लिया. बंदर के हाथों से सरकारी रजिस्टर को वापस लेने के लिए पुलिसकर्मी उसके पीछे डंडा लेकर दौड़े. ना तो बंदर पुलिस के हाथ आया और ना ही सरकारी रजिस्टर.
पुलिस के सिरदर्द बना मामला: जिस रजिस्टर को बंदर अपने साथ ले गया है. उसमें रोजाना की महत्वपूर्ण जानकारियां भरी जाती हैं. जैसे घोड़ा गश्त दल की दैनिक ड्यूटी, पुलिसकर्मियों की तैनाती और पूरे दिन के घटनाक्रम. हर महीने या फिर रजिस्टर के भरने के बाद नया रोजनामचा (रजिस्टर) लगाया जाता है, लेकिन अब इसका नहीं मिलना पुलिसकर्मियों के लिए सिरदर्द बना हुआ है.
राम भरोसे सरकारी रजिस्टर की जांच: पुलिस सूत्रों के अनुसार रजिस्टर के कुछ फटे हुए पेज मिले हैं, लेकिन पूरा रिकॉर्ड नहीं मिल सका है. मामले में सेक्टर 26 थाना पुलिस के पास डीडीआर दर्ज नहीं करवाई गई है और ना ही पुलिस अधिकारियों ने थाने के पुलिस जवानों को सरकारी रजिस्टर की तलाश का जिम्मा सौंपा. नतीजतन अब सरकारी रजिस्टर का मिलना राम के भरोसे पर है.
सच और झूठ की जांच: पुलिस विभाग के उच्च अधिकारी मामले की जांच कर ये पता लगाने के प्रयास में हैं कि पुलिसकर्मियों द्वारा रोजनामचा (रजिस्टर) गायब होने के बारे में सच बताया गया या किसी प्रकार की कोई गड़बड़ी हो सकती है. हालांकि, सेक्टर 26 पुलिस लाइन में बंदर काफी संख्या में हैं. पुलिसकर्मियों द्वारा बंदरों से होने वाली परेशानी को उच्च अधिकारियों के संज्ञान में लाया भी गया है लेकिन समस्या का फिलहाल कोई समाधान नहीं निकल सका है.