चंडीगढ़: चंडीगढ़ में पंजाब यूनिवर्सिटी (पीयू) की सर्वोच्च बॉडी सीनेट का कार्यकाल समाप्त हो गया है. चंडीगढ़ के एमपी मनीष तिवारी ने बीते दिन उपराष्ट्रपति से इस संबंध में एक खास मुलाकात की. जहां उन्होंने पंजाब यूनिवर्सिटी के छात्रों द्वारा की जा रही मांग को लेकर अपना पक्ष रखा. शुक्रवार को एमपी मनीष तिवारी छात्रों से मिलने के लिए पंजाब यूनिवर्सिटी पहुंचे. उन्होंने आश्वासन दिया कि उनकी बात उपराष्ट्रपति से हो चुकी है और वह जल्द ही इस मामले का संज्ञान लेंगे और इसे सुलझाएंगे.
मनीष तिवारी ने उपराष्ट्रपति के साथ की मुलाकात: गुरुवार को मनीष तिवारी ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ व पंजाब यूनिवर्सिटी के चांसलर के साथ सीनेट के कार्यकाल खत्म होने के बावजूद भी चुनाव की तारीख का ऐलान न होने को लेकर गहन चर्चा की. जिस पर उपराष्ट्रपति ने इस संबंध में हस्तक्षेत्र करने की बात कही. उन्होंने कहा कि पीयू के छात्रों और शैक्षणिक समुदाय की समस्याओं का समाधान जल्द निकाला जाएगा.
वाइस चांसलर के दफ्तर के बाहर धरना: पिछले दो सप्ताह से पंजाब यूनिवर्सिटी के छात्रों द्वारा सीनेट के चुनाव कराने को लेर वाइस चांसलर के दफ्तर के बाहर धरना किया जा रहा है. बुधवार को पंजाब यूनिवर्सिटी के छात्रों द्वारा पीयू बचाओ मोर्चा लगाया था. जहां पर यूनिवर्सिटी के पुराने छात्रों और अलग-अलग राजनीतिक पार्टियों के नेताओं ने हिस्सा लिया था. जिसमें आम आदमी पार्टी, शिरोमणि खाली दल और कांग्रेस के नेता शामिल हुए. सभी राजनीतिक नेताओं की ओर से विश्वविद्यालय को केंद्रीय नियंत्रण से बचाने के लिए एक जुट होने का संकल्प लिया गया.
छात्रों की आजादी पर मंडराया खतरा!: बता दें कि पंजाब यूनिवर्सिटी के छात्रों द्वारा अभी भी प्रदर्शन किया जा रहा है उनका कहना है कि यह मुद्दा गंभीर है. पंजाब विश्वविद्यालय को केंद्रीय नियंत्रण से बचाने के लिए सभी को मिलकर काम करना होगा. छात्र नेताओं ने इस संघर्ष को पार्टी राजनीति से ऊपर उठकर समर्थन देने का ऐलान किया है. उनका कहना है कि अगर पंजाब यूनिवर्सिटी का नियंत्रण केंद्र के पास चला गया, तो इसकी अपनी धरोहर एक बड़े संकट में आ जाएगी. जिससे सालों से चली आ रही छात्रों की आजादी खतरे में पड़ सकती है.
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