चंडीगढ़: चंडीगढ़ नगर निगम इन दिनों वित्तीय संकट झेल रहा है. इस संकट से उबरने के लिए मेयर ने सोमवार को बड़ी बैठक रखी है. बैठक में प्रॉपर्टी टैक्स पर मंथन होगा. इस बैठक में 36 सरकारी विभाग शामिल होंगे. बैठक में चंडीगढ़ के सभी उच्च अधिकारी मौजूद रहेंगे. इस खास बैठक में जिन-जिन विभागों पर संपत्ति कर बकाया है, उसे जल्द चुकाने के निर्देश दिए जाएंगे.
36 विभागों की संयुक्त बैठक: दरअसल चंडीगढ़ नगर निगम पिछले कई महीनों से वित्तीय संकट से गुजर रहा है. साल 2024 -2025 में नगर निगम का कुल खर्च करीब 1110 करोड़ रुपए का है, लेकिन खुद की कमाई और प्रशासन से मिली ग्रांट से कुल करीब 910 करोड़ रुपए ही निगम जुटा पाया है. ऐसे में नगर निगम को 200 करोड़ की सख्त जरुरत है, क्योंकि आने वाले कुछ माह में कर्मचारियों को वेतन देने में भी नगर निगम असमर्थ हो जाएगा. इस वित्तीय संकट से बाहर निकलने के लिए चंडीगढ़ मेयर कुलदीप ने आज निगम के लगभग सभी 36 विभागों की संयुक्त बैठक बुलाई है. निगम के कमिश्नर अमित कुमार भी आज इस बैठक में शामिल होंगे.
संपत्ति कर बकाया पर होगी चर्चा: निगम की ओर से चंडीगढ़ के सभी सरकारी विभागों को निर्देश जारी किए गए हैं कि उनका जितना भी संपत्ति कर बकाया है, वो जल्द नगर निगम को चुकाए. ऐसे में मुख्य रूप में निगम का ध्यान राजस्व बढ़ाने और सरकारी विभागों से बकाया वसूलने पर है. निगम की वित्तीय स्थिति पर मेयर कुलदीप कुमार ने चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाबचंद कटारिया और अन्य अधिकारियों के साथ बैठक की थी. प्रशासन ने फिलहाल बची हुई अतिरिक्त ग्रांट को देने से मना कर दिया है. निगम ने खुद ही राजस्व बढ़ाने की बात कही है.
28 विभागों पर है बकाया: सबसे ज्यादा बकाया पंजाब यूनिवर्सिटी और पीजीआई पर है. इन दोनों संस्थाओं का बकाया करीब 109 करोड़ रुपए के आसपास है. इसे गंभीरता से लेते हुए कमिश्नर ने अपनी एक बैठक भी आज रखी है. सिर्फ 28 सरकारी विभागों पर करीब निगम का 150 करोड़ रुपए बकाया है.
इन विभागों पर सबसे ज्यादा बकाया:
विभाग | बकाया राशि |
पंजाब यूनिवर्सिटी | 67.50 करोड़ |
पीजीआई | 41.53 करोड़ |
पैक, सेक्टर 12 | 14.07 करोड़ |
स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स 43 | 6.13 करोड़ रुपए |
एयर फोर्स स्टेशन 28, 31 और 47 | 3.03 करोड़ |
पंजाब यूनिवर्सिटी रजिस्ट्रार | 2.95 करोड़ |
सेक्टर 23 इलेक्ट्रिसिटी विभाग | 2.70 करोड़ |
जिला अदालत परिसर | 1.03 करोड़ |
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