देहरादून: उत्तराखंड की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की लचर स्थिति किसी से छुपी नहीं है. राज्य सरकार लगातार इस बात पर जोर दे रही है कि प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर किया जाए. जिससे लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ दिया जा सके. स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर करने की कवायद के बीच पहली बार उत्तराखंड के किसी स्वास्थ्य केंद्र को राष्ट्रीय गुणवत्ता आष्वासन मानक सर्टिफिकेट दिया गया है. चंपावत जिले के आयुष्मान आरोग्य मंदिर गैरीगोठ को स्वास्थ्य सेवा में बेहतर कार्य के लिए राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (एनक्यूएएस) सर्टिफिकेशन दिया गया है.
राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक सर्टिफिकेट प्राप्त करने के लिए स्वास्थ्य केंद्र को तमाम मानकों पर खरा उतरना पड़ता है. जिसके लिए तमाम मानक हैं जिनके आधार पर एनक्यूएएस सर्टिफिकेट दिया है.
- गर्भावस्था और प्रसव के दौरान देखभाल.
- नवजात की देखभाल
- किशोर अवस्था के दौरान स्वास्थ्य की देखभाल
- परिवार नियोजन सुविधा
- गर्भनिरोधक सुविधा
- अन्य प्रजनन स्वास्थ्य देखभाल सेवाएं
- संचारी रोगों का प्रबंधन
- राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रम
- सामान्य संचारी रोगों का प्रबंधन
- गंभीर साधारण बीमारियों और छोटी बीमारियों के लिए इलाज की सुविधा.
- गैर-संचारी रोगों का इलाज.
- टीबी एवं कुष्ठ रोग जैसी पुरानी संचारी बीमारियों की जांच
- सामान्य नेत्र और ईएनटी मरीजों का इलाज समेत अन्य मानक
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन निदेशक स्वाति भदौरिया ने कहा राष्ट्रीय गुणवत्ता अस्वाशन मानकों पर खरा उतरने के लिए पिछले एक साल से प्रयास किया जा रहा था. जिसके तहत स्वास्थ्य केंद्रों में मानकों के अनुरूप तमाम व्यवस्थाओं को व्यवस्थित किया गया. जिसके चलते चंपावत जिले के आयुष्मान आरोग्य मंदिर गैरीगोठ को एनक्यूएएस सर्टिफिकेट मिला है. स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने गौरीगोठ स्वास्थ्य केंद्र के टीम को बधाई दी. उन्होंने कहा यह प्रदेश के लिए एक बड़ी उपलब्धि है.
स्वास्थ्य सचिव ने कहा प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर करने के लिए कई बड़े कदम उठाए गए हैं. जिसके तहत अस्पतालों के इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के साथ ही विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती की गई है. प्रदेश की जनता को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ दिए जाने को लेकर निजी क्षेत्र का भी सहयोग लिया जा रहा है. हरिद्वार मेडिकल कॉलेज, हर्रावाला स्थित 300 बेड के सुपर स्पेशलिटी कैंसर अस्पताल, मोतीनगर स्थित 200 बेड के सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल, हरिद्वार स्थित 200 बेड के एमसीएच सेंटर को लीज-ऑन एंड ट्रांसफर मॉडल पर निजी क्षेत्र के सहयोग से संचालित करने का निर्णय लिया गया है.