पाकुड़: जिला मुख्यालय के बाजार समिति प्रांगण में मांझी परगना महासम्मेलन का आयोजन किया गया. सम्मेलन में पाकुड़ के अलावा संथाल परगना के कई जिलों के ग्रामप्रधान, गुड़ित, नायकी, जोगमांझी आदि ने हिस्सा लिया. कार्यक्रम में मुख्य रूप से राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन एवं पूर्व विधायक लोबिन हेंब्रम भाग लेने पहुंचे. पूर्व सीएम के आगमन पर आदिवासी समाज के लोगों ने पारंपरिक तरीके से उनका स्वागत किया. चंपाई सोरेन ने संथाल परगना में आदिवासियों की घटती आबादी एवं लुटती जमीन पर चिंता जताई.
महासम्मेलन में आदिवासी समाज की पारंपरिक व्यवस्था का संचालन करने वाले ग्राम प्रधानों, गुड़ित नायकी सहित आदिवासी समाज के हजारों लोगों को संबोधित करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने कहा कि हमारे समाज की बहू बेटियों के साथ खिलवाड़ करने वालों को उखाड़ फेंकने का काम किया जाएगा. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि संथाल परगना कास्तकारी अधिनियम रहने के बावजूद गांवों से आदिवासी उजड़ गये, क्योंकि हमारी मांझी परगना व्यवस्था को कमजोर कर दिया गया.
उन्होंने कहा कि हम आदिवासी समाज को उनका हक एवं अधिकार दिलाने के लिए उन्हें जगाने का काम कर रहे हैं. चंपाई सोरेन ने कहा कि बांग्लादेशी घुसपैठियों को बसाने के लिए आदिवासियों की जमीन हड़पने का काम किया गया है. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिवासी समाज की व्यवस्था देश परगना है. उन्होंने कहा कि मांझी परगना, मांझी के साथ आदिवासियों को जगाने का काम किया जा रहा है. इसके बाद बड़ा वैसी बुलाकर आदिवासियों की हड़पी जमीन उन्हें वापस दिलाने का काम किया जाएगा.
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