कुल्लू: सनातन धर्म में मां दुर्गा की पूजा विभिन्न रूपों में की जाती है. साल में दो बार नवरात्रि का त्योहार पूरे भारत में मां दुर्गा को समर्पित किया जाता है. नवरात्रि में माता दुर्गा की 9 दिनों तक विशेष पूजा की जाती है. इस साल 9 अप्रैल को नवरात्रि का त्योहार शुरू होगा और कलश स्थापना के साथ ही पहली पूजा शुरू की जाएगी. 9 दिनों तक चैत्र नवरात्रि का त्योहार धूमधाम से मनाया जाएगा और इसके साथ ही हिंदू नव वर्ष का भी शुभारंभ होगा.
9 अप्रैल से नवरात्रि का त्योहार शुरू: चैत्र नवरात्रि के पहले दिन घट स्थापना की जाएगी और 9 दिनों तक मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाएगी. मां दुर्गा को सुख-समृद्धि और धन की देवी कहा जाता है. ऐसे में मान्यता है की मां दुर्गा की नवरात्रों में पूजा करने वाले भक्तों पर माता रानी की विशेष कृपा रहती है. 15 अप्रैल को महा सप्तमी है और इसी दिन रात में निशा पूजा की जाएगी. 16 अप्रैल को महाष्टमी की पूजा होगी और 17 अप्रैल को रामनवमी के दिन नवरात्रों का समापन किया जाएगा.
पहले नवरात्रि घट स्थापना का मुहूर्त: आचार्य दीप कुमार का कहना है कि इस दिन पहले नवरात्रि घट स्थापना का मुहूर्त सुबह 6:12 से लेकर 10:23 तक होगा और 4 घंटे 11 मिनट तक यह मुहूर्त रहेगा. वही, अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12:30 से 12:53 तक रहेगा. जिसकी अवधि 50 मिनट रहेगी. आचार्य दीप कुमार का कहना है कि कलश की स्थापना मंदिर के उत्तर पूर्व दिशा में की जानी चाहिए और माता की चौकी लगाकर उस पर कलश स्थापित करना चाहिए. फिर चौकी में एक सुपारी कुछ सिक्के, दूर्वा, हल्दी की गांठ भी कलश में रखे. कलश के मुख पर एक नारियल को लाल वस्त्र में लपेट कर रखें.
इस विधि से करें पूजा मां दुर्गा होंगी प्रसन्न: चावल से अष्टदल बनाकर मां दुर्गा के प्रतिमा स्थापित करें और उन्हें लाल या गुलाबी चुनरी ओढ़ाए. कलश स्थापना के साथ ही अखंड दीपक की स्थापना भी की जाती है. उसके बाद पहले नवरात्रि के दिन मां शैलपुत्री की पूजा करें और अपने सुख समृद्धि के लिए मां दुर्गा से प्रार्थना करें.