शहडोल। चैत्र नवरात्र की शुरुआत 9 अप्रैल से हो चुकी है, 11 अप्रैल को चैत्र नवरात्र का तीसरा दिन है. चैत्र नवरात्रि के तीसरे दिन चंद्रघंटा देवी की पूजा की जाती है. ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री से जानते हैं कि चंद्रघंटा देवी की किस विधि विधान से पूजा करें. कौन सा भोग देवी को पसंद है, किस चीज का भोग लगाएं और किस विशेष मनोकामना की पूर्ति के लिए मां चंद्रघंटा की पूजा होती है.
चैत्र नवरात्र, तीसरे दिन चंद्रघंटा की करें पूजा
ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री कहते हैं, नवरात्रि के तीसरे दिन जिस देवी की पूजा की जाती है. वो चंद्रघंटा माता की पूजा की जाती है. ये सिंह पर सवार होती हैं.
शत्रुओं पर नाश के लिए करें विशेष पूजा
ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री कहते हैं की नवरात्रि के तीसरे दिन माता के चंद्रघंटा स्वरूप की पूजा की जाती है. चंद्रघंटा देवी की पूजा
शत्रुओं का नाश करने के लिए किया जाता है. इस देवी की 10 भुजाएं होती हैं. पांच भुजा में कमल और कमंडल रखी होती है. पांच भुजाओं में तलवार, गदा खड़क और अस्त्र शस्त्र होते हैं.
पूजा विधि, अर्पित करें ये विशेष फूल
चंद्रघंटा देवी की पूजा के लिए प्रातः कालीन स्नान करें, व्रत करने का संकल्प लें और तांबे के लौटा में शुद्ध जल ले लें. थोड़ा चावल और चने की दाल लेकर मंदिर में पहुंचे. मंदिर में पहुंचकर पहले माता को जल चढ़ाएं. इसके बाद चावल और चने की दाल चढ़ाऐं. चंद्र घंटा देवी को विशेष कर केसर और कमल का फूल अगर अर्पित करें, तो माता बहुत प्रसन्न होती हैं, हर मनोकामना को पूर्ण करती हैं.
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गाय से बना ये भोग करें अर्पित
ज्योतिष आचार्य कहते हैं की चंद्रघंटा देवी को विशेष कर गाय के दूध से बनी मिठाई हो, गाय के दूध से बना खीर हो, ऐसा मीठा पकवान जिसमें गाय के दूध का प्रयोग हुआ हो, विधि विधान से माता की पूजा करने के बाद अगर वहां पर ऐसा भोग लगाएं, तो माता बहुत प्रसन्न होती हैं. दुश्मनों की हार होती है. शत्रुओं पर विजय होता है, विधि विधान से जो माता की पूजा करते हैं. व्रत करते हैं, तो उन्हें जीत मिलती है.