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रोहतास में सोन नदी के तट पर उदीयमान भगवान भास्कर को व्रतियों ने दिया अर्घ्य, 4 दिवसीय चैती छठ महापर्व का समापन - Chaiti Chhath 2024

Chaiti Chhath Puja 2024: रोहतास में चार दिवसीय चैती छठ महापर्व का उदीयमान भगवान भास्कर को अर्घ्य देकर समापन हो गया. इसे लेकर सोन नदी के घाट पर हर साल की तरह हजारों की संख्या में छठ व्रती नजर आए. आगे पढ़ें पूरी खबर.

रोहतास में छठ पूजा का समापन
रोहतास में छठ पूजा का समापन
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Apr 15, 2024, 10:25 AM IST

रोहतास में छठ पूजा का समापन

रोहतास: बिहार के रोहतास में चैती छठ महापर्व को लेकर सोन नदी के तट पर आज अंतिम दिन हजारों की संख्या में व्रतियों की भीड़ नजर आई. सभी ने उदीयमान भगवान भास्कर को अर्घ्य दिया और इसके साथ ही चार दिवसीय चैती छठ महापर्व का समापन हो गया. दअरसल जिले के डेहरी ऑन सोन स्थित सोन नदी के इमलिया घाट, हनुमान घाट और स्पाइसी हट के नजदीक छठ घाटों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी गई. वहीं इस आस्था के महापर्व को लेकर लोगों मे उत्साह देखते ही बन रहा था.

आस्था का महापर्व है छठ: बता दें कि सोन नदी के तट पर छठ पूजा करने के लिए जिले सहित अन्य राज्यों से भी लोग यहां आते है. लाल कॉलोनी निवासी छठ व्रती मनीषा श्रीवास्तव बताती है कि छठ आस्था का महापर्व है. उनके लिए सबसे बड़ा त्यौहार है, सबसे बड़ी बात है कि छठी मैया से जो भी मनोकामना मांगी जाती है, छठी मईया उसे पूरा करती हैं.

"साल में दो बार छठ महापर्व होता हैं लेकिन इस चैत के महीने में व्रत करना थोड़ा कठिन होता है. हालांकि आस्था इतनी होती है कि हम सभी आसानी से व्रत कर लेते है और हमारी मनोकामना छठी मैया पूरी करती हैं."-मनीषा सिन्हा, व्रती

गोताखोरों की भी तैनाती: बता दें कि छठ महापर्व को लेकर स्थानीय पूजा समिति के लोगों के द्वारा छठ घाट पर दातुन, गाय का दूध सहित पीने का पानी भी बांटा गया. वहीं इस दौरान छठ घाटों को भी बड़े ही आकर्षक ढंग से सजाया गया था. स्थानीय पुलिस- प्रशासन के द्वारा सभी जगह सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए गए थे. दूसरी ओर गोताखोरों की भी तैनाती की गई थी.

पढ़ें-उदीयमान सूर्य को दिया गया अर्घ्य, मसौढ़ी मणिचक धाम पर उमड़ा आस्था का जनसैलाब - Chaiti Chhath 2024

रोहतास में छठ पूजा का समापन

रोहतास: बिहार के रोहतास में चैती छठ महापर्व को लेकर सोन नदी के तट पर आज अंतिम दिन हजारों की संख्या में व्रतियों की भीड़ नजर आई. सभी ने उदीयमान भगवान भास्कर को अर्घ्य दिया और इसके साथ ही चार दिवसीय चैती छठ महापर्व का समापन हो गया. दअरसल जिले के डेहरी ऑन सोन स्थित सोन नदी के इमलिया घाट, हनुमान घाट और स्पाइसी हट के नजदीक छठ घाटों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी गई. वहीं इस आस्था के महापर्व को लेकर लोगों मे उत्साह देखते ही बन रहा था.

आस्था का महापर्व है छठ: बता दें कि सोन नदी के तट पर छठ पूजा करने के लिए जिले सहित अन्य राज्यों से भी लोग यहां आते है. लाल कॉलोनी निवासी छठ व्रती मनीषा श्रीवास्तव बताती है कि छठ आस्था का महापर्व है. उनके लिए सबसे बड़ा त्यौहार है, सबसे बड़ी बात है कि छठी मैया से जो भी मनोकामना मांगी जाती है, छठी मईया उसे पूरा करती हैं.

"साल में दो बार छठ महापर्व होता हैं लेकिन इस चैत के महीने में व्रत करना थोड़ा कठिन होता है. हालांकि आस्था इतनी होती है कि हम सभी आसानी से व्रत कर लेते है और हमारी मनोकामना छठी मैया पूरी करती हैं."-मनीषा सिन्हा, व्रती

गोताखोरों की भी तैनाती: बता दें कि छठ महापर्व को लेकर स्थानीय पूजा समिति के लोगों के द्वारा छठ घाट पर दातुन, गाय का दूध सहित पीने का पानी भी बांटा गया. वहीं इस दौरान छठ घाटों को भी बड़े ही आकर्षक ढंग से सजाया गया था. स्थानीय पुलिस- प्रशासन के द्वारा सभी जगह सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए गए थे. दूसरी ओर गोताखोरों की भी तैनाती की गई थी.

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