जबलपुर। नगर पालिका और नगर परिषद की अध्यक्ष को पहले 2 साल में अविश्वास प्रस्ताव के जरिए हटाया जा सकता था, लेकिन मध्य प्रदेश कैबिनेट नियम बदल दिया है. अब इसका फायदा दमोह नगर पालिका की अध्यक्ष और कांग्रेस नेता मंजू राय को मिला है. अब मंजू राय के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान नहीं होगा. वह अगले 1 साल तक दमोह नगरपालिका की अध्यक्ष बनी रहेंगी.
वोटिंग से पहले नगर पालिका अध्यक्ष पहुंची हाईकोर्ट
गौरतलब है कि दमोह नगर पालिका की अध्यक्ष मंजू राय के खिलाफ पार्षदों ने अविश्वास प्रस्ताव लाने का फैसला लिया. अविश्वास प्रस्ताव के बाद नगर पालिका अध्यक्ष अपने पद पर नहीं रह सकता. लेकिन इसके पहले कि मंजू राय के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग होती, उन्होंने मध्य प्रदेश हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. हाई कोर्ट में इस मामले पर सुनवाई चल ही रही थी कि इसी बीच मध्य प्रदेश सरकार की कैबिनेट ने 20 अगस्त 2024 को नगर पालिका-नगर पंचायत में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को लेकर नियम में परिवर्तन कर दिया.
कांग्रेस की नगरपालिका अध्यक्ष के खिलाफ बीजेपी पार्षद
मध्यप्रदेश सरकार ने फैसला किया कि पहले जो अविश्वास प्रस्ताव 2 साल में लाया जा सकता था, उसकी अवधि बढ़ाकर अब 3 साल कर दी गई है. मंजू राय की ओर से पैरवी कर रहे वकीलों ने इसी नियम का हवाला देकर हाईकोर्ट में यह दलील दी. क्योंकि अब नियम बदल गया है. इसलिए फिलहाल मंजू राय के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव सदन में नहीं लाया जा सकता और भी अगले 1 साल तक तक फिर नगर पालिका के अध्यक्ष बनी रहेंगी. बता दें कि दमोह नगर पालिका में कांग्रेस की नेता मंजू राय नगर पालिका अध्यक्ष हैं. भारतीय जनता पार्टी के पार्षदों ने उन्हें हटाने के लिए अविश्वास प्रस्ताव की मांग की थी, जिस पर मतदान होना था. एडवोकेट हर्षित बारी ने ये जानकारी दी.