बलरामपुर : छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की सरकार ने 35000 लोगों को साक्षर बनाने की पहल की है. मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने शिक्षा को परिवर्तन के लिए दुनिया का सबसे शक्तिशाली हथियार बताया है. इसके तहत बलरामपुर प्रशासन ने विभिन्न आयु वर्ग के 35000 लोगों को साक्षर बनाने के लिए एक व्यापक अभियान शुरू किया है.
लोगों को साक्षर बनाने का अभियान : इस अभियान के तहत प्रदेश सरकार ने बलरामपुर जिले में करीब 3500 "उल्लास साक्षरता केंद्र" स्थापित किए हैं. प्रशासन ने बिना पढ़े लिखे लोगों की पहचान की है, जिन्हें 3500 उल्लास साक्षरता केंद्र के जरिए पढ़ाया जा रहा है. जिला प्रशासन इन केंद्रों की लगातार निगरानी कर रहा है.
शाम के समय ले रहे हैं कक्षाएं : अधिकारियों के अनुसार, प्रशासन द्वारा चुने गए स्वयंसेवक नियमित रूप से शाम के समय इन उल्लास केंद्रों पर कक्षाएं लेते हैं. इस अभियान से जुड़े ग्रामीण अक्षर ज्ञान से बहुत खुश हैं. ग्रामीणों ने यह भी बताया कि वे अपना नाम लिखना सीख रहे हैं और जल्द ही वे अंगूठे के निशान की जगह हस्ताक्षर भी कर सकेंगे, जिसका वे अभी तक अभ्यास कर रहे हैं.
किसी न किसी कारण से पढ़ाई छोड़ चुके करीब 35000 निरक्षर लोगों को साक्षर बनाने के लिए अभियान चलाया गया है. इस सिलसिले में जिले भर में 3500 उल्लास केंद्र बनाए गए हैं और इतने ही स्वयंसेवक अभियान में अपनी सक्रिय भागीदारी दर्ज करा रहे हैं : रेना जमील, सीईओ, जिला पंचायत बलरामपुर
स्कूली छात्र भी दे रहे अहम योगदान : जिला पंचायत सीईओ रेना जमील ने आगे बताया कि स्वयंसेवकों में स्कूली छात्र भी शामिल हैं. अभियान में भाग लेने वाले छात्रों के लिए सरकार ने एक प्रावधान किया है, जिसके अनुसार अगर 10वीं कक्षा का कोई छात्र इन लोगों को पढ़ाता है तो उसे बोर्ड परीक्षा में अतिरिक्त 10 अंक मिलेंगे. इसी तरह जिला और ब्लॉक स्तर के अधिकारी बुजुर्गों और स्कूल छोड़ने वाले युवाओं के लिए कक्षाएं ले रहे हैं.
(सोर्स - एएनआई)