राजनांदगांव: अपराध और अपराधियों पर लगाम कसने के लिए राजनांदगांव पुलिस अब बड़ा कदम उठाने जा रही है. पुलिस अब शहर के लोगों के साथ मिलकर पूरे शहर की निगरानी करने का प्लान फाइनल कर चुकी है. पुलिस की कोशिश है कि शहर के व्यस्त चौक चौराहों पर हाईटेक सीसीटीवी लगाए जाएं. कैमरों के जरिए पूरे शहर पर नजर रखी जा सके. शहर बड़ा होने के चलते क्राइम और दुर्घटना के वक्त पुलिस तत्काल नहीं पहुंच पाती है. सीसीटीवी से जब शहर की निगरानी होगी तो क्राइम सीन पर पुलिस जल्द पहुंच सकती है.
राजनांदगांव पुलिस का ऑपरेशन त्रिनेत्र: सीसीटीवी के जरिए न सिर्फ शहर की निगरानी होगी बल्कि अपराध होने पर अपराधियों की पहचान करना भी आसान होगा. बीते दिनों बलौदाबाजार में एसपी और कलेक्टर दफ्तर को आग के हवाले कर दिया गया था. पुलिस ने सीसीटीवी और रिकार्डिंग के डेटा से 150 से ज्यादा लोगों को इस मामले में गिरफ्तार किया. पुलिस चाहती है कि राजनांदगांव सिटी स्मार्ट सिटी में काउंट हो. स्मार्ट सिटी के लिए शहर को सीसीटीवी से लैस करना पहली प्राथमिकता होगी. पुलिस अब उसी दिशा में बढ़ रही है.
यह अपनी तरह का पहला स्मार्ट सिटी होगा जो ITMS सिस्टम से लैस होगा. इस सिस्टम के जरिए यातायात की निगरानी होगी. जनता को भी इसमें भागादारी निभानी चाहिए. शहर की आबादी फिलहाल डेढ़ लाख के करीब है. अच्छी क्वालिटी के कैमरे शहर में लगाए जाएंगे. पहले से ही शहर में जनभागीदारी से 152 कैमरे लगाए जा चुके हैं. जो कैमरे खराब हैं उनको ठीक किया जाएगा. मौजदू सिग्नल लाइटें जो खराब हैं उनको भी ठीक किया जाएगा. मूवमेंट डिटेक्शन और फेस डिटेक्शन जैसे एआई तकनीक की मदद अब ली जाएगी. - मोहित गर्ग, एसपी, राजनांदगांव
शहर की होगी निगरानी: पुलिस के मुताबिक पूरे शहर को हाईटेक कैमरों से लैस करने के लिए 1 करोड़ 25 लाख की लागत आएगी. इस योजना से सार्वजनिक सुरक्षा को बढ़ावा और कानून व्यवस्था को चाक चौबंद रखने में मदद मिलेगी. एसपी मोहित गर्ग ने बताया कि इस योजना को तैयार करने में कलेक्टर संजय अग्रवाल की भी मदद ली गई है. पुलिस की कोशिश है कि सितंबर महीने तक नई योजना से काम शुरु हो जाए. बाद में जिले के दूसरे भागों में भी इस व्यवस्था को लागू किया जाएगा.