रांची: सेंट्रल कोलफील्ड लिमिटेड यानी सीसीएल ने एक बार फिर रिकॉर्ड कोयला प्रोडक्शन कर बड़ी उपलब्धि हासिल की है. कंपनी ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में 84 मिलियन टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य रखा था. इसकी तुलना में 86.1 मिलियन टन कोयला का उत्पादन हुआ है. यही नहीं कोल डिस्पैच और ओवर बर्डेन रिमूवल मामले में भी कंपनी ने सफलता हासिल की है. कंपनी ने 82.8 मिलियन टन कोल डिस्पैच किया है. साथ ही 121.4 मिलियन क्यूबिक मीटर ओवर बर्डन रिमूव करने में सफलता पाई है.
पावर प्लांट में कोयला सप्लाई करने के मामले में भी सीसीएल ने रिकॉर्ड बनाया है. इस बार 67 मिलियन टन डिस्पैच की तुलना में 69.1 मिलियन टोन कोयला विद्युत संयंत्रों में सप्लाई हुआ है. कंपनी ने 50% के इजाफे के साथ 2314 करोड़ के कैपिटल एक्सपेंडिचर के ग्रोथ को 3641 करोड़ तक पहुंचाया है. इस उपलब्धि के लिए सीसीएल प्रबंधन ने कोल इंडिया लिमिटेड के चेयरमैन केएम प्रसाद, सीएमडी बी वीरा रेड्डी, झारखंड सरकार, ग्रामीणों और ट्रेड यूनियनों के प्रति आभार जताया है.
सीसीएल के सीएमडी बी वीरा रेड्डी ने विश्वास दिलाया है कि देश के एनर्जी डिमांड को पूरा करने के लिए कोयला डिस्पैच के मामले में कंपनी हमेशा प्रतिबद्ध रहेगी. आपको बता दें कि झारखंड के आठ जिलों मसलन, रांची, रामगढ़, हजारीबाग, बोकारो, गिरिडीह, चतरा, पलामू और लातेहार में कोयल की खदानें हैं. सीसीएल के अधिकारियों का दावा है कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में काम करते हुए कंपनी ने पिपरवार में 20MW क्षमता का सोलर पावर प्लांट और गिरिडीह में 4 MW का पावर प्लांट स्थापित किया है. कंपनी 33 इलेक्ट्रॉनिक व्हीकल का इस्तेमाल कर रही है. इसके अलावा 127 हेक्टेयर में 9 इको पार्क स्थापित किए जा रहे हैं. कंपनी का दावा है कि पिछले वित्तीय वर्ष में 6 लाख पौधारोपण भी हुआ है.
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