जयपुर : गैंगस्टर आनंदपाल सिंह के पुलिस एनकाउंटर में मारे जाने के बाद अब उसका नाम आज फिर सुर्खियों में आ गया है. एसीजेएम सीबीआई कोर्ट ने सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट को खारिज कर एनकाउंटर में शामिल 7 पुलिस कर्मियों पर मुकदमा चलाने का आदेश दिया है. इसके बाद गैंगस्टर आनंदपाल सिंह और उसका एनकाउंटर एक बार फिर चर्चा में आ गया है.
दरअसल, गैंगस्टर आनंदपाल सिंह का 24 जून 2017 की रात को पुलिस ने एनकाउंटर कर दिया था. इसके बाद उसका शव उसके पैतृक गांव सांवराद (नागौर) ले जाया गया, जहां परिजन और समाज के लोगों ने एनकाउंटर की सीबीआई जांच की मांग को लेकर शव का अंतिम संस्कार नहीं किया. एनकाउंटर के बाद 12 जुलाई को सांवराद में राजपूत समाज की एक सभा हुई, जिसमें सीबीआई जांच की मांग की गई. इस सभा के बाद जमकर उपद्रव हुआ. इस दौरान पुलिस के कई जवान भी घायल हो गए औ पुलिस के हथियार भी छीने गए थे. उपद्रवियों ने तत्कालीन नागौर एसपी की गाड़ी में भी आग लगा दी थी.
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पेशी के दौरान भागा था, दो बार मुठभेड़ : 3 सितंबर 2015 को अजमेर जेल से डीडवाना में पेशी के बाद वापस ले जाते समय आनंदपाल पुलिस पर हमला कर फरार हो गया था. उसका भाई फिल्मी स्टाइल में अपने साथियों के साथ आया और पुलिस पर हमला कर आनंदपाल को छुड़ा ले गया था. इसके बाद उसकी पुलिस से नागौर में दो बार मुठभेड़ भी हुई, लेकिन दोनों बार वह पुलिस पर फायरिंग कर भाग गया. आनंदपाल पर गंभीर अपराध के 24 मुकदमें दर्ज थे और पुलिस ने उस पर इनाम घोषित कर रखा था.
भाई और दोस्त की गिरफ्तारी से मिला सुराग : पुलिस पर हमला कर फरार होने के बाद आनंदपाल सिंह और उसका भाई अपने साथियों के साथ पुलिस से बचता रहा. इसी बीच 2017 में एसओजी ने हरियाणा के सिरसा से आनंदपाल सिंह के भाई विक्की और दोस्त देवेंद्र सिंह उर्फ गट्टू को गिरफ्तार किया था. इसके बाद एसओजी को आनंदपाल के चूरू के मालासर में छिपे होने की जानकारी मिली थी. पुलिस ने मालासर पहुंचकर उसके घर को घेर लिया और एनकाउंटर में आनंदपाल मारा गया.
सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट को परिजनों ने दी चुनौती : आनंदपाल के एनकाउंटर पर शुरू से ही सवाल उठ रहे थे. परिजनों का आरोप था कि उसे करीब से गोली मारी गई थी. सीबीआई ने कोर्ट में जब 2020 में क्लोजर रिपोर्ट पेश की, तो आनंदपाल की पत्नी राजकंवर ने इसे चुनौती दी. परिजनों ने कोर्ट में आरोप लगाया कि आनंदपाल को करीब से एक के बाद एक कई गोलियां मारी गईं. सुनवाई के बाद कोर्ट ने क्लोजर रिपोर्ट को खारिज कर दिया है. अब आनंदपाल के परिजनों को अपने गवाह कोर्ट में पेश करने को कहा गया है.
जीवनराम गोदारा की मौत से आया चर्चा में : आनंदपाल सिंह 2006 में डीडवाना में जीवनराम गोदारा की हत्या के बाद चर्चा में आया था. इसके बाद उस पर 24 मुकदमें गंभीर अपराध के दर्ज हुए. आनंदपाल सिंह से 21 लोगों की जान को खतरा बताया जा रहा था. इनमें कई मंत्री, विधायक और अफसर भी शामिल थे. फरारी के बाद एनकाउंटर के डर से आनंदपाल की मां और पत्नी ने सुप्रीम कोर्ट के वकील एपी सिंह के जरिए राज्यपाल तक गुहार लगाई थी.