रांची: लंबे इंतजार के बाद आखिरकार सीबीआई ने जेपीएससी परीक्षा में गड़बड़ी की जांच से जुड़ी चार्जशीट अदालत में समर्पित कर दिया है. शनिवार को सीबीआई के न्यायाधीश पीके शर्मा की अदालत में सीबीआई के द्वारा जेपीएससी परीक्षा गड़बड़ी मामले में आरोप पत्र दायर किया गया है. सीबीआई के द्वारा दायर किए गए आरोप पत्र में 39 लोगों को आरोपी बनाया गया है.
क्या है मामला
झारखंड राज्य अलग होने के बाद पहले और दूसरे जेपीएससी परीक्षा में जमकर धांधली को अंजाम दिया गया था. जांच में यह बात सामने आई थी कि कई लोग बिना कॉपी में लिखे ही अफसर बन गए. पहले जेपीएससी घोटाले की जांच एंटी करप्शन ब्यूरो के द्वारा शुरू की गई लेकिन बाद में जांच की जिम्मेदारी सीबीआई को दे दी गई.
सीबीआई ने जेपीएससी प्रथम के 62 और सेकंड के 172 अधिकारियों की नियुक्ति की जांच शुरू की थी. सीबीआई की जांच काफी लंबी चली, जिसमें उसे 12 साल का लंबा वक्त लग गया. हाई कोर्ट के निर्देश के बाद शनिवार को सीबीआई ने मामले में चार्जशीट दायर कर दिया है जिसमें 39 लोगों को आरोपी बनाया गया है.
कब क्या हुआ
आपको बता दें कि जेपीएससी प्रथम का रिजल्ट 2004 में और सेकंड का रिजल्ट 2008 में जारी हुआ था. दोनों परीक्षाओं में गड़बड़ी का आरोप लगा तो राज्य सरकार ने निगरानी को जांच का जिम्मा सौंप दिया. इसी बीच हाई कोर्ट में सीबीआई जांच की मांग को लेकर एक पीआईएल दर्ज की गई. हाई कोर्ट के तत्कालीन जस्टिस एन तिवारी ने 2012 में प्रथम बैच के 20 अधिकारियों के वेतन पर रोक लगाते हुए सरकार को उनसे काम लेने पर रोक लगा दिया था.
इसके विरोध में एक कैंडिडेट ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, सुप्रीम कोर्ट ने 2014 में हाई कोर्ट के द्वारा दिए गए सीबीआई जांच के आदेश को स्थगित करते हुए याचिकाकर्ता को काम पर रखने और वेतन देने का निर्देश दिया. इसके बाद सभी 20 अधिकारियों को पद पर बहाल रखा गया और जांच बंद हो गई. लेकिन साल 2017 में झारखंड सरकार ने फिर से सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटीशन दायर किया तो सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सीबीआई जांच की अनुशंसा कर दी तब से मामले की सीबीआई जांच जारी थी.
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