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छात्रवृत्ति घोटाला मामले में जांच पूरी, CBI ने 105 लोगों और 20 संस्थानों के खिलाफ दायर की चार्जशीट, 19 आरोपी गिरफ्तार - Himachal scholarship scam case

छात्रवृत्ति घोटाला मामले में जांच पूरी हो गई है. मामले में सीबीआई की ने 105 लोगों और 20 संस्थानों के खिलाफ चार्जशीट दायर की है. मामले में अब तक 19 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. पढ़िए पूरी खबर...

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Mar 29, 2024, 6:33 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश में बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाले मामले में सीबीआई ने जांच पूरी कर ली है. सीबीआई ने 20 संस्थानों और 105 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दायर की है. जिसमें इन संस्थानों के मालिक और हिमाचल प्रदेश उच्च शिक्षा विभाग के कर्मी, बैंक कर्मी और अन्य निजी व्यक्तियों के विरुद्ध आरोप पत्र दायर किए है. जांच के दौरान उच्च शिक्षा निदेशालय शिमला के कर्मचारियों, शैक्षणिक संस्थानों के चेयरमैन, वाइस चेयरमैन, निदेशकों, कर्मचारियों और बैंक कर्मियों सहित 19 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.

सीबीआई ने वर्ष 2013 से 2017 के दौरान हिमाचल प्रदेश में कथित ₹181 करोड़ के करीब की छात्रवृत्ति के फर्जी और कपटपूर्ण दावा करने वाले निजी शैक्षणिक संस्थानों के विरुद्ध हिमाचल प्रदेश सरकार के अनुरोध पर तत्काल मामला दर्ज किया. इसके बाद उच्च न्यायालय, हिमाचल प्रदेश ने भी तत्काल मामले की जांच की निगरानी की एवं उसके अनुसार समय-समय पर स्थिति संबंधी रिपोर्ट दायर की गई. यह मामला भारत सरकार द्वारा एससी, एसटी, ओबीसी श्रेणियों के छात्रों की मदद के लिए शुरू की गई एवं राज्य सरकार के माध्यम से कार्यान्वित, छात्रवृत्ति फीस प्रतिपूर्ति योजना के कथित दुरुपयोग से संबंधित है.

2019 में दर्ज हुआ था मामला: सीबीआई ने तत्कालीन सरकार के अनुरोध पर वर्ष 2019 में मामला दर्ज किया था. सरकार ने प्रदेश में निजी शैक्षणिक संस्थानों के खिलाफ छात्रवृत्ति में फर्जीवाड़े की शिकायत की थी. वर्ष 2013 से 2017 के दौरान करीब 181 करोड़ का हेरफेर हुआ था, जो जांच में बाद में और बड़ी राशि के तौर पर तब्दील हुआ. खासतौर पर एससी एसटी छात्रों की छात्रवृत्ति में धांधली हुई थी. इसके बाद हाईकोर्ट ने भी मामले की जांच की निगरानी की और समय-समय पर स्थिति रिपोर्ट दायर की गई. सीबीआई की प्राथमिकी के बाद ईडी भी इस मामले में जांच कर रही है.बीते वर्ष सितंबर महीने के पहले हफ्ते में ईडी ने मंडी जिले के बल्ह में एक निजी संस्थान पर रेड मारी थी और छापों के दौरान बैंक खातों में 2.55 करोड़ रूपए की अघोषित नकदी जब्त की गई.

इस मामले में ईडी भी कर रही जांच: सीबीआई की प्राथमिकी के बाद ईडी भी इस मामले में जांच कर रही है. वर्ष 2023 में सितंबर महीने के पहले हफ्ते में ईडी ने मंडी जिले के बल्ह में एक निजी संस्थान पर रेड मारी थी. छापों के दौरान बैंक खातों में अघोषित नकदी जब्त की गई है. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है. एएसएएमएस एजुकेशन ग्रुप के पार्टनर राजदीप जोसन और कृष्ण कुमार, केसी ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट पंडोगा के उपाध्यक्ष हितेश गांधी और हिमाचल उच्च शिक्षा निदेशालय की छात्रवृत्ति शाखा के तत्कालीन अधिकारी अरविंद राजटा की गिरफ्तारी हुई है. सभी आरोपियों को मनी लॉन्ड्रिंग केस में अरेस्ट किया गया है.

ये भी पढ़ें: '4 जून को एक नहीं बनेगी दो सरकार, हिमाचल की जनता प्रदेश में भी चुनेगी नई सरकार'

शिमला: हिमाचल प्रदेश में बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाले मामले में सीबीआई ने जांच पूरी कर ली है. सीबीआई ने 20 संस्थानों और 105 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दायर की है. जिसमें इन संस्थानों के मालिक और हिमाचल प्रदेश उच्च शिक्षा विभाग के कर्मी, बैंक कर्मी और अन्य निजी व्यक्तियों के विरुद्ध आरोप पत्र दायर किए है. जांच के दौरान उच्च शिक्षा निदेशालय शिमला के कर्मचारियों, शैक्षणिक संस्थानों के चेयरमैन, वाइस चेयरमैन, निदेशकों, कर्मचारियों और बैंक कर्मियों सहित 19 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.

सीबीआई ने वर्ष 2013 से 2017 के दौरान हिमाचल प्रदेश में कथित ₹181 करोड़ के करीब की छात्रवृत्ति के फर्जी और कपटपूर्ण दावा करने वाले निजी शैक्षणिक संस्थानों के विरुद्ध हिमाचल प्रदेश सरकार के अनुरोध पर तत्काल मामला दर्ज किया. इसके बाद उच्च न्यायालय, हिमाचल प्रदेश ने भी तत्काल मामले की जांच की निगरानी की एवं उसके अनुसार समय-समय पर स्थिति संबंधी रिपोर्ट दायर की गई. यह मामला भारत सरकार द्वारा एससी, एसटी, ओबीसी श्रेणियों के छात्रों की मदद के लिए शुरू की गई एवं राज्य सरकार के माध्यम से कार्यान्वित, छात्रवृत्ति फीस प्रतिपूर्ति योजना के कथित दुरुपयोग से संबंधित है.

2019 में दर्ज हुआ था मामला: सीबीआई ने तत्कालीन सरकार के अनुरोध पर वर्ष 2019 में मामला दर्ज किया था. सरकार ने प्रदेश में निजी शैक्षणिक संस्थानों के खिलाफ छात्रवृत्ति में फर्जीवाड़े की शिकायत की थी. वर्ष 2013 से 2017 के दौरान करीब 181 करोड़ का हेरफेर हुआ था, जो जांच में बाद में और बड़ी राशि के तौर पर तब्दील हुआ. खासतौर पर एससी एसटी छात्रों की छात्रवृत्ति में धांधली हुई थी. इसके बाद हाईकोर्ट ने भी मामले की जांच की निगरानी की और समय-समय पर स्थिति रिपोर्ट दायर की गई. सीबीआई की प्राथमिकी के बाद ईडी भी इस मामले में जांच कर रही है.बीते वर्ष सितंबर महीने के पहले हफ्ते में ईडी ने मंडी जिले के बल्ह में एक निजी संस्थान पर रेड मारी थी और छापों के दौरान बैंक खातों में 2.55 करोड़ रूपए की अघोषित नकदी जब्त की गई.

इस मामले में ईडी भी कर रही जांच: सीबीआई की प्राथमिकी के बाद ईडी भी इस मामले में जांच कर रही है. वर्ष 2023 में सितंबर महीने के पहले हफ्ते में ईडी ने मंडी जिले के बल्ह में एक निजी संस्थान पर रेड मारी थी. छापों के दौरान बैंक खातों में अघोषित नकदी जब्त की गई है. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है. एएसएएमएस एजुकेशन ग्रुप के पार्टनर राजदीप जोसन और कृष्ण कुमार, केसी ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट पंडोगा के उपाध्यक्ष हितेश गांधी और हिमाचल उच्च शिक्षा निदेशालय की छात्रवृत्ति शाखा के तत्कालीन अधिकारी अरविंद राजटा की गिरफ्तारी हुई है. सभी आरोपियों को मनी लॉन्ड्रिंग केस में अरेस्ट किया गया है.

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