सोनभद्रः पूर्व मंत्री और अपने विवादित बयानों को लेकर सुर्खियों में रहने वाले स्वामी प्रसाद मौर्या की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं. पूर्व मंत्री और राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य पर जनजातियों को भड़काने का आरोप में मांची थाने में केस दर्ज हुआ है. पुलिस ने सोशल मीडिया पर सीएए (सिटीजनशिप एमेंडमेंट एक्ट) को लेकर गलत और राष्ट्रीय एकता के खिलाफ भ्रामक बयानबाजी करने पर आईटी एक्ट के तहत केस दर्ज जांच कर रही है.
11 मार्च को स्वामी प्रसाद मौर्या ने किया था आपत्तिजनक पोस्ट
जानकारी के मुताबिक, राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी के स्वामी प्रसाद मौर्य ने 11 मार्च को 'एक्स' पर पोस्ट किया था ' नागरिकता संसोधन विधेयक (CAA) क़ानून लागू करना केंद्र सरकार का जन विरोधी निर्णय है, जो आदिवासी, दलित, पिछड़ा, गरीब, अल्पसंख्यक विरोधी भी है. सैकड़ों वर्षों से जंगलों में रहने वाले आदिवासियों तथा घूमन्तु जनजातियों, ग्राम समाज की जमीन पर बसे दलितों, पिछड़ो, गरीबों, वंचितों, अल्पसंख्यकों के पास आज भी राजस्व अभिलेख उपलब्ध नहीं है, इस कानून के माध्यम से ऐसे करोड़ों लोगों को प्रताड़ित करने व कब्जे से बेदखल कर नागरिकता से वंचित करने का घिनौना साजिश है. इस जन विरोधी क़ानून की मैं घोर निंदा करता हूं.'
आदिवासी बिंदु खरवार ने पुलिस को दी तहरीर
जैसे ही पूर्व स्वामी प्रसाद मौर्य का पोस्ट वायरल हुआ, आदिवासी और जनजाति समूह में आक्रोश व्याप्त हो गया. इसके बाद मांची थाना क्षेत्र के ही बारांढांड गांव के जनजाति बिंदु खरवार ने मांची थाने में पोस्ट को लेकर तहरीर दी. जिसके बाद मांची पुलिस ने आईटी एक्ट की धारा 66 और आईपीसी की धारा 153(बी) के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है. क्षेत्राधिकारी संजीव कटिहार ने बताया कि स्वामी प्रसाद के ट्वीट से आदिवासी और जनजाति समूह के लोगों ने भावनाएं आहत होने की शिकायत दर्ज कराई गई है. इसको लेकर बिंदु खरवार की शिकायत पर 12 मार्च को पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है. पुलिस द्वारा इस मामले में जांच पड़ताल की जा रही है.
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