नई दिल्ली: नई दिल्ली रेलवे स्टेशन की लिफ्ट में रविवार को 2 घंटे तक महिला अधिकारी के फंसने के मामले में जांच शुरू हो गई है. पड़ताल की जा रही है कि किसकी लापरवाही से यह घटना हुई. वहीं, रेलवे स्टेशन पर लगी सभी लिफ्ट के अलार्म को बिजली के सीनियर सेक्शन इंजीनियर (एसएसई) के कंट्रोल रूम से जोड़ा जा रहा है. जिससे लिफ्ट में किसी के फंसे होने पर पता चल सके और उसे जल्द रेस्क्यू किया जा सके. फिलहाल के लिए रेलवे स्टेशन की सभी 9 लिफ्ट के पास 1-1 स्टाफ को तैनात कर दिया गया है, जिससे लिफ्ट फंसने पर लोगों को बाहर निकाला जा सके.
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रेलवे सूत्रों के मुताबिक, लिफ्ट के संचालन की जिम्मेदारी रेलवे के बिजली विभाग की है. पिछले साल बिजली विभाग की लापरवाही से महिला यात्री की करंट लगने से मौत हो गई थी. इस मामले में रेलवे के विभाग के कर्मचारी सस्पेंड भी हुए थे. अब रेलवे के विद्युत विभाग की दूसरी बड़ी लापरवाही सामने आई है. रविवार को रेलवे के जनरल टिकट बुकिंग की इंचार्ज रीता रानी लिफ्ट से फर्स्ट फ्लोर पर जा रही थीं. इस दौरान लिफ्ट फंस गई.
1 घंटे 45 मिनट तक वह लगातार लिफ्ट का अलार्म बजाती रहीं, लेकिन किसी ने नहीं सुना. लिफ्ट के पास आकर खड़े एक व्यक्ति ने लगातार अलार्म बजने की आवाज सुनी तो रेलवे स्टाफ को इसकी जानकारी दी. इसके बाद मौके पर पहुंची मेंटेनेंस की टीम ने 15 मिनट में रीता को रेस्क्यू कर बाहर निकाला. वह बेहोशी की हालत में पहुंच गई थीं. रेलवे स्टेशन पर पहुंचे उनके परिजन उन्हें घर लेकर चले गए. सोमवार को भी वह अवकाश पर रहीं.
रीता की तलाश में मच गया था हड़कंप
रीता रानी अपना मोबाइल अपने केबिन में ही रखकर ग्राउंड फ्लोर पर टिकट का रोल देने के लिए गई थीं. रेलवे के अधिकारी पौने 2 घंटे तक उनकी तलाश करते रहे. घर तक तलाश होने पर उनका कहीं कोई पता नहीं चला. इससे रेलवे स्टेशन पर हड़कंप मच गया. रेलवे सूत्रों का कहना है कि इस भीषण गर्मी में लिफ्ट में फंसने के कारण जान भी जा सकती थी.
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