जयपुर. गोपालपुरा बायपास स्थित उत्कर्ष कोचिंग में बच्चों के बेहोश होने के कारणों का पता लगाने वाली निगम कमेटी ने कोचिंग सेंटर को क्लीन चिट दे दी है. ग्रेटर नगर निगम की ओर से गठित 6 सदस्य जांच कमेटी की विस्तृत रिपोर्ट में घटना में किसी भी तरह की लापरवाही या संदिग्ध गतिविधि के प्रमाण नहीं मिले हैं.
कोचिंग सेंटर में पढ़ने के दौरान छात्रों के अचानक बेहोश होने के मामले के अगले दिन कोचिंग पर ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए इसे सील किया गया था. एफएसएल की टीम ने यहां से सीवरेज के पानी और डस्ट के सैंपल भी लिए थे. साथ ही जांच के लिए एक कमेटी का गठन किया गया था. लेकिन अब इस जांच कमेटी की ओर से दी गई रिपोर्ट में भी निगम कोई खुलासा नहीं कर पाया है. जांच कमेटी का प्रमुख लक्ष्मीकांत कटारा ने बताया कि रिपोर्ट में किसी भी तरह की लापरवाही या संदिग्ध गतिविधि के प्रमाण ही नहीं मिले हैं.
निगम कमेटी की ओर से पेश की गई रिपोर्ट के अनुसार :
- सीवर लाइन का कोई विवाद नहीं है
- घटनास्थल पर शॉर्ट सर्किट या फिर एसी से गैस रिसाव जैसा कुछ भी मिला
- मौके पर फायर संयंत्र भी लगे हुए हैं
- 15 दिसंबर को दुर्घटना हुई कमेटी का कहना है कि वो 17 दिसंबर को गए, उस वक्त किसी भी तरह की गंध नहीं मिली
- क्लासरूम में छात्रों की संख्या ज्यादा होने के कारण सीसीटीवी फुटेज में कोई वास्तविक कारण पता नहीं चल पाया
इसके साथ ही रिपोर्ट में मेंशन किया गया है कि ये बिल्डिंग जयपुर विकास प्राधिकरण क्षेत्राधिकार में आती है. ऐसे में भवन विनियम संबंधी जांच जयपुर विकास प्राधिकरण द्वारा की जानी है. निगम की ओर से गठित से जांच कमेटी का प्रमुख मानसरोवर जोन उपायुक्त लक्ष्मीकांत कटारा को बनाया गया था. उनके साथ इस कमेटी में अग्निशमन अधिकारी देवांग यादव, अधिशासी अभियंता संदीप माथुर, सहायक नगर नियोजक सीमा माथुर, राजस्व अधिकारी सुनील बैरवा, सहायक राजस्व अधिकारी नेहा और मुख्य स्वास्थ्य निरीक्षक सुरेश कुमार भी शामिल थे. बहरहाल, निगम की जांच रिपोर्ट में छात्र संख्या ज्यादा होने का हवाला जरूर दिया गया है. लेकिन इसके अलावा और कोई अनियमितता नहीं मिलने की भी बात कही है. ऐसे में फिलहाल निगम की ओर से कोचिंग सेंटर को क्लीन चिट मिल गई है.