लक्सर: फर्जी शैक्षिक प्रमाण पत्रों के जरिए ग्राम प्रधान बनीं महिला समेत तीन के खिलाफ पुलिस ने धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया है. महिला ने आठवीं पास के फर्जी प्रमाणपत्र लगाए थे. जांच में सामने आया है कि इस फर्जी प्रमाण पत्र धोखाधड़ी मामले पर महिला के अलावा स्कूल की प्रिंसिपल और तत्कालीन निर्वाचन अधिकारी भी शामिल हैं.
दरअसल, खानपुर विकासखंड के दल्लावाला ग्राम पंचायत में 2022 के चुनाव में ग्राम प्रधान की सीट महिला के लिए आरक्षित थी. नियमानुसार प्रधान पद के प्रत्याशी का आठवीं पास होना जरूरी है. चुनाव में दल्लावाला गांव की सुनीता चुनाव जीतीं और ग्राम प्रधान बनीं. इसी बीच ग्रामीण प्रवीण कुमार ने लक्सर एसडीएम से प्रधान के शैक्षिक प्रमाणपत्र फर्जी होने की शिकायत की. प्रवीण ने आरोप लगाया कि प्रधान बनीं सुनीता ने नामांकन पत्र में शुभम शिक्षा निकेतन निरंजनपुर, लक्सर से 2003 में कक्षा 8 पास करने की बात लिखी थी. जबकि अंकतालिका डॉ. बीआरए विद्या मंदिर हाईस्कूल बसेड़ी, लक्सर की लगी है.
एसडीएम ने लक्सर बीईओ से जांच कराई तो जांच में सामने आया कि शुभम शिक्षा निकेतन नामक स्कूल निरंजनपुर में कभी था ही नहीं. उधर बसेड़ी में डॉ. बीआरए नामक स्कूल तो है, लेकिन उसकी प्रिंसिपल ने कई बार नोटिस देने के बावजूद दस्तावेज जांच अधिकारी बीईओ को नहीं दिखाऐ. जांच के बावजूद एसडीएम स्तर से कार्रवाई न होने पर शिकायतकर्ता प्रवीण ने लक्सर सिविल जज (जेडी) कोर्ट में याचिका दायर की. सुनवाई के बाद कोर्ट ने खानपुर पुलिस को 27 अगस्त को मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए थे. मामले में नामांकन पत्र जांच अधिकारी की संलिप्ता भी सामने आई. जिस पर खानपुर थाना पुलिस ने बुधवार को मुकदमा दर्ज किया.
खानपुर थानाध्यक्ष मनोहर सिंह ने बताया कि दल्लावाला की प्रधान सुनीता, बसेड़ी स्कूल की प्रिंसिपल सुदेश देवी और प्रधान के नामांकन पत्र की जांच करने वाले तत्कालीन निर्वाचन अधिकारी मधु विकास के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया गया है. मामले की जांच की जा रही है.
आत्महत्या मामले पर ससुराल वालों पर मुकदमा दर्ज: ई-रिक्शा चालक के जहरीले पदार्थ का सेवन कर आत्महत्या किए जाने के मामले में मृतक के भाई की तहरीर पर पुलिस ने ससुराल पक्ष के लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. दरअसल, लक्सर कोतवाली क्षेत्र के वार्ड संख्या पांच लक्सरी निवासी विनोद ई-रिक्शा चलाता था. पिछले कुछ दिनों से उसकी पत्नी अपने मायके में रह रही है. जिसके चलते वह मानसिक रूप से परेशान चल रहा था. 27 जुलाई को विनोद ने आत्महत्या कर ली थी.
सुसाइड नोट में बताया कारण: मृतक की जेब से एक सुसाइड नोट मिला था. जिसमें उसने मौत के लिए अपने ससुराल पक्ष के लोगों को जिम्मेदार ठहराया था. नोट में लिखा था कि ससुराल पक्ष के लोगों ने बहला फुसलाकर उसका मकान उसकी पत्नी के नाम करा लिया है. ससुराल वाले मकान को बेचना चाहते हैं. ससुराल पक्ष के लोग उसे तरह-तरह से प्रताड़ित कर रहे हैं. जिससे आहत होकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर रहा हूं.
कोतवाल राजीव रौथान ने बताया कि पुलिस ने विनोद के भाई की शिकायत पर ससुर विजेंद्र, सास गीता, साला राजन समेत 4 लोगों पर मुकदमा दर्ज किया है. मामले की जांच की जा रही है.
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