महराजगंज/लखनऊ : निषाद पार्टी के युवा प्रकोष्ठ के पूर्व प्रदेश सचिव धर्मात्मा निषाद की आत्महत्या मामले में सोमवार को नया मोड़ सामने आया है. मृतक के भाई ने कैबिनेट मंत्री व उनके दोनों पुत्रों के खिलाफ कार्रवाई न करने का गंभीर आरोप लगाया है. पनियरा पुलिस ने इस मामले में आरोपित जयप्रकाश निषाद व तीन अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज किया है. वहीं भाई ने तीनों की गिरफ्तारी की भी मांग की है. कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच अकटहवा घाट पर शव का अंतिम संस्कार किया गया. इस मामले में पुलिस का कहना है कि विवेचना के आधार पर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी.
भाई ने लगाया आरोप : धर्मात्मा निषाद की मौत के मामले में उसके बड़े भाई परमात्मा निषाद ने पुलिस प्रशासन पर दबाव बनाकर तहरीर बदलवाने का आरोप लगाया. उसका आरोप है कि उसके भाई की मौत के मामले में निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व कैबिनेट मेत्री डॉ. संजय निषाद, उनके दोनों पुत्र प्रवीण निषाद, श्रवण निषाद व साथी जयप्रकाश निषाद प्रमुख कारण हैं. भाई ने फेसबुक पोस्ट में साफ-साफ जिक्र किया है. उसका आरोप है कि पहली तहरीर में चारों आरोपितों का नाम था, लेकिन दूसरी तहरीर में केवल जयप्रकाश निषाद नामजद हैं. मृतक के बड़े भाई ने मांग की है कि तीनों का नाम केस में बढ़ाया जाए.
गांव में सात थानों की तैनात रही फोर्स : निषाद पार्टी के युवा प्रकोष्ठ के पूर्व प्रदेश सचिव धर्मात्मा निषाद के आत्महत्या के बाद उपजे आक्रोश के मद्देनजर शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए नकटहवां गांव में सात थानों की पुलिस तैनात रही. एसडीएम निचलौल भी मौजूद रहे. इस दौरान गांव में पीएसी भी तैनात की गई थी. एडिशनल एसपी आतिश कुमार सिंह ने बताया कि शव का अंतिम संस्कार शांतिपूर्ण माहौल में हुआ है.
परिजनों ने नौकरी, आर्थिक सहायता की मांग की : धर्मात्मा की मौत के मामले में सोमवार को उसके बड़े भाई परमात्मा निषाद के साथ परिजन कलक्ट्रेट पहुंचे. परिजनों ने डीएम अनुनय झा से मुलाकात की. इस दौरान परिजनों ने एक सदस्य को नौकरी, आर्थिक सहायता, पट्टे पर भूमि व आवास की मांग की. इस पर डीएम ने विचार कर शासन प्रशासन की तरफ से हर संभव मदद का आश्वासन दिया.
इस मामले में एडिशनल एसपी आतिश कुमार सिंह का कहना है कि मृतक के बड़े भाई परमात्मा निषाद की तहरीर पर जयप्रकाश निषाद निवासी लक्ष्मीपुर थाना कैम्पियरगंज जिला गोरखपुर व तीन अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. पनियरा थाना के प्रभारी निरीक्षक को निर्देशित किया गया है कि सभी बिन्दुओं पर गहराई से जांच कर उसके आधार पर अग्रिम कार्रवाई करें.
सपा-कांग्रेस के नेताओं का लगा जमावड़ा : जिला अस्पताल में सोमवार को धर्मात्मा निषाद के शव का पोस्टमार्टम हुआ. इस दौरान सपा जिलाध्यक्ष विद्यासागर यादव, पूर्व जिलाध्यक्ष आमिर हुसैन, पूर्व विधायक श्रीपत आजाद, पूर्व राज्यमंत्री दर्जा प्राप्त सुशील कुमार टिबड़ेवाल, अमित चौबे, अमरजीत साहनी, कांग्रेस जिलाध्यक्ष शरद कुमार सिंह उर्फ बबलू सिंह, गोपाल शाही, नूर आलम समेत भारी संख्या में लोग मौजूद रहे. इस दौरान एडिशनल एसपी आतिश कुमार सिंह, सीओ सदर आभा सिंह, तहसीलदार सदर पंकज शाही, पनियरा थाना के प्रभारी निरीक्षक निर्भय कुमार सिंह, कोतवाली पुलिस, नगर चौकी इंचार्ज विजय द्विवेदी आदि मौजूद रहे.
घर में कर ली थी आत्महत्या : बता दें कि पनियरा थाना क्षेत्र के नरकटहा गांव में रविवार को निषाद पार्टी के युवा प्रकोष्ठ के पूर्व प्रदेश सचिव धर्मात्मा निषाद ने अपने ही घर में ही आत्महत्या कर ली थी. मौत के पहले उसने अपने सोशल मीडिया एकाउंट पर पोस्ट किया था, जिसमें उसने निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. संजय निषाद, उनके दोनों पुत्र श्रवण निषाद व प्रवीण निषाद और अपने मित्र जयप्रकाश निषाद पर गंभीर आरोप लगाया था. उसने आरोप लगाते हुए लिखा था कि उसकी आत्महत्या के मामले में यह लोग मुख्य कारण हैं. धर्मात्मा निषाद की मौत की सूचना के बाद हजारों की संख्या में भीड़ उमड़ी. सीओ के समझाने के छह घंटे बाद परिजनों ने पोस्टमार्टम के लिए शव पुलिस को सौंपा.
लखनऊ में कैबिनेट मंत्री संजय निषाद ने दी सफाई : निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व कैबिनेट मंत्री डॉ संजय निषाद ने सोमवार को अपने आवास पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पार्टी के पूर्व प्रदेश सचिव की मौत पर एक बार फिर सफाई दी है. उन्होंने कहा कि निषाद पार्टी के कार्यकर्ता धर्मात्मा निषाद की आत्महत्या का प्रकरण सोशल मीडिया पर सामने आया. प्रकरण में मेरे और मेरे परिवार पर कई व्यर्थ के आरोप लगाए गए. मैं हमेशा से पक्षधर रहा हूं कि जीवन अनमोल है, इसको अपने परिवार और समाजसेवा में लगाए रखना चाहिए. कल से लेकर आज तक न जाने कितने आरोप प्रत्यारोप मेरे व मेरे परिवार पर लगाए गए हैं.
उन्होंने कहा कि एक तरफ मीडिया ट्रायल भी मेरे और मेरे परिवार के लिए किया गया. धर्मात्मा निषाद की आत्महत्या मेरे लिए खुद झकझोर देने वाली है. क्योंकि जहां तक मुझे पता है कि वह मुझसे लड़ाई कर सकता है, अधिकारियों से लड़ाई कर सकता है, सामाजिक सामंतवादियों से भी लड़ाई कर सकता है, लेकिन आत्महत्या जैसा कदम नहीं उठा सकता है. मैं स्वयं इस प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच की मांग करता हूं. इस प्रकार की जांच निष्पक्ष हो. जांच अधिकारी व पुलिस अधिकारियों से भी कहूंगा कि मेरी तरफ से इस प्रकरण में कुछ विषय रखे जा रहे हैं, उन विषयों में संज्ञान लेते हुए जांच की जाए. मंत्री डॉ. संजय निषाद ने कहा कि धर्मात्मा निषाद के सोशल मीडिया अकाउंट को देखा गया तो पिछले दो महीने में मेरे, मेरे परिवार व निषाद पार्टी को लेकर एक भी विरोध में पोस्ट नहीं किया गया है. पिछले माह 13 जनवरी को निषाद पार्टी के संकल्प दिवस के मौके पर भी धर्मात्मा निषाद शामिल हुआ था और संवैधानिक अधिकार यात्रा के जनपद महाराजगंज और गोरखपुर पहुंचने पर वह शामिल भी हुआ था. मैं खुद यह समझने में असमर्थ हूं कि अगर किसी व्यक्ति का मुझे, मेरे परिवार से या मेरी पार्टी से कोई द्वेष भावना होती है तो वह एक फरवरी तक मेरे परिवार व मेरी पार्टी की तारीफ क्यों करता?
उन्होंने कहा कि 13 जनवरी के बाद से मैं गोरखपुर नहीं गया हूं और तब से लेकर आज तक उससे मेरी बात भी नहीं हुई है. मेरे बेटे प्रवीण निषाद की लगभग दो माह से अधिक समय से उससे बात नहीं हुई है. मेरे छोटे बेटे सरवन निषाद से चार जनवरी को फोन पर बात हुई थी. धर्मात्मा निषाद की फेसबुक वाल से पिछले दो माह से मेरे परिवार और मेरे पार्टी के लिए किए गए पोस्ट के स्क्रीनशॉट और वीडियो हैं. पोस्ट देखने के बाद मैं अब आपके विवेक पर छोड़ रहा हूं कि क्या यह आत्महत्या का प्रकरण मेरे से संबंधित है या नहीं? उन्होंने कहा कि धर्मात्मा की फेसबुक आईडी से जो पोस्ट डाला गया है उसमें उनके ऊपर फर्जी मुकदमे की बात की गई थी. जहां तक मुझे पता है धर्मात्मा निषाद पर नवंबर या दिसंबर 2023 में महाराजगंज में मारपीट के मामले में मुकदमा लिखा गया था, जिसे उन्होंने अपनी पोस्ट में जिक्र भी किया है. दिसंबर 2023 में ही उनको उस मामले में जमानत दे दी गई थी और कई धाराएं भी उन पर से हट चुकी थीं. अब कुछ ही मामूली धाराएं उन पर बची थीं. मैं यह सोचकर अचंभित हूं कि बीती 14 जनवरी से मेरी और मेरे बेटे प्रवीण की उनसे बात नहीं हुई है और सरवन की भी चार फरवरी को आखिरी बात हुई थी. हाल फिलहाल में उन पर किसी भी प्रकार की पुलिसिया कार्रवाई भी नहीं हुई है. आखिर किन परिस्थितियों में उन्होंने आत्महत्या जैसा कदम उठाया है, उसकी जांच होना आवश्यक है.