पटना: देश में आम का मौसम आ चुका है. बिहार के बाजारों में भी आम मिलने शुरू हो गए है. इस बीच मार्केट में आम के नाम पर बड़ी संख्या में फल वाले कार्बाइड से पकाया हुआ आम बेच रहे हैं, जिससे लोगों को गंभीर स्वास्थ्य बीमारी हो सकती है.
कार्बाइड से पकाया जाता आम: दरअसल, बाजार की मांग के अनुसार आम की पर्याप्त मात्रा समय पर पक कर तैयार नहीं हो पाती. ऐसे में इसे एक रसायन कैल्शियम कार्बाइड की मदद से पकाया जाता है. इसमें आर्सेनिक और फॉस्फोरस के अंश रह जाते हैं. ऐसे में आम के बाजार में आने के साथ ही बिक्री जोरों पर होने लगती है. जिसके कारण आम बेचने वाले लोग जहरीली कार्बाईड गैस से भी आम को पकाकर समय से पहले ही बेचना शुरू कर देते हैं. आम लोगों को इसकी तो समझ नहीं होती है कि कार्बाईड गैस से पकाया गया आम कितना जहरीला है और उनको कितना नुकसान पहुंचा सकता है.
खाने से चक्कर आने की संभावना: इस संबंध में पटना के वरिष्ठ चिकित्सक डॉक्टर दिवाकर तेजस्वी बताते है कि अभी के समय बाजार में अधिकांश कार्बाइड वाले आम दिख रहे हैं. इस आम पर सफेद और काले रंग के धब्बे हो जाते हैं. इस आम को खाने से चक्कर आना, पाचन क्रिया में दिक्कत होना, त्वचा में एलर्जी और खुजली होना, चेहरे पर मुंह के पास घाव होना, इत्यादि की शिकायत बढ़ जाती है. कार्बाइड के पके हुए आम हमारे स्वसन क्रिया में भी परेशानी पैदा करते हैं.
कार्बाइड में रखने से आम खराब होता: डॉ दिवाकर तेजस्वी ने बताया कि ''अधिक समय तक कार्बाइड में रखने से आम खराब भी हो जाता है. यह आम खाना और अधिक हानिकारक हो जाता है. कार्बाइड के पके हुए आम है तो पहले उसे पानी में डालें और यदि पानी में आम तैरने लगता है तो उसे नहीं खाएं. यह आम खराब हो चुका होता है.''
एक बार में 1-2 आम ही खाएं: उन्होंने बताया कि वहीं यदि आम पानी में पूरी तरह डूब जा रहा है तो उसे पानी में डालकर कम से कम 1 घंटे के लिए रखें. इससे कैल्शियम कार्बाइड की गर्मी आम से निकल जाती है. 1 घंटे पानी में रखने के बाद ही उसे खाएं और एक बार में 1-2 आम हीं खाएं. अधिक आम खाने से गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याएं बढ़ाने के चांसेस अधिक हो जाते हैं.
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