मिर्जापुर: जनपद में बिना बारिश और बाढ़ के दो इलाकों में पानी ही पानी नजर आ रहा है. पहला मामला हलिया विकास खंड के सोठिया गांव का है. यहां हलिया माइनर नहर का तटबंध टूट जाने से सैकड़ों बीघा गेंहू की फसल जलमग्न हो गयी. यही नहीं पानी इतना ज्यादा था कि वह ग्रामीणों के घरों तक पहुंच गया. हालात ऐसे हैं कि अब इस भीषण ठंड में लोगों को घर में रहने में भी परेशानी हो रही है.
बताया जा रहा है, लाखों रुपये खर्च कर दिसम्बर महीने में नहर की शील्ड सफाई का कार्य किया गया था. नहर में पानी छोड़े जाने के बाद नहर की पटरी अचानक टूटने से किसानों की गेहूं की फसल जलमग्न हो गई. कुछ घरों में नहर का पानी भर गया. घर के बाहर रखा सामान पानी के चपेट में आ गया.
ग्रामीण मणिराज मिश्रा चौधरी गुप्ता और शंकर लाल ने बताया कि कुछ दिन पहले माइनर की सफाई की गई थी. पानी छोड़े जाने से वह टूट गयी, जिससे पूरी फसल पानी में डूब गई. घर में नहर का पानी घुसने से रखी खाद्य सामग्री भी नष्ट हो गयी. साथ ही फसल भी पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी है.
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दूसरा मामला जमालपुर विकासखंड के गौरी गांव का है. यहां ककरही गौरी माइनर नहर का तटबंध टूटने से सैकड़ों एकड़ फसल डूब गयी. जब तक किसानों को पता चलता, तब तक पूरी फसल पूरी तरह पानी में डूब चुकी थी. किसानों ने जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन से मुआवजे की मांग की है. गांव के किसान केसरी नंदन गुड्डू सिंह धर्मेंद्र सिंह ने बताया कि कई सालों से नहर में पानी नहीं आ रहा था. अचानक इसे खोला गया. इससे जर्जर तटबंध टूट गया. खेत में गेहूं, सरसों, मटर जैसी फसलें डूब गयीं.
सिंचाई विभाग के अवर अभियंता सिद्धार्थ यादव ने बताया कि माइनर नहर का तटबंध टूटने की जानकारी मिली है. इस बारे में कर्मचारियों को बोला गया है. जल्द ही नहर की टूटी पटरी को दुरुस्त किया जाएगा.
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