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संजौली मस्जिद विवाद पर बोले विक्रमादित्य, "भाजपा ने अवैध निर्माण का मुद्दा तो उठा दिया, लेकिन अब परिणाम भुगतने को भी रहे तैयार" - Vikramaditya on Masjid Controversy

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Sep 12, 2024, 9:28 PM IST

Updated : Sep 12, 2024, 10:09 PM IST

Vikramaditya Singh Slams BJP Over Sanjauli Mosque Controversy: संजौली मस्जिद विवाद के मुद्दे को लेकर ईटीवी भारत ने कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह से बातचीत की. इस दौरान विक्रमादित्य सिंह ने कहा भाजपा ने अवैध निर्माण का मुद्दा तो उठा दिया, लेकिन अब परिणाम भुगतने को भी तैयार रहे. पढ़िए पूरी खबर...

कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह
कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह (ETV Bharat)
संजौली मस्जिद विवाद पर विक्रमादित्य सिंह से खास बातचीत (ETV Bharat)

शिमला: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में कुछ दिन पहले दो गुटों के बीच हुई लड़ाई झगड़े का मामला उलझ कर संजौली में मस्जिद के अवैध निर्माण तक पहुंच गया. जिसको लेकर हिंदू संगठनों ने प्रदेश की कांग्रेस सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. हिंदू संगठन मस्जिद के अवैध निर्माण को गिराए जाने के लिए सड़कों पर उतर प्रदर्शन कर रहे हैं. 11 सितंबर को भी विभिन्न हिंदू संगठनों ने बड़ी संख्या में संजौली बाजार में पहुंच कर मस्जिद के अवैध निर्माण को तोड़ने के लिए सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. इस दौरान बेरिकेड्स तोड़ने पर पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच टकराव भी हुआ. जिसे खदेड़ने के लिए पुलिस प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज और वाटर कैनन का भी प्रयोग किया. ऐसे में मस्जिद के अवैध निर्माण का मसला देशभर की सुर्खियों में छाया है. इन सभी मुद्दों को लेकर ईटीवी भारत ने कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह से खास बातचीत की. जिसके हर सवाल का जवाब उन्होंने बड़ी बेबाकी से दिया.

ईटीवी भारत ने शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह से सवाल किया कि संजौली में मस्जिद के अवैध निर्माण का मामला जब से चला है और पूर्व में भाजपा सरकार की इस मामले को लेकर क्या कारगुजारी रही है? जिसके जवाब में मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा, "शिमला में हुए कल के घटनाक्रम को पूरे देश ने देखा है. अब तो मैं यही कहूंगा कि आज मस्जिद कमेटी ने संजौली स्थित मस्जिद में हुए अवैध निर्माण को सील करने और तोड़ने की पहल की है. इसको लेकर दोनों प्रस्ताव मस्जिद कमेटी ने नगर निगम कमिश्नर शिमला को दिए हैं, जो एक अच्छी पहल है और इसने वे कार्रवाई करेंगे. अगर निर्माण अवैध पाया जाता है तो इसे गिराया जाएगा. इससे प्रदेश में आपसी भाईचारा बना रहेगा".

विक्रमादित्य सिंह ने आगे कहा कि बाकि जहां तक बाहरी राज्य से लोग आ रहे हैं. उसके लिए हमने कमेटी बनाने की बात कही है. जिसमें भाजपा विधायकों को भी शामिल कर उनके सुझाव लिए जाएंगे. उसके माध्यम से ही सरकार कार्रवाई करेगी. ताकि तहबाजारियों के लिए प्रॉपर वेंडिंग प्रोसेस चलाया जा सके. आने वाले समय में उसमें कोई ऐसा मामला न आए कि जिससे खासकर क्षेत्र की महिलाओं के लिए कोई भी असुरक्षा का वातावरण बने. इसके लिए हम प्रयास कर रहे हैं.

वहीं ईटीवी ने सवाल किया कि अपने कहा था कि मस्जिद में अवैध निर्माण पूर्व की जयराम सरकार के समय हुआ था. इसको लेकर आपकी राय क्या है? जिसके जवाब में विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि बात निकली है तो दूर तक जाएगी. भाजपा ने अवैध निर्माण का मसला तो बना दिया और इसको पूरी तरह से उठाने और राजनीतिक रोटियां सेकने का भी प्रयास किया. लेकिन भाजपा यह नहीं देख रही है कि ये मसला पैदा कहां से हुआ, इसकी जड़ कहां है. अब यह जड़ पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, उनके मंत्रियों, मेयर और डिप्टी मेयर के घर की तरफ जा रही है. वहीं से ही मस्जिद के निर्माण की परमिशन और पैसा दिया गया था, जो प्लानिंग और अन्य किसी हेड से दिया गया हैं.

विक्रमादित्य सिंह ने कहा की मस्जिद की तीन अवैध मंजिले तो भाजपा सरकार के कार्यकाल में ही बनी है. जिसको लेकर आज वह बड़ी-बड़ी बातें कर रहे हैं. उन्होंने सवाल उठाया कि क्या उस वक्त भाजपा की पूर्व सरकार कुंभकरण की नींद सोई थी? मुख्यमंत्री रहते हुए उनके पास क्या कोई इंटेलिजेंस रिपोर्ट नहीं थी? क्या उनको सीआईडी और पुलिस की खुफिया जानकारी नहीं मिली थी? जिस समय अवैध निर्माण हो रहा था, उस वक्त तो भाजपा सरकार ने कुछ नहीं कहा और आज वे इस मामले पर बवाल मचा रहे हैं. मामले का राजनीतिक करण कर रहे हैं, जो सही नहीं है.

ईटीवी ने सवाल किया कि क्या आपको ये लग रहा है कि बाहरी राज्यों में हो रहे चुनाव को देखते हुए इस मसले का राजनीतिक करण किया जा रहा है? जिसके जवाब में विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि हरियाणा जम्मू कश्मीर और देश के अन्य प्रांतों में माहौल खराब करने और कांग्रेस को बदनाम करने के लिए इस तरह की रणनीति अपनाई जा रही है. उन्होंने कहा कि यहां पर उनको मस्जिद के अवैध निर्माण को लेकर यह मौका मिल गया है. मगर वे नहीं जानते हैं कि हम तो इसकी जड़ तक जाएंगे. इसकी पूरी की पूरी जड़ में पूर्व की भाजपा सरकार संलिप्त हैं.

वहीं ईटीवी ने पूछा कि इस मसले को लेकर सरकार का अगला कदम क्या है? इस पर विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि मेरा विनम्र निवेदन है कि इस मामले को यहीं खत्म करना चाहिए. देश के अंदर माहौल शांतिपूर्वक बनाए रखने के लिए हम सब का ये दायित्व बनता है. ये केवल सरकार की जिम्मेवारी नहीं है. विपक्ष और सभी धार्मिक संगठनों का भी यह दायित्व बनता है कि देश में शांति का माहौल बना रहे. जहां तक अवैध निर्माण की बात है, उस पर सरकार नियमों के मुताबिक कार्रवाई कर रही है.

ये भी पढ़ें: "जयराम सरकार में हुआ था शिमला में अवैध मस्जिद का निर्माण, भाजपा को महंगा पड़ेगा यह मुद्दा"

संजौली मस्जिद विवाद पर विक्रमादित्य सिंह से खास बातचीत (ETV Bharat)

शिमला: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में कुछ दिन पहले दो गुटों के बीच हुई लड़ाई झगड़े का मामला उलझ कर संजौली में मस्जिद के अवैध निर्माण तक पहुंच गया. जिसको लेकर हिंदू संगठनों ने प्रदेश की कांग्रेस सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. हिंदू संगठन मस्जिद के अवैध निर्माण को गिराए जाने के लिए सड़कों पर उतर प्रदर्शन कर रहे हैं. 11 सितंबर को भी विभिन्न हिंदू संगठनों ने बड़ी संख्या में संजौली बाजार में पहुंच कर मस्जिद के अवैध निर्माण को तोड़ने के लिए सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. इस दौरान बेरिकेड्स तोड़ने पर पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच टकराव भी हुआ. जिसे खदेड़ने के लिए पुलिस प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज और वाटर कैनन का भी प्रयोग किया. ऐसे में मस्जिद के अवैध निर्माण का मसला देशभर की सुर्खियों में छाया है. इन सभी मुद्दों को लेकर ईटीवी भारत ने कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह से खास बातचीत की. जिसके हर सवाल का जवाब उन्होंने बड़ी बेबाकी से दिया.

ईटीवी भारत ने शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह से सवाल किया कि संजौली में मस्जिद के अवैध निर्माण का मामला जब से चला है और पूर्व में भाजपा सरकार की इस मामले को लेकर क्या कारगुजारी रही है? जिसके जवाब में मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा, "शिमला में हुए कल के घटनाक्रम को पूरे देश ने देखा है. अब तो मैं यही कहूंगा कि आज मस्जिद कमेटी ने संजौली स्थित मस्जिद में हुए अवैध निर्माण को सील करने और तोड़ने की पहल की है. इसको लेकर दोनों प्रस्ताव मस्जिद कमेटी ने नगर निगम कमिश्नर शिमला को दिए हैं, जो एक अच्छी पहल है और इसने वे कार्रवाई करेंगे. अगर निर्माण अवैध पाया जाता है तो इसे गिराया जाएगा. इससे प्रदेश में आपसी भाईचारा बना रहेगा".

विक्रमादित्य सिंह ने आगे कहा कि बाकि जहां तक बाहरी राज्य से लोग आ रहे हैं. उसके लिए हमने कमेटी बनाने की बात कही है. जिसमें भाजपा विधायकों को भी शामिल कर उनके सुझाव लिए जाएंगे. उसके माध्यम से ही सरकार कार्रवाई करेगी. ताकि तहबाजारियों के लिए प्रॉपर वेंडिंग प्रोसेस चलाया जा सके. आने वाले समय में उसमें कोई ऐसा मामला न आए कि जिससे खासकर क्षेत्र की महिलाओं के लिए कोई भी असुरक्षा का वातावरण बने. इसके लिए हम प्रयास कर रहे हैं.

वहीं ईटीवी ने सवाल किया कि अपने कहा था कि मस्जिद में अवैध निर्माण पूर्व की जयराम सरकार के समय हुआ था. इसको लेकर आपकी राय क्या है? जिसके जवाब में विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि बात निकली है तो दूर तक जाएगी. भाजपा ने अवैध निर्माण का मसला तो बना दिया और इसको पूरी तरह से उठाने और राजनीतिक रोटियां सेकने का भी प्रयास किया. लेकिन भाजपा यह नहीं देख रही है कि ये मसला पैदा कहां से हुआ, इसकी जड़ कहां है. अब यह जड़ पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, उनके मंत्रियों, मेयर और डिप्टी मेयर के घर की तरफ जा रही है. वहीं से ही मस्जिद के निर्माण की परमिशन और पैसा दिया गया था, जो प्लानिंग और अन्य किसी हेड से दिया गया हैं.

विक्रमादित्य सिंह ने कहा की मस्जिद की तीन अवैध मंजिले तो भाजपा सरकार के कार्यकाल में ही बनी है. जिसको लेकर आज वह बड़ी-बड़ी बातें कर रहे हैं. उन्होंने सवाल उठाया कि क्या उस वक्त भाजपा की पूर्व सरकार कुंभकरण की नींद सोई थी? मुख्यमंत्री रहते हुए उनके पास क्या कोई इंटेलिजेंस रिपोर्ट नहीं थी? क्या उनको सीआईडी और पुलिस की खुफिया जानकारी नहीं मिली थी? जिस समय अवैध निर्माण हो रहा था, उस वक्त तो भाजपा सरकार ने कुछ नहीं कहा और आज वे इस मामले पर बवाल मचा रहे हैं. मामले का राजनीतिक करण कर रहे हैं, जो सही नहीं है.

ईटीवी ने सवाल किया कि क्या आपको ये लग रहा है कि बाहरी राज्यों में हो रहे चुनाव को देखते हुए इस मसले का राजनीतिक करण किया जा रहा है? जिसके जवाब में विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि हरियाणा जम्मू कश्मीर और देश के अन्य प्रांतों में माहौल खराब करने और कांग्रेस को बदनाम करने के लिए इस तरह की रणनीति अपनाई जा रही है. उन्होंने कहा कि यहां पर उनको मस्जिद के अवैध निर्माण को लेकर यह मौका मिल गया है. मगर वे नहीं जानते हैं कि हम तो इसकी जड़ तक जाएंगे. इसकी पूरी की पूरी जड़ में पूर्व की भाजपा सरकार संलिप्त हैं.

वहीं ईटीवी ने पूछा कि इस मसले को लेकर सरकार का अगला कदम क्या है? इस पर विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि मेरा विनम्र निवेदन है कि इस मामले को यहीं खत्म करना चाहिए. देश के अंदर माहौल शांतिपूर्वक बनाए रखने के लिए हम सब का ये दायित्व बनता है. ये केवल सरकार की जिम्मेवारी नहीं है. विपक्ष और सभी धार्मिक संगठनों का भी यह दायित्व बनता है कि देश में शांति का माहौल बना रहे. जहां तक अवैध निर्माण की बात है, उस पर सरकार नियमों के मुताबिक कार्रवाई कर रही है.

ये भी पढ़ें: "जयराम सरकार में हुआ था शिमला में अवैध मस्जिद का निर्माण, भाजपा को महंगा पड़ेगा यह मुद्दा"

Last Updated : Sep 12, 2024, 10:09 PM IST
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