शिमला: हिमाचल में सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार का दो साल का कार्यकाल 11 दिसंबर को पूरा होने जा रहा है. इस पल को यादगार बनाने के लिए सरकार भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा के गृह जिला बिलासपुर कहलूर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में आयोजित किया जाएगा. इस कार्यक्रम में कांग्रेस ने 25 से 30 हजार की भीड़ जुटाने का लक्ष्य तय किया है. हिमाचल में कांग्रेस सरकार अपने दो साल के कार्यकाल को किस तरह से आंकती है. इस लेकर ईटीवी भारत ने सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार में शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर से बातचीत की, जिसमें उन्होंने सरकार की दो साल में रही उपलब्धियों सहित भाजपा पर भी निशाना साधा.
विरासत में मिला था हजारों करोड़ का कर्ज
ईटीवी भारत ने शिक्षा मंत्री से कांग्रेस के दो साल के कार्यकाल पूरे होने को लेकर सवाल पूछा. जिसके जवाब में
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा, "कांग्रेस सरकार के कठिन परिस्थितियों के कार्यकाल में भी हिमाचल ने आगे की ओर कदम बढ़ाए हैं. साल 2022 के अंत जब हमने सत्ता संभाली तो हमारी सरकार को 76 हजार करोड़ का कर्ज विरासत में मिला था. उस वक्त हर हिमाचली पर 1 लाख 7 हजार का कर्ज था. इसके अतिरिक्त पेंशनर्स और कर्मचारियों की 10 हजार करोड़ के करीब डीए और एरियर की देनदारी भाजपा की सरकार छोड़ कर गई थी".
रोहित ठाकुर ने कहा कि भाजपा सरकार के पांच साल के कार्यकाल में पूरी व्यवस्था चरमरा गई थी. जिससे उभरने के लिए निश्चित रूप से सरकार ने अपने संसाधन बढ़ाने का प्रयास किया है. इसके साथ ही साल 2023 में सरकार को प्राकृतिक आपदा का सामना करना पड़ा. उस दौरान प्रदेश में करीब 13 हजार करोड़ का नुकसान हुआ था. ऐसे में बहुत सा समय स्थिति को सामान्य करने में लग गया.
उन्होंने कहा कि केंद्र से हमें नुकसान से भरपाई के लिए कोई मदद प्राप्त नहीं हुई. केंद्र सरकार के बजट में वित्त मंत्री ने जिन राज्यों में प्राकृतिक आपदा आई थी, उन राज्यों का बजट पेश करने के दौरान विशेष उल्लेख था, लेकिन हिमाचल का नाम तक नहीं लिया गया. केंद्र ने आपदा के समय पूरी तरह से कन्नी काट ली थी, लेकिन सरकार अपने संसाधनों को बढ़ाएगी. हमने चुनाव के दौरान जनता से जो वादे किए हैं, उन्हें चरणबद्ध कैसे पूरा किया जाएगा.
'हिमाचल भुगत रहा ओपीएस लागू करने का खामियाजा'
हिमाचल चुनाव के समय लोगों को दी गई 10 गारंटियों को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में रोहित ठाकुर ने कहा कि जनादेश पांच साल के लिए मिलता है. हमने जनता से जो वादे किए हैं, उन्हें चरणबद्ध तरीके से पूरा किया जाएगा. हमारी सरकार का OPS का एक कठिन निर्णय था, जिसे हमने पूरा किया है. उन्होंने कहा कि पूरे भारत में कुछ ही राज्य में OPS लागू हैं. OPS लागू करने का हमने केंद्र सरकार ओर से लोन लिमिट में लगाए गए 1500 करोड़ के कट के रूप में नुकसान भुगता है. लेकिन फिर भी हमने 1.36 लाख कर्मचारियों को ओपीएस के दायरे में लाया है.
शिक्षा मंत्री ने कहा कि जहां तक रोजगार की बात है हमारी सरकार खाली पदों को भर रही है. उदाहरण के तौर पर शिक्षा विभाग में ही दो साल की अवधि में 15 हजार पदों को भरने की कैबिनेट से स्वीकृति मिली है. जिसे भरने की प्रक्रिया आरंभ हो चुकी है. इसमें 3200 पदों की भर्तियां बैच वाइज हुई हैं. इस कारण साल 2022 के अंत में बिना टीचर के जो 350 स्कूल थे, इनकी संख्या कम होकर अब 50 रह गई है.
इसी तरह से 3400 के करीब स्कूल सिंगल टीचर वाले थे, इसकी संख्या में भी अब कमी आई है. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार में ये भी एक उपलब्धि है कि एलिमेंट्री में एक साथ 5800 पदों को भरने की स्वीकृति मिली है. उन्होंने कहा कि शिक्षा हमारी सरकार की प्राथमिकता है. इसके अतिरिक्त प्रदेश में प्रिंसिपल के पदों को भी प्रमोशन और डायरेक्ट रिक्रूटमेंट से भरा गया है. वहीं, लेक्चररों के पदों को भरने की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है. इसी तरह से हमारी सरकार में स्कूलों एनएनटी के भी 6200 पदों को भरा जा रहा है. इसके अलावा अन्य विभागों में भी रिक्त पदों को भरा जा है.
'34 से 40 पर लाए विधायकों की संख्या'
भाजपा की ओर से कांग्रेस सरकार को प्रदेश के डुबोने को लेकर लगाए जा रहे आरोपों को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में रोहित ठाकुर ने कहा कि भाजपा की पांच साल डबल इंजन की सरकार थी. यहां भी जयराम ठाकुर के पास पूर्ण बहुमत था. केंद्र में भी भाजपा की सरकार थी. उस दौरान हिमाचल की जो मदद होनी चाहिए थी, वह नहीं हुई. भाजपा सरकार के लोगों से किए गए सारे वादे धरे के धरे रह गए. ऐसे में 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले हिमाचल में जो उपचुनाव हुए थे, उसमें भाजपा की हार हुई थी. ऐसे में भाजपा ने जनता का विश्वास खो दिया था. कांग्रेस चारों सीटें जीतने में सफल रही थी. भाजपा ने धनबल के आधार पर हमारी सरकार में विधायकों की संख्या 40 से 34 पर लेकर आई थी, लेकिन हम उपचुनाव में इस संख्या को फिर से 34 से 40 पर लेकर आए हैं. उन्होंने कहा कि आने वाले समय में हमने हिमाचल को आत्मनिर्भर बनाने का संकल्प लिया है.
कांग्रेस सरकार की कुछ विवादों को लेकर सोशल मीडिया में किरकिरी होने को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में रोहित ठाकुर ने कहा कि भाजपा के मन में मिशन रिपीट था. विधानसभा चुनाव में भाजपा को विश्वास था कि प्रदेश में फिर से उनकी सरकार बनेगी, लेकिन उस दौरान प्रदेश में भाजपा की उम्मीदों को झटका लगा और पूर्ण बहुमत से कांग्रेस की सरकार बन गई. ये बात भाजपा को हजम नहीं हो रही है. ऐसे में राज्य सभा के चुनाव में चुनकर आई सरकार को भाजपा ने धनबल के आधार पर अस्थिर करने का प्रयास किया गया. उन्होंने कहा जिस भी राज्य में चुनाव होते है. भाजपा का नारा वहां कांग्रेस मुक्त करने का होता है. लेकिन हिमाचल में भाजपा का कांग्रेस मुक्त राज्य का नारा धराशायी हुआ है. इसलिए सरकार के खिलाफ दुष्प्रचार किया जा रहा है.
ये भी पढ़ें: "BJP के बाजुओं में दम नहीं, जो कांग्रेस सरकार गिरा दे, भाजपा को सत्ता से दूर होने का दर्द नहीं हो रहा बर्दाश्त"