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किरोड़ी के इस्तीफे से सत्ता के साथ संगठन में टेंशन, उपचुनाव से पहले डैमेज कंट्रोल होगा ? - Kirori Lal Meena

भजनलाल सरकार में कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. किरोड़ी के इस्तीफे को लोकसभा चुनाव से पहले दिए गए उनके बयानों से जोड़ कर देखा जा रहा है, जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर सात लोकसभा सीटों पर भाजपा नहीं जीतती, तो वो मंत्री पद से इस्तीफा दे देंगे.

किरोड़ी लाल मीणा का इस्तीफा
किरोड़ी लाल मीणा का इस्तीफा (ETV Bharat GFX)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jul 4, 2024, 6:13 PM IST

किरोड़ी लाल मीणा ने दिया इस्तीफा (ETV Bharat jaipur)

जयपुर. लंबे समय से चल रही सियासी अटकलों के बीच प्रदेश की भजनलाल सरकार में कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने अपने पद से इस्तीफा देकर प्रदेश की सियासत को गरमा दिया है. कृषि मंत्री का पद संभाल रहे मीणा ने अपने प्रभाव वाली 7 लोकसभा सीटों में से 3 पर हुई हार की जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दे दिया. उपचुनाव से ठीक पहले किरोड़ी के इस इस्तीफे की पेशकश को भाजपा बड़े डैमेज के तौर पर देख रही है.

अपने प्रभाव वाली सीटें नहीं जीता पाया : किरोड़ी लाल मीणा के इस्तीफे को लोकसभा चुनाव से पहले दिए गए उनके बयानों से जोड़ कर देखा जा रहा है, जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर सात लोकसभा सीटों पर भाजपा नहीं जीतती, तो वो मंत्री पद से इस्तीफा दे देंगे. वो सीटें 7 सीटें भरतपुर, धौलपुर-करौली, अलवर, जयपुर ग्रामीण, दौसा, टोंक-सवाई माधोपुर और झालावाड़ थीं. किरोड़ी ने दावा किया था कि उन्हें इन सीटों पर जीत की जिम्मेदारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दी थी. अपने इस्तीफे के बाद मीणा ने कहा ने भी इस बात को स्वीकार की वो अपने प्रभाव वाली सीटों को जीता नहीं पाए, इसलिए नैतिक जिम्मेदारी के साथ मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. मीणा ने कहा कि 7 सीटों पर विशेष प्रभाव था, जिसमें से चार जीते और तीन हार गए. हार की जिम्मेदारी ली है, अब आगे संगठन ने दौसा विधानसभा सीट पर उपचुनाव की जिम्मेदारी दी है, परिश्रम की पराकाष्ठा करेंगे, इस सीट पर भाजपा की जीत हो इसको लेकर काम करेंगे.

इसे भी पढ़ें- इस्तीफे के बाद किरोड़ीलाल का बयान, कहा- रसातल में जा चुकी है राजनीति, भारी भ्रष्टाचार, जातिवाद और वंशवाद पर भी किया प्रहार - Kirori statement after resignation

डैमेज कंट्रोल में जुटी भाजपा : बताया जा रहा है कि इस्तीफे की चर्चा के बीच मीणा दो दिन दिल्ली में थे. इस दौरान संगठन के नेताओं से बातचीत भी हुई. हालांकि, संगठन महामंत्री से उनकी मुलाकात नहीं हो सकी थी, लेकिन अब मीणा के इस फैसले के बाद भाजपा पूरी तरह से डैमेज कंट्रोल में जुट गई है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने कहा कि उन्हें अभी किरोड़ी लाल मीणा के इस्तीफे की पूरी जानकारी नहीं है, लेकिन अगर ऐसा कुछ हुआ है, तो उसको लेकर बात करेंगे. किरोड़ी लाल मीणा पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं, क्या हुआ है ? क्या कारण रहे हैं उन सब पर बात करेंगे.

मीणा के इस्तीफे से उपचुनाव में भाजपा को नुकसान : लोकसभा चुनाव परिणाम आने के ठीक एक महीने बाद, यानी 4 जून को परिणाम आया और 4 जुलाई को किरोड़ी लाल मीणा ने मंत्री इस्तीफे देने की घोषणा कर सियासी भूचाल ला दिया. मीणा ने ख़ुद अपने इस्तीफे की घोषणा कर सभी अटकलों पर विराम लगा दिया है. हालांकि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने अभी उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है. किरोड़ी लाल मीणा 6 बार विधायक का चुनाव जीते हैं और पूर्वी राजस्थान में उनके प्रभाव को इस बात से समझा जा सकता है कि वो महुवा, टोडाभीम, सवाई माधोपुर और बामनवास समेत चार अलग-अलग विधानसभाओं से जीत कर आए. इसके अलावा दौसा से लोकसभा निर्दलीय के तौर पर चुनाव जीते. मीणा के इस फैसले से दौसा और देवली-उनियारा विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में भाजपा को नुकसान उठाना पढ़ सकता है.

किरोड़ी लाल मीणा ने दिया इस्तीफा (ETV Bharat jaipur)

जयपुर. लंबे समय से चल रही सियासी अटकलों के बीच प्रदेश की भजनलाल सरकार में कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने अपने पद से इस्तीफा देकर प्रदेश की सियासत को गरमा दिया है. कृषि मंत्री का पद संभाल रहे मीणा ने अपने प्रभाव वाली 7 लोकसभा सीटों में से 3 पर हुई हार की जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दे दिया. उपचुनाव से ठीक पहले किरोड़ी के इस इस्तीफे की पेशकश को भाजपा बड़े डैमेज के तौर पर देख रही है.

अपने प्रभाव वाली सीटें नहीं जीता पाया : किरोड़ी लाल मीणा के इस्तीफे को लोकसभा चुनाव से पहले दिए गए उनके बयानों से जोड़ कर देखा जा रहा है, जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर सात लोकसभा सीटों पर भाजपा नहीं जीतती, तो वो मंत्री पद से इस्तीफा दे देंगे. वो सीटें 7 सीटें भरतपुर, धौलपुर-करौली, अलवर, जयपुर ग्रामीण, दौसा, टोंक-सवाई माधोपुर और झालावाड़ थीं. किरोड़ी ने दावा किया था कि उन्हें इन सीटों पर जीत की जिम्मेदारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दी थी. अपने इस्तीफे के बाद मीणा ने कहा ने भी इस बात को स्वीकार की वो अपने प्रभाव वाली सीटों को जीता नहीं पाए, इसलिए नैतिक जिम्मेदारी के साथ मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. मीणा ने कहा कि 7 सीटों पर विशेष प्रभाव था, जिसमें से चार जीते और तीन हार गए. हार की जिम्मेदारी ली है, अब आगे संगठन ने दौसा विधानसभा सीट पर उपचुनाव की जिम्मेदारी दी है, परिश्रम की पराकाष्ठा करेंगे, इस सीट पर भाजपा की जीत हो इसको लेकर काम करेंगे.

इसे भी पढ़ें- इस्तीफे के बाद किरोड़ीलाल का बयान, कहा- रसातल में जा चुकी है राजनीति, भारी भ्रष्टाचार, जातिवाद और वंशवाद पर भी किया प्रहार - Kirori statement after resignation

डैमेज कंट्रोल में जुटी भाजपा : बताया जा रहा है कि इस्तीफे की चर्चा के बीच मीणा दो दिन दिल्ली में थे. इस दौरान संगठन के नेताओं से बातचीत भी हुई. हालांकि, संगठन महामंत्री से उनकी मुलाकात नहीं हो सकी थी, लेकिन अब मीणा के इस फैसले के बाद भाजपा पूरी तरह से डैमेज कंट्रोल में जुट गई है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने कहा कि उन्हें अभी किरोड़ी लाल मीणा के इस्तीफे की पूरी जानकारी नहीं है, लेकिन अगर ऐसा कुछ हुआ है, तो उसको लेकर बात करेंगे. किरोड़ी लाल मीणा पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं, क्या हुआ है ? क्या कारण रहे हैं उन सब पर बात करेंगे.

मीणा के इस्तीफे से उपचुनाव में भाजपा को नुकसान : लोकसभा चुनाव परिणाम आने के ठीक एक महीने बाद, यानी 4 जून को परिणाम आया और 4 जुलाई को किरोड़ी लाल मीणा ने मंत्री इस्तीफे देने की घोषणा कर सियासी भूचाल ला दिया. मीणा ने ख़ुद अपने इस्तीफे की घोषणा कर सभी अटकलों पर विराम लगा दिया है. हालांकि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने अभी उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है. किरोड़ी लाल मीणा 6 बार विधायक का चुनाव जीते हैं और पूर्वी राजस्थान में उनके प्रभाव को इस बात से समझा जा सकता है कि वो महुवा, टोडाभीम, सवाई माधोपुर और बामनवास समेत चार अलग-अलग विधानसभाओं से जीत कर आए. इसके अलावा दौसा से लोकसभा निर्दलीय के तौर पर चुनाव जीते. मीणा के इस फैसले से दौसा और देवली-उनियारा विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में भाजपा को नुकसान उठाना पढ़ सकता है.

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