देहरादून: उत्तराखंड मलिन बस्ती विकास परिषद के अध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना द्वारा सरकार पर लगाए गए मलिन बस्ती वासियों के उत्पीड़न के आरोप पर अब सरकार की तरफ से जवाब आया है. दरअसल इस संबंध में कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने कहा पलटवार करते हुए कहा कि 2016 से पूर्व बसे बस्तिवासियों को किसी भी प्रकार की चिंता करने की आवश्यकता नहीं है.
मलिन बस्तियों के मामले में सरकार गंभीर: बता दें कि एक दिन पहले उत्तराखंड मलिन बस्ती विकास परिषद की तरफ से देहरादून में मलिन बस्तियों के ध्वस्तीकरण को लेकर सवाल उठाए गए थे और सरकार की मनसा पर कई आरोप लगाए गए थे. वहीं, इस मामले पर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि कांग्रेस के पास आज मुद्दे नहीं बचे हैं, इसलिए ऐसे मुद्दों को उठाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि मलिन बस्तियों के नियमितीकरण का कार्य धामी सरकार गंभीरता पूर्वक कर रही है.
गणेश जोशी बोले कांग्रेस के बहकावे में ना आएं लोग: कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि पूर्व में भी अध्यादेश लाकर हमारी सरकार ने मलिन बस्तियों में रहने वाले लोगों के आशियानों को टूटने से बचाया है. उन्होंने कहा कि शीघ्र ही बस्तिवासियों का नियमितीकरण किया जाएगा और हम किसी भी बस्ती को टूटने नहीं देंगे, लेकिन जनता कांग्रेस के बहकावे में न आए.
बस्तियों में निवासरत लोगों के नहीं टूटेंगे आशियाने: कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि 2018 में बस्तियों को हटाने के आदेश भाजपा सरकार ने नहीं, बल्कि उच्च न्यायालय ने अतिक्रमण हटाने के लिए दिए थे. जिसमें मलिन बस्तियां भी प्रभावित हो रही थी. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने देहरादून के साथ-साथ प्रदेश भर में 2016 तक बसी सभी 584 मलिन बस्तियों को अध्यादेश की जद में शामिल कर 584 बस्तियों में निवासरत लोगों के आशियानों को तोड़ने से बचाया है.
गणेश जोशी ने धामी सरकार की तारीफ: गणेश जोशी ने कहा कि हमारी सरकार मलिन बस्तियों में निवासरत हजारों परिवारों के घरों को बचाने के लिये 3 वर्ष का अध्यादेश लायी और बाद में उसे अक्टूबर 2024 तक 6 साल के लिये बढ़ा दिया गया. उन्होंने कहा कि बस्तियों के नियमितीकरण मामले में जनपद स्तर से सूचनाओं के संकलन की कार्रवाई गतिमान है.
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