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दो बेटियों के हाथ में सोनेलाल पटेल की विरासत: क्या फूलपुर सीट जीत कर पूरा कर पाएंगी पिता की हसरत? - PHULPUR SEAT and Sonelal Patel

फूलपुर से जीत की सोनेलाल की इच्छा उनके जाने के बाद भी अधूरी है. अब जबकि फिर से लोकसभा चुनाव आए हैं, मौजूदा परिदृश्य में फूलपुर फिर से अपना दल के दोनों धड़ों के केंद्र में है. देखना होगा कि पार्टी के संस्थापक सोनेलाल का सपना इस बार उनकी पत्नी या बेटी पूरा कर पाती हैं या नहीं.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Mar 23, 2024, 1:34 PM IST

Updated : Mar 23, 2024, 1:59 PM IST

प्रयागराज: सोनेलाल पटेल ने जब बसपा से अलग होकर 4 नवंबर 1995 को अपना दल बनाया तो उसके बाद से हर लोकसभा चुनाव में फूलपुर से चुनाव लड़े. उनकी हसरत रही कि फूलपुर सीट अपना दल के पास आ जाए. इसका कारण था फूलपुर में पार्टी का अच्छा-खासा वोट बैंक. 1996 में पहली बार चुनाव लड़ने पर सोनेलाल को ढाई हजार के करीब ही वोट मिले थे, लेकिन चुनाव दर चुनाव यह संख्या बढ़ती गई और 1999 के चुनाव में तो सोनेलाल को 1 लाख से ज्यादा वोट मिले. वर्ष 2009 में सोनेलाल की एक हादसे में मौत हो गई और फूलपुर से चुनाव जीतने की उनकी हसरत पूरी नहीं हो पाई. इस बीच सियासी उठापटक में परिवार भी बिखरा और अपना दल के दो धड़े बन गए. फूलपुर से जीत की सोनेलाल की इच्छा उनके जाने के बाद भी अधूरी है. अब जबकि फिर से लोकसभा चुनाव आए हैं, मौजूदा परिदृश्य में फूलपुर फिर से अपना दल के दोनों धड़ों के केंद्र में है. देखना होगा कि पार्टी के संस्थापक सोनेलाल का सपना इस बार उनकी पत्नी या बेटी पूरा कर पाती हैं या नहीं.

फूलपुर से सोनेलाल पटेल ने लड़ा 5 बार चुनाव

प्रयागराज की फूलपुर लोकसभा सीट फिर चर्चा में है. इस सीट से अपना दल के संस्थापक डॉ. सोने लाल पटेल पांच बार चुनाव लड़े, लेकिन कभी विजयश्री नहीं मिली. यहां तक कि सोनेलाल पटेल एक भी चुनाव में दूसरे या तीसरे स्थान तक भी नहीं पहुंच सके. सोनेलाल पटेल 1996 में पहली बार इस सीट से चुनाव मैदान में उतरे थे. उसके बाद से लगातार पांच चुनाव में उतरे. इस बार अपना दल (कमेरावादी) की राष्ट्रीय अध्यक्ष कृष्णा पटेल को इस सीट से चुनाव लड़ाने के कयास लग रहे हैं. दूसरी ओर यह भी कहा जा रहा है कि अपना दल (एस) इस सीट को गठबंधन के तहत अपने खाते में भाजपा से मांग रही है. अपना दल एस की नेता अनुप्रिया पटेल ने भाजपा के सामने यह मांग रखी है. दोनों पार्टियां चाहती हैं कि फूलपुर पर उनका कब्जा हो जाए.

सोनेलाल पटेल को चुनाव दर चुनाव मिले वोट

1996 में 2 हजार 426 वोट

1998 में 42 हजार 152 वोट

1999 में 1 लाख 27 हजार 780 वोट

2004 में 80 हजार 388 वोट

2009 में 76 हजार 699 वोट

पल्लवी पटेल ने की फूलपुर से चुनाव लड़ने की घोषणा

अपना दल (कमेरवादी) की तरफ से दो दिन पहले 20 मार्च को यूपी की तीन लोकसभा सीटों से चुनाव में प्रत्याशी उतारने की घोषणा कर दी गई है. जिसमें प्रयागराज की फूलपुर लोकसभा सीट के साथ ही मिर्जापुर और कौशाम्बी शामिल है. पार्टी के केंद्रीय कार्यालय सचिव राम सनेही पटेल की तरफ से जारी पत्र में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि केंद्रीय कार्यसमिति की बैठक राष्ट्रीय अध्यक्ष कृष्णा पटेल की अध्यक्षता में हुई. जिसमें कार्यकारिणी ने लोकसभा चुनाव के लिए इंडिया गठबंधन के तहत यूपी की तीन सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है. इसमें फूलपुर, मिर्जापुर और सुरक्षित सीट कौशाम्बी शामिल है. इसी के साथ एक दिन पहले शुक्रवार को पल्लवी ने लखनऊ में प्रेस कांफ्रेंस करके इसका ऐलान भी कर दिया. हालांकि अभी उन्होंने यह खुलासा नहीं किया है कि किस सीट पर कौन सा प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतारा जाएगा. लेकिन इस बात के संकेत मिल रहे हैं कि इस सीट से पल्लवी पटेल खुद या उनकी मां कृष्णा पटेल चुनाव लड़ सकती हैं. कृष्णा पटेल चुनाव जीतकर अपने पति का सपना पूरा करना चाहती हैं.

पल्लवी के सामने ये हैं मुश्किलें

पल्लवी पटेल की अपना दल (कमेरवादी) I.N.D.I.A का हिस्सा है. सपा से भी उनका तालमेल रहा है. लेकिन ऐन चुनाव के वक्त हालात बदल गए हैं. सपा मुखिया अखिलेश इस चुनाव में किनारा कर लिया है. पल्लवी को उम्मीद थी कि इन तीन सीटों पर सपा अपने प्रत्याशी नहीं उतारेगी, लेकिन अब तो दोनों ही दलों ने यहां से चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है. ऐसे में गठबंधन का लाभ पल्लवी की पार्टी को मिलता नहीं दिखता. फिर तीनों सीटों पर अपना दल (एस) की भी नजर है. अगर एक ही राजनीतिक विरासत का वारिस होने का दावा करने वाली दोनों पार्टियां इन सीटों से लड़ती हैं तो मुकाबला और भी दिलचस्प हो जाएगा. पल्लवी अब भी PDA की बात कर रही हैं. ताकि चुनाव में उनको मजबूती मिले. अनुप्रिया के हित में एक बात यह भी है कि फूलपुर से 2018 में सांसद बने नागेंद्र सिंह पटेल सपा छोड़ अब उनके साथ हैं.

अनुप्रिया की पार्टी भी कर रही चुनाव की तैयारी

फूलपुर लोकसभा सीट से एक तरफ से जहां पल्लवी पटेल अपनी पार्टी अपना दल (क) के उम्मीदवार को चुनाव में उतारना चाहती हैं तो दूसरी तरफ से भाजपा के साथ गठबंधन करने वालीं अनुप्रिया पटेल की पार्टी अपना दल (एस) भी इस सीट को अपने खाते में करना चाहती है. 2018 में हुए उपचुनाव में सपा के टिकट पर लोकसभा सांसद नागेंद्र सिंह पटेल चुने गए थे. फिलहाल नागेंद्र अपना दल (एस) में हैं और वो फूलपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ना चाहते हैं. इसके लिए वे लगातार चुनाव प्रचार भी कर रहे हैं. नागेंद्र सिंह पटेल का कहना है कि वे पार्टी को मजबूत करने के लिए फूल पुर लोकसभा क्षेत्र में पार्टी के लिए काम करते हुए प्रचार-प्रसार कर रहे हैं. अब उनकी पार्टी एनडीए के साथ गठबंधन में शामिल है और अगर गठबंधन के तहत यह सीट अपना दल एस के खाते में आती है तो टिकट मिलता है तो चुनाव लड़ेंगे.

चुनाव की घड़ी करीब है और तस्वीर साफ होने में अब ज्यादा वक्त भी नहीं लगेगा. हर बार की तरह फूलपुर सोनेलाल पटेल के परिवार के लिए इस बार भी खास है. अब देखना होगा कि क्या लोकसभा चुनाव 2024 में कृष्णा पटेल अपने पति का और बेटियां अपने पिता का वह सपना पूरा कर पाएंगी.

यह भी पढ़ें : बहन बनाम बहन होगा मिर्जापुर का चुनावी मैदान; अनुप्रिया के सामने ताल ठोंकने को पल्लवी पटेल तैयार - Anupriya Patel Vs Pallavi Patel

यह भी पढ़ें : तीन दशक से यहां योगी और मठ का दबदबा, क्या हेरोइन के सहारे किला भेद पाएगी सपा? - GORAKHPUR LOK SABHA SEAT

प्रयागराज: सोनेलाल पटेल ने जब बसपा से अलग होकर 4 नवंबर 1995 को अपना दल बनाया तो उसके बाद से हर लोकसभा चुनाव में फूलपुर से चुनाव लड़े. उनकी हसरत रही कि फूलपुर सीट अपना दल के पास आ जाए. इसका कारण था फूलपुर में पार्टी का अच्छा-खासा वोट बैंक. 1996 में पहली बार चुनाव लड़ने पर सोनेलाल को ढाई हजार के करीब ही वोट मिले थे, लेकिन चुनाव दर चुनाव यह संख्या बढ़ती गई और 1999 के चुनाव में तो सोनेलाल को 1 लाख से ज्यादा वोट मिले. वर्ष 2009 में सोनेलाल की एक हादसे में मौत हो गई और फूलपुर से चुनाव जीतने की उनकी हसरत पूरी नहीं हो पाई. इस बीच सियासी उठापटक में परिवार भी बिखरा और अपना दल के दो धड़े बन गए. फूलपुर से जीत की सोनेलाल की इच्छा उनके जाने के बाद भी अधूरी है. अब जबकि फिर से लोकसभा चुनाव आए हैं, मौजूदा परिदृश्य में फूलपुर फिर से अपना दल के दोनों धड़ों के केंद्र में है. देखना होगा कि पार्टी के संस्थापक सोनेलाल का सपना इस बार उनकी पत्नी या बेटी पूरा कर पाती हैं या नहीं.

फूलपुर से सोनेलाल पटेल ने लड़ा 5 बार चुनाव

प्रयागराज की फूलपुर लोकसभा सीट फिर चर्चा में है. इस सीट से अपना दल के संस्थापक डॉ. सोने लाल पटेल पांच बार चुनाव लड़े, लेकिन कभी विजयश्री नहीं मिली. यहां तक कि सोनेलाल पटेल एक भी चुनाव में दूसरे या तीसरे स्थान तक भी नहीं पहुंच सके. सोनेलाल पटेल 1996 में पहली बार इस सीट से चुनाव मैदान में उतरे थे. उसके बाद से लगातार पांच चुनाव में उतरे. इस बार अपना दल (कमेरावादी) की राष्ट्रीय अध्यक्ष कृष्णा पटेल को इस सीट से चुनाव लड़ाने के कयास लग रहे हैं. दूसरी ओर यह भी कहा जा रहा है कि अपना दल (एस) इस सीट को गठबंधन के तहत अपने खाते में भाजपा से मांग रही है. अपना दल एस की नेता अनुप्रिया पटेल ने भाजपा के सामने यह मांग रखी है. दोनों पार्टियां चाहती हैं कि फूलपुर पर उनका कब्जा हो जाए.

सोनेलाल पटेल को चुनाव दर चुनाव मिले वोट

1996 में 2 हजार 426 वोट

1998 में 42 हजार 152 वोट

1999 में 1 लाख 27 हजार 780 वोट

2004 में 80 हजार 388 वोट

2009 में 76 हजार 699 वोट

पल्लवी पटेल ने की फूलपुर से चुनाव लड़ने की घोषणा

अपना दल (कमेरवादी) की तरफ से दो दिन पहले 20 मार्च को यूपी की तीन लोकसभा सीटों से चुनाव में प्रत्याशी उतारने की घोषणा कर दी गई है. जिसमें प्रयागराज की फूलपुर लोकसभा सीट के साथ ही मिर्जापुर और कौशाम्बी शामिल है. पार्टी के केंद्रीय कार्यालय सचिव राम सनेही पटेल की तरफ से जारी पत्र में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि केंद्रीय कार्यसमिति की बैठक राष्ट्रीय अध्यक्ष कृष्णा पटेल की अध्यक्षता में हुई. जिसमें कार्यकारिणी ने लोकसभा चुनाव के लिए इंडिया गठबंधन के तहत यूपी की तीन सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है. इसमें फूलपुर, मिर्जापुर और सुरक्षित सीट कौशाम्बी शामिल है. इसी के साथ एक दिन पहले शुक्रवार को पल्लवी ने लखनऊ में प्रेस कांफ्रेंस करके इसका ऐलान भी कर दिया. हालांकि अभी उन्होंने यह खुलासा नहीं किया है कि किस सीट पर कौन सा प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतारा जाएगा. लेकिन इस बात के संकेत मिल रहे हैं कि इस सीट से पल्लवी पटेल खुद या उनकी मां कृष्णा पटेल चुनाव लड़ सकती हैं. कृष्णा पटेल चुनाव जीतकर अपने पति का सपना पूरा करना चाहती हैं.

पल्लवी के सामने ये हैं मुश्किलें

पल्लवी पटेल की अपना दल (कमेरवादी) I.N.D.I.A का हिस्सा है. सपा से भी उनका तालमेल रहा है. लेकिन ऐन चुनाव के वक्त हालात बदल गए हैं. सपा मुखिया अखिलेश इस चुनाव में किनारा कर लिया है. पल्लवी को उम्मीद थी कि इन तीन सीटों पर सपा अपने प्रत्याशी नहीं उतारेगी, लेकिन अब तो दोनों ही दलों ने यहां से चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है. ऐसे में गठबंधन का लाभ पल्लवी की पार्टी को मिलता नहीं दिखता. फिर तीनों सीटों पर अपना दल (एस) की भी नजर है. अगर एक ही राजनीतिक विरासत का वारिस होने का दावा करने वाली दोनों पार्टियां इन सीटों से लड़ती हैं तो मुकाबला और भी दिलचस्प हो जाएगा. पल्लवी अब भी PDA की बात कर रही हैं. ताकि चुनाव में उनको मजबूती मिले. अनुप्रिया के हित में एक बात यह भी है कि फूलपुर से 2018 में सांसद बने नागेंद्र सिंह पटेल सपा छोड़ अब उनके साथ हैं.

अनुप्रिया की पार्टी भी कर रही चुनाव की तैयारी

फूलपुर लोकसभा सीट से एक तरफ से जहां पल्लवी पटेल अपनी पार्टी अपना दल (क) के उम्मीदवार को चुनाव में उतारना चाहती हैं तो दूसरी तरफ से भाजपा के साथ गठबंधन करने वालीं अनुप्रिया पटेल की पार्टी अपना दल (एस) भी इस सीट को अपने खाते में करना चाहती है. 2018 में हुए उपचुनाव में सपा के टिकट पर लोकसभा सांसद नागेंद्र सिंह पटेल चुने गए थे. फिलहाल नागेंद्र अपना दल (एस) में हैं और वो फूलपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ना चाहते हैं. इसके लिए वे लगातार चुनाव प्रचार भी कर रहे हैं. नागेंद्र सिंह पटेल का कहना है कि वे पार्टी को मजबूत करने के लिए फूल पुर लोकसभा क्षेत्र में पार्टी के लिए काम करते हुए प्रचार-प्रसार कर रहे हैं. अब उनकी पार्टी एनडीए के साथ गठबंधन में शामिल है और अगर गठबंधन के तहत यह सीट अपना दल एस के खाते में आती है तो टिकट मिलता है तो चुनाव लड़ेंगे.

चुनाव की घड़ी करीब है और तस्वीर साफ होने में अब ज्यादा वक्त भी नहीं लगेगा. हर बार की तरह फूलपुर सोनेलाल पटेल के परिवार के लिए इस बार भी खास है. अब देखना होगा कि क्या लोकसभा चुनाव 2024 में कृष्णा पटेल अपने पति का और बेटियां अपने पिता का वह सपना पूरा कर पाएंगी.

यह भी पढ़ें : बहन बनाम बहन होगा मिर्जापुर का चुनावी मैदान; अनुप्रिया के सामने ताल ठोंकने को पल्लवी पटेल तैयार - Anupriya Patel Vs Pallavi Patel

यह भी पढ़ें : तीन दशक से यहां योगी और मठ का दबदबा, क्या हेरोइन के सहारे किला भेद पाएगी सपा? - GORAKHPUR LOK SABHA SEAT

Last Updated : Mar 23, 2024, 1:59 PM IST
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