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'ये बदनाम करने की साजिश है'..वायरल लेटर पर बक्सर डीएवी प्रिंसिपल की सफाई, डीएम-एसपी ने बयां की सच्चाई - FAKE PUMPHLET IN BUXAR - FAKE PUMPHLET IN BUXAR

DAV PRINCIPAL V ANAND KUMAR: बक्सर में इन दिनों चर्चा का विषय बने पंफलेट के पीछे की कहानी का रहस्य डुमरांव डीएवी स्कूल के प्रिंसिपल ने खोल दिया है. प्रिंसिपल वी आनंद कुमार के साथ-साथ पुलिस ने भी पंफलेट को फर्जी बताया है और इसके पीछे साजिश की बात कही है, पढ़िये पूरी खबर,

पंफलेट पर आई प्रिंसिपल की सफाई
पंफलेट पर आई प्रिंसिपल की सफाई (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Sep 1, 2024, 5:26 PM IST

कौन कर रहा है प्रिंसिपल को बदनाम ? (ETV BHARAT)

बक्सरः बिहार के बक्सर जिले के डुमरांव स्थित डीएवी स्कूल के प्रिंसिपल को लेकर जारी पंफलेट में बड़ा खुलासा हुआ है. इस मामले में प्रिंसिपल वी आनंद कुमार खुद मीडिया के सामने आया है और इस पंफलेट को लेकर अपनी सफाई दी. उन्होंने पंफलेट को पूरी तरह फर्जी बताया और इसे विरोधियों की साजिश करार दिया. वहीं पुलिस का भी कहना है कि जिस सुनील तिवारी के नाम से पंफलेट जारी किया गया है उस नाम का कोई कैदी बक्सर सेंट्रल जेल में है ही नहीं.

पंफलेट में डीएवी स्कूल के प्रिंसिपल पर गंभीर आरोपः दरअसल एक सप्ताह पहले कैदी सुनील तिवारी के नाम से जारी एक पंफलेट में डुमरांव डीएवी स्कूल के प्रिंसिपल पर कई गंभीर आरोप लगाए गए थे. सुनील तिवारी के नाम से जारी 10 हजार पंफलेट पूरे शहर में बांटे गये थे और गार्ड के जरिये पंफलेट का एक पैकेट प्रिंसिपल वी आनंद कुमार तक भी पहुंचाया गया था.

प्रिंसिपल ने रखा अपना पक्ष:सोशल मीडिया से लेकर हर चौक चौराहे पर चर्चा का विषय बन चुके इस पंफलेट की सच्चाई जानने जब ईटीवी भारत की टीम डीएवी स्कूल पहुंची तो प्रिंसिपल ने पंफलेट का वो लिफाफा दिखाया जिसे उन्हें स्कूल गार्ड के जरिये भेजा गया था. डीएवी के प्रिंसिपल वी आनंद कुमार ने बताया कि मेरे गार्ड के माध्यम से यह पंफलेट मुझे भी दिया गया है जो बिल्कुल फर्जी है.

"मैं और मेरा पत्नी मूल रूप से आंध्रप्रदेश के रहने वाले हैं. हम दोनों के 21 साल और 16 साल के दो बच्चे हैं,बक्सर जिले में मैं 2022 में आया हूँ. फिर 2012 में इस तरह का कोई कारनामा कैसे कर दिया. डुमराँव शहर में डीएवी का ब्रांच ही 2013 में खुला है. फिर 2011 में ही वहां मैं टीचर इंचार्ज कैसे बन गया."- वी आनंद कुमार, प्रिंसिपल, डीएवी स्कूल, डुमरांव

बदला लेने के लिए बदनाम करने की साजिशः प्रिंसिपल ने इस पंफलेट के जरिए उन्हें बदनाम करने की साजिश का आरोप लगाया. उन्होंने बताया कि डुमराँव अनुमंडल के सोनवर्षा में कुछ लोग डीएवी पब्लिक स्कूल के नाम पर फर्जी डीएवी पब्लिक स्कूल चला रहे थे. यहां तक कि उसका उद्घाटन भी मंत्री से कराया गया था.

"फर्जी डीएवी स्कूल की सूचना मिलते ही हमने थाने से लेकर एसपी तक लिखित शिकायत की. जिसके बाद तीन लोग मेरे किराये के मकान पर आए और धमकाना शुरू कर दिया.जिनके खिलाफ नगर थाने में हमने सनहा भी 6 महीने पहले ही दर्ज कराया है."- वी आनंद कुमार, प्रिंसिपल, डीएवी स्कूल, डुमरांव

'मेरे संज्ञान में नहीं है मामला': इस पंफलेट को लेकर जब जिलाधिकारी अंशुल अग्रवाल से पूछा गया तो, उन्होंने बताया कि ये प्रशासन से जुड़ा हुआ है मामला नहीं है, अगर कोई प्रशासनिक मामला होगा तो देखेंगे.फिलहाल मेरे संज्ञान में ऐसा कोई मामला नही है.अब काल्पनिक है कि वास्तविक है.इसकी जानकारी होने के बाद ही कुछ कहा जायेगा.

"यह हैंडबिल पूरी तरह से फर्जी है.इस नाम कE कोई भी व्यक्ति जेल में बंद नही है और न ही किसी थाने में इस तरह का कांड अंकित है. जो हैंडबिल है उस पर भी कांड संख्या भी दर्ज नहीं है और न ही उसमें एड्रेस बताया गया है."-मनीष कुमार, एसपी

सेंटल जेल के सुपरिंटेंडेंट ने भी किया इंकारः वहीं सेंट्रल जेल की जेल सुपरिंटेंडेंट ज्ञानिता गौरव ने फोन पर बताया कि इस तरह का कोई भी कैदी हमारे यहां नही है. ऐसे में सवाल उठने लगा है कि आखिर वे कौन लोग है. जो एक प्रतिष्ठित व्यक्ति से लेकर सेंट्रल जेल एवं प्रशासनिक अधिकारियो की छवि को खराब करने की साजिश कर रहे हैं ?

फर्जी पंफलेट में क्या है ? : दरअसल जो पंफलेट जारी किया गया है उसमें किसी सुनील तिवारी के हवाले से ये बताया गया है कि उसकी पत्नी भी डीएवी स्कूल डुमरांव में टीचर थी और उसके प्रिंसिपल वी आनंद कुमार के साथ अवैध संबंध थे. वो प्रिंसिपल के साथ भाग गयी थी. जबकि उसके ससुरालवालों ने दहेज के लिए अपनी पत्नी की हत्या का आरोपी बनाया और वो 13 साल से जेल में बंद है.

"मेरी पत्नी जिंदा है और वो डीएवी पब्लिक स्कूल बक्सर के प्रिंसिपल के साथ नाम बदलकर रही है. मैं इस अपमान को सहन नहीं कर पा रहा हूं, जिसकी वजह से मैं जी नहीं पा रहा हूं. मैं कायर नहीं हूं लेकिन खंजर अपनों ने ही सीने पर नहीं पीठ पर मारी है."- 'पंफलेट में सुनील तिवारी के हवाले से लिखी बात

ये भी पढ़ेंःजिस पत्नी की हत्या के आरोप में पति 13 सालों से जेल में बंद, वह आज भी जिंदा! आरोपी का पत्र वायरल - Viral Letter In Buxar

कौन कर रहा है प्रिंसिपल को बदनाम ? (ETV BHARAT)

बक्सरः बिहार के बक्सर जिले के डुमरांव स्थित डीएवी स्कूल के प्रिंसिपल को लेकर जारी पंफलेट में बड़ा खुलासा हुआ है. इस मामले में प्रिंसिपल वी आनंद कुमार खुद मीडिया के सामने आया है और इस पंफलेट को लेकर अपनी सफाई दी. उन्होंने पंफलेट को पूरी तरह फर्जी बताया और इसे विरोधियों की साजिश करार दिया. वहीं पुलिस का भी कहना है कि जिस सुनील तिवारी के नाम से पंफलेट जारी किया गया है उस नाम का कोई कैदी बक्सर सेंट्रल जेल में है ही नहीं.

पंफलेट में डीएवी स्कूल के प्रिंसिपल पर गंभीर आरोपः दरअसल एक सप्ताह पहले कैदी सुनील तिवारी के नाम से जारी एक पंफलेट में डुमरांव डीएवी स्कूल के प्रिंसिपल पर कई गंभीर आरोप लगाए गए थे. सुनील तिवारी के नाम से जारी 10 हजार पंफलेट पूरे शहर में बांटे गये थे और गार्ड के जरिये पंफलेट का एक पैकेट प्रिंसिपल वी आनंद कुमार तक भी पहुंचाया गया था.

प्रिंसिपल ने रखा अपना पक्ष:सोशल मीडिया से लेकर हर चौक चौराहे पर चर्चा का विषय बन चुके इस पंफलेट की सच्चाई जानने जब ईटीवी भारत की टीम डीएवी स्कूल पहुंची तो प्रिंसिपल ने पंफलेट का वो लिफाफा दिखाया जिसे उन्हें स्कूल गार्ड के जरिये भेजा गया था. डीएवी के प्रिंसिपल वी आनंद कुमार ने बताया कि मेरे गार्ड के माध्यम से यह पंफलेट मुझे भी दिया गया है जो बिल्कुल फर्जी है.

"मैं और मेरा पत्नी मूल रूप से आंध्रप्रदेश के रहने वाले हैं. हम दोनों के 21 साल और 16 साल के दो बच्चे हैं,बक्सर जिले में मैं 2022 में आया हूँ. फिर 2012 में इस तरह का कोई कारनामा कैसे कर दिया. डुमराँव शहर में डीएवी का ब्रांच ही 2013 में खुला है. फिर 2011 में ही वहां मैं टीचर इंचार्ज कैसे बन गया."- वी आनंद कुमार, प्रिंसिपल, डीएवी स्कूल, डुमरांव

बदला लेने के लिए बदनाम करने की साजिशः प्रिंसिपल ने इस पंफलेट के जरिए उन्हें बदनाम करने की साजिश का आरोप लगाया. उन्होंने बताया कि डुमराँव अनुमंडल के सोनवर्षा में कुछ लोग डीएवी पब्लिक स्कूल के नाम पर फर्जी डीएवी पब्लिक स्कूल चला रहे थे. यहां तक कि उसका उद्घाटन भी मंत्री से कराया गया था.

"फर्जी डीएवी स्कूल की सूचना मिलते ही हमने थाने से लेकर एसपी तक लिखित शिकायत की. जिसके बाद तीन लोग मेरे किराये के मकान पर आए और धमकाना शुरू कर दिया.जिनके खिलाफ नगर थाने में हमने सनहा भी 6 महीने पहले ही दर्ज कराया है."- वी आनंद कुमार, प्रिंसिपल, डीएवी स्कूल, डुमरांव

'मेरे संज्ञान में नहीं है मामला': इस पंफलेट को लेकर जब जिलाधिकारी अंशुल अग्रवाल से पूछा गया तो, उन्होंने बताया कि ये प्रशासन से जुड़ा हुआ है मामला नहीं है, अगर कोई प्रशासनिक मामला होगा तो देखेंगे.फिलहाल मेरे संज्ञान में ऐसा कोई मामला नही है.अब काल्पनिक है कि वास्तविक है.इसकी जानकारी होने के बाद ही कुछ कहा जायेगा.

"यह हैंडबिल पूरी तरह से फर्जी है.इस नाम कE कोई भी व्यक्ति जेल में बंद नही है और न ही किसी थाने में इस तरह का कांड अंकित है. जो हैंडबिल है उस पर भी कांड संख्या भी दर्ज नहीं है और न ही उसमें एड्रेस बताया गया है."-मनीष कुमार, एसपी

सेंटल जेल के सुपरिंटेंडेंट ने भी किया इंकारः वहीं सेंट्रल जेल की जेल सुपरिंटेंडेंट ज्ञानिता गौरव ने फोन पर बताया कि इस तरह का कोई भी कैदी हमारे यहां नही है. ऐसे में सवाल उठने लगा है कि आखिर वे कौन लोग है. जो एक प्रतिष्ठित व्यक्ति से लेकर सेंट्रल जेल एवं प्रशासनिक अधिकारियो की छवि को खराब करने की साजिश कर रहे हैं ?

फर्जी पंफलेट में क्या है ? : दरअसल जो पंफलेट जारी किया गया है उसमें किसी सुनील तिवारी के हवाले से ये बताया गया है कि उसकी पत्नी भी डीएवी स्कूल डुमरांव में टीचर थी और उसके प्रिंसिपल वी आनंद कुमार के साथ अवैध संबंध थे. वो प्रिंसिपल के साथ भाग गयी थी. जबकि उसके ससुरालवालों ने दहेज के लिए अपनी पत्नी की हत्या का आरोपी बनाया और वो 13 साल से जेल में बंद है.

"मेरी पत्नी जिंदा है और वो डीएवी पब्लिक स्कूल बक्सर के प्रिंसिपल के साथ नाम बदलकर रही है. मैं इस अपमान को सहन नहीं कर पा रहा हूं, जिसकी वजह से मैं जी नहीं पा रहा हूं. मैं कायर नहीं हूं लेकिन खंजर अपनों ने ही सीने पर नहीं पीठ पर मारी है."- 'पंफलेट में सुनील तिवारी के हवाले से लिखी बात

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