बुरहानपुर. जिले में नेपानगर का जंगल अवैध कटाई और वन भूमि पर अतिक्रमण के लिए बदनाम रहा है, लेकिन अब ये पहचान धीरे-धीरे बदल रही है. बुरहानपुर के जंगलों में पेड़ों की नई किस्म, घने जंगल और दुर्लभ प्रजाति के जीव इस बात का सबूत हैं. दुर्लभ वन्य जीव इन जंगलों में अपना कुनबा बढ़ा पा रहे हैं. हाल ही में एक वाइल्ट लाइफ फोटोग्राफर ने यहां दुर्लभ प्रजातियों के जीवों की शानदार तस्वीरें कैमरे में कैद की. इसी दौरान उनके कैमरे में मध्यप्रदेश का राज्यपक्षी 'दूधराज' भी कैद हो गया. (फोटो क्रेडिट - फ्रेंकलिन साइमन)
![Doodhraj Captured by Photographer Franklin Simon](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/29-04-2024/dudhrajchausingachootaullu_29042024095328_2904f_1714364608_742.jpg)
देखने लायक है यहां की वन संपदा
बता दें कि बुरहानपुर जिले में जंगल एक लाख 90 हजार 100 हेक्टेयर में फैला हुआ है, ये जंगल वन संपदा से काफी समृद्ध है. यहां वन्य प्राणियों की 40, पक्षियों की 120, सांपों की 14 और कीट-पतंगों की 65 से ज्यादा प्रजातियां मौजूद हैं. साथ ही कई प्राणी और वनस्पति तो काफी दुर्लभ हैं. इसलिए जंगल ने अपने दामन में इसे संजो रखा है. ये जंगल आठ रेंज बुरहानपुर, शाहपुर, खकनार, बोदरली, नेपानगर, धुलकोट, असीर और नावरा में फैला है. इसमें चौसिंगा, दूधराज, तेंदुआ, भालू, लकड़बग्घा, सियार, लोमड़ी, नीलगाय, चितल, चिंकारा, छोटा उल्लू और जंगली बिल्ली सहित अन्य प्रजातियों के वन्य प्राणी मौजूद हैं.
![Doodhraj Captured by Photographer Franklin simon](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/29-04-2024/mp-bur-01-wild-life-photografer-spl-10011_29042024094545_2904f_1714364145_334.jpg)
कैमरे में कैद हुआ छोटा उल्लू
फोटोग्राफर के कैमरे में यहां दुर्लभ प्रजाति का छोटा उल्लू भी कैद हुआ. जानकारों का कहना है कि छोटे उल्लू की प्रजाति धीरे-धीरे लुप्त हो रही है, अब दुनिया भर में इनकी संख्या 500 से भी कम बची है, लेकिन नेपानगर के जंगल में छोटे उल्लू की मौजूदगी है, इधर वन विभाग ने वन्य प्राणियों की जंगल में मौजूदगी को 120 पेज की बुकलेट में संजोकर रखा है, वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर फ्रेंकलिन साइमन ने तीन साल की मेहनत से जिले के जंगल से वन्य प्राणियों की तस्वीरें अपने कैमरे में कैद की है, इस दौरान वे दूधराज पक्षी का फोटो तीन साल में खींच पाए हैं, कई किलोमीटर जंगल की खाक छानने के बाद ये उन्हें ये उपलब्धी हासिल हुई है, इसके लिए उन्हें जंगल में भूखा-प्यासा भी रहना पड़ा, फ्रैंकलिन का दावा है कि प्रदेश में राज्य पक्षी घोषित दूधराज का दिखना बेहद मुश्किल है, लेकिन जंगल में यह भी नजर आता है.
![Doodhraj Captured by Photographer Franklin Simon](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/29-04-2024/dudhrajchausingachootaullu_29042024095328_2904f_1714364608_491.jpg)