बुरहानपुर। शहर के महाजनापेठ वार्ड के सतियारा घाट स्थित श्मशान घाट पर बारिश के दिनों में लोगों को शव जलाने में काफी परेशानी होती है. श्मशान घाट में छत नहीं है, जिस कारण शव जलाने के दौरान समस्या होती है. शव लेकर आए लोगों को बारिश बंद होने का इंतजार करना पड़ता है. बारिश रूकने के बाद शव को जलाया जाता है. कई बार नागरिकों ने नगर निगम प्रशासन को इस समस्या से अवगत कराया, लेकिन अब तक समस्या के समाधान नहीं हुआ है.
नाराज लोगों ने निकाली सांकेतिक शव यात्रा
नगर निगम प्रशासन की अनदेखी से नाराज नागरिकों ने रविवार को अनूठे ढंग से विरोध किया. नाराज लोगों ने सांकेतिक रूप से नगर निगम आयुक्त की सांकेतिक शव यात्रा निकाली और पुतले को जलाया. इसके बाद नागरिकों ने जिम्मेदारों से अविलंब इस समस्या के हल करने की मांग की है. आम लोगों की समस्या को देखते हुए मजदूर यूनियन अध्यक्ष मैदान में उतरे. उन्होंने नगर निगम से जल्द शेड बनाने की मांग की है. हाल फिलहाल उन्होंने वैकल्पिक व्यवस्था की मांग की है, ताकि बारिश के दिनों में शव जलाने में समस्या से बचा जा सके.
बारिश में शव जलाने में होती है परेशानी
मजदूर यूनियन अध्यक्ष ठाकुर प्रियांक सिंह का कहना है कि "श्मशान घाट पर शेड होना अनिवार्य होता है. अब मॉनसून शुरू हो गया है. शेड नहीं होने से शव का अंतिम संस्कार करते समय बारिश आने पर जलती चिता बुझ जाती है. जिससे लोगों को परेशानी होती है. सतियारा घाट स्थित श्मशान घाट पर छत या शेड की कोई व्यवस्था नहीं है. यहां के लोगों का आरोप है कि नगर निगम आयुक्त संदीप श्रीवास्तव केवल सरकारी आयोजनों में शिरकत करके फोटो सेशन में व्यस्त रहते हैं.
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नगर निगम की अनदेखी से जनता परेशान
ठाकुर प्रियांक सिंह ने आगे बताया कि श्मशान घाट का रखरखाव, इत्यादि नगर निगम बुरहानपुर करता है. यहां पर क्या सुविधाएं हैं, किसकी आवश्यकता है इन सबको देखने का कार्य निगम अधिकारियों का है. किसी का ध्यान मूलभूत आवश्यकताओं पर नहीं है. शहर में हो रही अव्यवस्थाओं पर तो जीते जी नगर निगम ने सभी को परेशान कर रखा है. अब तो मरने के बाद भी नगर निगम के कारण शव दहन नहीं किया जा सकता. श्मशान घाट की अव्यवस्थाओं पर तंज कसते हुए ठाकुर ने कहा कि "क्या अब हिंदुओं को अपने सगे संबंधियों के शवों को दहन ना करते हुए नगर निगम के कारण कब्रिस्तान में गाड़ने पर मजबूर होना पड़ेगा."