बुरहानपुर: जिले में नेपानगर वन परिक्षेत्र के नावरा रेंज के नया खेड़ा गांव के समीप 9 जुलाई को एक तेंदुआ सुस्त की हालत में मिला था. वन विभाग ने तेंदुए को सुरक्षित पकड़कर उसकी जांच कराई. तेंदुआ में परवो वायरस पाए जाने की जानकारी मिली. इसके बाद गंभीर रूप से बीमार तेंदुए को इलाज के लिए राला मंडल अभ्यारण्य इंदौर पहुंचाया गया. जहां करीब 12 दिनों तक इंदौर में डॉक्टरों की निगरानी तेंदुए का इलाज हुआ. पूरी तरह स्वस्थ होने के बाद तेंदुआ को खंडवा सीसीएफ और डीएफओ के निर्देश पर बड़वाह के काट कूट के जंगल में सुरक्षित छोड़ा गया है.
तेंदुआ पारवो वायरस पॉजिटिव पाया गया
बुरहानपुर के नेपानगर वन परिक्षेत्र के नया खेड़ा गांव स्थित एक किसान के खेत में तेंदुआ सुस्त अवस्था में पड़ा मिला था. इसके बाद पशु चिकित्सकों से उसकी जांच कराई गई. जांच रिपोर्ट में तेंदुआ पारवो वायरस पॉजिटिव पाया गया. वन विभाग के अधिकारियों ने तेंदुए को इंदौर के राला मंडल अभ्यारण में पहुंचाया. पारवो वायरस से ग्रसित होने के कारण उसे आइसोलेशन रूम में रखा गया. जहां 12 दिनों तक इसका इलाज किया गया. डॉक्टरों की मेहनत रंग लाई और तेंदुआ अब पूरी तरह स्वस्थ हो गया है. उसे शनिवार को बड़वाह के जंगलों में छोड़ दिया गया है.
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इंदौर में तेंदुए का हुआ इलाज
एसडीओ अजय सागर ने बताया कि "9 जुलाई को नावरा परिक्षेत्र में केले के खेत में एक नर तेंदुआ को बेहोशी की हालत में रेस्क्यू किया गया था. उस समय तेंदुए की हालत इतनी खराब थी कि उसके पिछले दोनों पैर काम नहीं कर रहे थे. ऐसी स्थिति में तेंदुए को बिना संपूर्ण संसाधनों के रेस्क्यू किया गया. रेस्क्यू के दौरान ऐसा लगा कि ये तेंदुआ अब वापस चल नहीं पाएगा, लेकिन हमारी टीम ने विश्वास बनाए रखा और उसे बेहतर इलाज के लिए इंदौर ZOO पहुंचाया. जहां डॉक्टरों ने कैनाइन डिस्टेंपर बीमारी की संभावनाओं को देखते हुए अलग रखने की सलाह दी. जू के डॉक्टर्स की निगरानी में उसका उपचार किया गया. तेंदुए के स्वस्थ होने के बाद उसे विचरण के लिए वन क्षेत्र में छोड़ दिया गया है.''