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कोरोना काल में बूंद-बूद पानी को मोहताज हुए तो सोच व नजरिया बदला, अब चला रहे प्याऊ - MP extreme heat waves

कोरोना काल में लॉकडाउन के दौरान रोजगार छिनने और मुंबई से बुरहानपुर तक पैदल चलकर आने के बाद मोहम्मद लुकमान की सोच व नजरिया बदल गया. लुकमान ने पैदल यात्रा के दौरान पेयजल संकट झेला. इसी से प्रेरित होकर वह अब बुरहानपुर में प्याऊ चलाते हैं. खर्च पानी के लिए टी सेंटर खोल रखा है.

burhanpur mohd lukman pyau
लोगों की प्यास बुझाना ही जिंदगी का लक्ष्य
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Apr 22, 2024, 1:48 PM IST

लुकमान सारे काम छोड़कर पहले प्याऊ की व्यवस्था करते हैं

बुरहानपुर। बुरहानपुर जिले में गर्मी ने अपने तेवर दिखाने शुरू कर दिए है, दोपहर का पारा 40 डिग्री तक पहुंच चुका है, सुबह 9 बजे के बाद से ही सूर्य देवता आग उगल रहे हैं. इसके चलते घर से बाहर निकलना दूभर हो जाता है. ऐसे में तहसील कार्यालय और जनपद पंचायत में जरूरी काम से आए लोगों के लिए लॉकडाउन चाय सेंटर संचालक मोहम्मद लुकमान ने प्याऊ खोला है. भीषण गर्मी में लुकमान लोगों का गला तर रहे हैं. लुकमान सारे काम छोड़कर पहले प्याऊ की व्यवस्था करते हैं.

कोरोना काल में भिवंडी से बुरहानपुर तक पैदल यात्रा

दरअसल, लॉकडाउन में रोजगार छूटने के बाद मोहम्मद लुकमान 550 किमी पैदल चलकर भिवंडी से बुरहानपुर अपने घर पहुंचे. इस दौरान रास्ते में पानी की बूंद-बूंद के लिए मोहताज हुए. इससे सबक लेकर लुकमान ने लोगों के लिए प्याऊ खोला. वे राहगीरों के लिए रोजाना मटकों में पानी भरकर पुनीत काम कर रहे हैं. लुकमान बताते हैं कि लॉकडाउन के समय उन्होंने भिवंडी से बुरहानपुर का सफर पैदल तय किया था. इस 11 दिन के सफर के दौरान उन्हें पानी की समस्या से जूझना पड़ा था. उस दिन से लुकमान ने प्याऊ संचालन का निर्णय लिया है. यदि उनकी चाय की दुकान बंद भी रहती है तो वह सुबह आकर मटकों में पानी भरना नहीं भूलते.

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लोगों की प्यास बुझाना ही जिंदगी का लक्ष्य

लुकमान बताते हैं "अब यह काम उनका जुनून बन चुका है. अगर किसी कारणवश प्याऊ बंद रहता है तो उन्हें रात में नींद नहीं आती." इसके अलावा लुकमान अपने टी सेंटर पर 60 साल से ज्यादा उम्र के बुजुर्गों को मुफ्त चाय पिलाते हैं. उनका कहना है "कोरोना संक्रमण से कई लोगों की मौत हो गई, लेकिन उन्हें भगवान ने नया जीवन दिया है. इसलिए उन्होंने अपना जीवन लोगों की सेवा में समर्पित करने का फैसला लिया है." बता दें कि लॉकडाउन में कई लोगों के व्यापार बंद हो गए. कई युवा बेरोजगार तक हो गए. लेकिन कुछ ऐसे भी युवा हैं, जिन्होंने रोजगार खोने के बाद भी हार नहीं मानी.

लुकमान सारे काम छोड़कर पहले प्याऊ की व्यवस्था करते हैं

बुरहानपुर। बुरहानपुर जिले में गर्मी ने अपने तेवर दिखाने शुरू कर दिए है, दोपहर का पारा 40 डिग्री तक पहुंच चुका है, सुबह 9 बजे के बाद से ही सूर्य देवता आग उगल रहे हैं. इसके चलते घर से बाहर निकलना दूभर हो जाता है. ऐसे में तहसील कार्यालय और जनपद पंचायत में जरूरी काम से आए लोगों के लिए लॉकडाउन चाय सेंटर संचालक मोहम्मद लुकमान ने प्याऊ खोला है. भीषण गर्मी में लुकमान लोगों का गला तर रहे हैं. लुकमान सारे काम छोड़कर पहले प्याऊ की व्यवस्था करते हैं.

कोरोना काल में भिवंडी से बुरहानपुर तक पैदल यात्रा

दरअसल, लॉकडाउन में रोजगार छूटने के बाद मोहम्मद लुकमान 550 किमी पैदल चलकर भिवंडी से बुरहानपुर अपने घर पहुंचे. इस दौरान रास्ते में पानी की बूंद-बूंद के लिए मोहताज हुए. इससे सबक लेकर लुकमान ने लोगों के लिए प्याऊ खोला. वे राहगीरों के लिए रोजाना मटकों में पानी भरकर पुनीत काम कर रहे हैं. लुकमान बताते हैं कि लॉकडाउन के समय उन्होंने भिवंडी से बुरहानपुर का सफर पैदल तय किया था. इस 11 दिन के सफर के दौरान उन्हें पानी की समस्या से जूझना पड़ा था. उस दिन से लुकमान ने प्याऊ संचालन का निर्णय लिया है. यदि उनकी चाय की दुकान बंद भी रहती है तो वह सुबह आकर मटकों में पानी भरना नहीं भूलते.

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लुकमान बताते हैं "अब यह काम उनका जुनून बन चुका है. अगर किसी कारणवश प्याऊ बंद रहता है तो उन्हें रात में नींद नहीं आती." इसके अलावा लुकमान अपने टी सेंटर पर 60 साल से ज्यादा उम्र के बुजुर्गों को मुफ्त चाय पिलाते हैं. उनका कहना है "कोरोना संक्रमण से कई लोगों की मौत हो गई, लेकिन उन्हें भगवान ने नया जीवन दिया है. इसलिए उन्होंने अपना जीवन लोगों की सेवा में समर्पित करने का फैसला लिया है." बता दें कि लॉकडाउन में कई लोगों के व्यापार बंद हो गए. कई युवा बेरोजगार तक हो गए. लेकिन कुछ ऐसे भी युवा हैं, जिन्होंने रोजगार खोने के बाद भी हार नहीं मानी.

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