बुरहानपुर: मध्य प्रदेश के बुरहानपुर में विदेशी पर्यटकों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया है. इस सप्ताह में दूसरी बार विदेशी पर्यटकों का दल ऐतिहासिक धरोहरों को करीब से निहारने के लिए यहां पहुंचा है. दरअसल, सोमवार को इटली से आए विदेशी पर्यटकों के दल ने शाही किला, जामा मस्जिद सहित कई ऐतिहासिक धरोहरों का भ्रमण किया.
मस्जिद में तीन भाषाओं में शिलालेख
विदेशी पर्यटकों ने शाही किले में बेगम मुमताज का शाही हमामखाना, दीवाने आम, दीवाने खास और लौंगी मीनार का भी करीब से दीदार किया है. पर्यटकों ने सूर्यपुत्री मां ताप्ती नदी का दृश्य भी देखा है. इसके बाद सैलानियों का दल जामा मस्जिद पहुंचा. मस्जिद में तीन भाषाओं में मौजूद शिलालेखों को निहारा. इस मस्जिद में फारसी, संस्कृत और अरबी भाषा में शिलालेख हैं. इसे स्थानीय लोग बिना छत की मस्जिद भी कहते हैं.
पर्यटकों ने की बुरहानपुर की तारीफ
विदेशी पर्यटकों ने इस मस्जिद के बेजोड़ निर्माण को बारीकी से देखा. विदेशी पर्यटकों के गाइड ने बताया, ''मैं इटालियन दल को बुरहानपुर भ्रमण के लिए लेकर आया हूं. इन्होंने इस बार घूमने के लिए मध्य प्रदेश का चयन किया है. इस टूर में पर्यटकों ने बुरहानपुर को शामिल किया है. सोमवार को सबसे पहले बाज़ारों में घूमकर तस्वीरें कैद की. इसके बाद यह दल शाही किला पहुंचा. यहां घूमने के बाद शाही जामा मस्जिद में पहुंचकर वहां की बनावट को करीब से देखा. इस दौरान विदेशी पर्यटकों ने बुरहानपुर की संस्कृति और यहां मौजूद धरोहरों की जमकर तारीफ की.''
![Italian Tourists Visit Burhanpur](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/26-11-2024/mp-bur-03-videshi-mehman-pkg-10011_25112024195426_2511f_1732544666_890.jpg)
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बुरहानपुर में हैं दर्जनों ऐतिहासिक स्थल
आपको बता दें कि बुरहानपुर जिले में दर्जनों ऐतिहासिक महत्व के स्मारक और धरोहर मौजूद हैं. इनका इतिहास सैकड़ों साल पुराना है. इन सब में विदेशी पर्यटकों का सबसे पसंदीदा स्थल बेगम मुमताज की यादों से जुड़ा महल शाही किला है. यही वजह है कि इस किले के इतिहास, अद्भुत कलाकृति और निर्माण से जुड़े तथ्य जानने की हर किसी पर्यटक में जिज्ञासा रहती है. इसमें विदेशी पर्यटक भी पीछे नहीं है.