बुरहानपुर। जिला मुख्यालय से 20 किमी दूर फोपनार गांव में हर साल इस मौसम में बड़ी संख्या में बंदरों का झुंड पहुंचता है. इस साल भी बड़ी संख्या में गांव में बंदर आ गए हैं. दरअसल, भोजन व पानी की तलाश में बंदर अक्सर रियाइशी इलाकों को रुख करते हैं, लेकिन अब गांव में बंदर लोगों के लिए आफत बन गए हैं. कई बार बंदर ग्रामीणों पर हमला भी कर देते हैं. बंदरो के आतंक से ग्रामीण परेशान हैं. ग्रामीणों ने वन विभाग से बंदरों को पकड़ने की गुहार लगाई है.
पिछले साल 12 लोगों को बंदरों ने काटा था
कुछ दिनों से फोफनार गांव में ग्रामीणों की चहल-पहल कम हो गई है. बंदरों के हमले की दहशत में ग्रामीण घरों से बाहर कम ही निकल रहे हैं. पिछले साल बंदरों के हमले से 12 से अधिक लोग घायल हो गए थे. पिछले डेढ़ माह से मानसून ने दस्तक दी है. जंगल में जानवरों के लिए भोजन उपलब्ध नहीं है. ऐसे में खाने की तलाश में बंदर जंगल से रियाइशी इलाकों में कूच करने लगे हैं. कई दिनों से फोफनार गांव में बंदरों का झुंड पहुंच रहा है. बंदरों ने अब उत्पात मचाना शुरू कर दिया है.
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ग्रामीणों ने छत पर जाना किया बंद
बंदर पेड़ों से सीधे मकानों के टीन पर लंबी छलांग लगाकर निकल रहे है, जहां लोग दिख रहे हैं, उनके पीछे भाग रहे हैं. वाहन चालक बंदरों के डर से तेज रफ्तार वाहन दौड़ाते हैं, इस दौरान संतुलन बिगड़ने से गिरकर घायल हो चुके हैं. गांव के लोगों ने बंदरों को भगाने की कोशिश की, लेकिन वे बंदरों के आगे बेबस नजर आए. ग्रामीणों का कहना है कि पिछले साल भी बंदरों ने उत्पात मचाया था.