ETV Bharat / state

बुरहानपुर में संबल योजना में फर्जीवाड़ा, सरपंच-सचिव की मिलीभगत, मृतकों के नाम की राशि की बंदरबांट - Fraud in Sambal Yojana

बुरहानपुर जिला मुख्यालय से 40 किमी दूर मांडवा गांव में संबल योजना में फर्जीवाड़ा किया गया. सरपंच-उपसरपंच और सचिव ने मिलीभगत करके मृत लोगों के नाम पर जिंदा लोगों के फोटो लगाकर संबल योजना की राशि निकाल ली. शिकायतें मिलने के बाद जांच शुरू हो गई है. कई लोगों के बयान दर्ज किए गए हैं.

author img

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jul 6, 2024, 1:59 PM IST

Fraud in Sambal Yojana
बुरहानपुर में संबल योजना में फर्जीवाड़ा (ETV BHARAT)

बुरहानपुर। जिले के नेपानगर क्षेत्र की ग्राम पंचायत मांडवा में सरपंच, उप सरपंच और सचिव ने मिलकर फर्जीवाड़े को अंजाम दिया है. उप सरपंच के परिवार के हितग्राहियों को अनुग्रह सहायता राशि जारी करने के प्रमाण दिए गए हैं. खास बात ये है कि मौत के बाद संबल कार्ड बनाकर यह लाभ महज एक माह के भीतर ही दे दिया गया. जबकि मृत्यु 2019 में हुई थी, उनका मृत्यु प्रमाण पत्र 4 नवंबर 2022 और 11 जनवरी से 28 जनवरी के बीच एक ही महीने में जारी कर दिया गया. 4 साल बाद मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करना भी फर्जीवाड़े का हिस्सा है.

सरपंच व सचिव ने मृतकों के नाम की राशि की कर ली बंदरबांट (ETV BHARAT)

फर्जीवाड़ा कर 8 लोगों के नाम की निकाली राशि

इस मामले की शिकायत हुई तो जिला प्रशासन के निर्देश पर खकनार जनपद के पंचायत समन्वयक राजेंद्र भांडे जांच के लिए पहुंचे. उन्होंने लोगों के ही बयान दर्ज किए हैं. अपर कलेक्टर वीर सिंह चौहान का कहना है "जांच के लिए निर्देश दिए हैं, जांच के बाद सभी पर वैधानिक कार्रवाई की जाएगी. वहीं, ग्रामीणों के मुताबिक पंचायत ने जिन 8 लोगों के परिवार को नियम विरुद्ध अनुग्रह सहायता का लाभ दिया गया है, उनमें रेल बाई, हारसिंह, दवल सिंह रेमाल, मांगीलाल गटर, रामलाल कुमार, रमती बाई व शेर सिंह हैं.

हितग्राहियों के परिवारों के बयान दर्ज

कूटरचित दस्तावेज में इन सबकी मृत्यु एक माह में होना बताया गया, जबकि उनकी मौत सब अलग-अलग वजह और अलग-अलग दिनांक को हुई थी. सरपंच व सचिव ने इन सबके परिवार को योजना का लाभ पहुंचाया है. फर्जीवाड़े की शिकायत जनपद पंचायत के अधिकारियों से लेकर जिला प्रशासन के अधिकारियों से की गई. प्रशासन ने मामले में गंभीरता देखते हुए शुरू करा दी है. जांच दल ने गांव में हितग्राहियों के परिवारों के बयान दर्ज किए हैं. इस मामले में सरपंच तुलसीराम अलावे ने आरोपों को सिरे से नकारा है और सवालों के गोलमोल जवाब देकर पल्ला झाड़ लिया.

Fraud in Sambal Yojana
दस्तावेजों में ऐसे किया फर्जीवाड़ा (ETV BHARAT)

ये खबरें भी पढ़ें...

ये कैसा संबल! पति को गुजरे हो गया एक साल, सिर पर सात बेटियों की जिम्मेदारी, अब तक नहीं मिली योजना की राशि

ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं से धोखाधड़ी, आयुष्मान व संबल योजना कार्ड बनाने के नाम दस्तावेजों का दुरुपयोग कर ठगी

सरपंच और सचिव ने मिलकर ऐसे किया फर्जीवाड़ा

केस नंबर 1 : रेल बाई खना की मृत्यु 2019 में हुई थी. रेल बाई के आधार का दुरुपयोग कर मांडवा निवासी अन्य महिला रेलकी बाई पति बांडा को झूठ बोलकर मृतका के आधार पर मोबाइल नंबर अपडेट करवा दिया. बाद में ई-संबल कार्ड बनाया. इसमें जीवित महिला रेलकी बाई का फोटो प्रदर्शित हो रहा है. साथ ही ई-संबल बनने के 20 दिन बाद पंचायत ने बिना पोस्टमार्टम रिपोर्ट के 25 जनवरी 23 में सामान्य मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने के बाद संबल कार्ड और अनुग्रह राशि का लाभ लिया. मृतक के पति खना सिलदार को राशि देकर पंचायत में फोटो लिया गया, मृतक उप सरपंच की सगी चाची है.

केस नंबर 2 : राजू बाहर सिंह की मृत्यु 4 साल पहले महाराष्ट्र में मजदूरी के दौरान हुई थी. राजू का निर्वाचन सूची से नाम भी हटाया गया था. पत्नी उषा बाई को विधवा पेंशन का लाभ मिलता है. मृतक के आधार पर मोबाइल नंबर अपडेट होने से राजू का दोबारा संबल समग्र आईडी में नाम जोड़ने के बाद ई-संबल कार्ड बनाया था. नई तारीख में महाराष्ट्र की पीएम रिपोर्ट बिना पंचायत ने मृत्यु प्रमाण पत्र बनाया, जिनकी मृत्यु 11 जनवरी 23 को हुई है, आवेदन तैयार कर गलत तरीके से राशि का लाभ दिया गया, यह उप सरपंच का सगा चाचा है.

केस नंबर 3 : अंकिता चैन सिंह की मृत्यु 5 साल पहले हुई. आधार पर अन्य लड़की का फोटो लगाया गया, जो जीवित है. रामलाल कुमार की बेटी है. उप सरपंच ने ई-संबल कार्ड बनाया. कार्ड पर जीवित लड़की की फोटो प्रदर्शित हो रही है. बाद में अंकिता का बिना किसी सूचना मृत्यु प्रमाण पत्र बनाया, इस आधार पर राशि का लाभ लिया, यह उप सरपंच की चचेरी बहन है.

केस नंबर 4 : रूलकी बाई हेमता की मृत्यु के बाद ई- संबल कार्ड बनाया. बिना सूचना अनुग्रह राशि का आवेदन तैयार किया. नॉमिनी में पति का नाम दर्शाकर बड़े बेटे प्रेम जमरे ने स्वयं के खाते में सरपंच, सचिव की मिलीभगत से अनुग्रहण राशि का लाभ उठा लिया, जबकि रूलकी बाई के नाम से वन ग्राम मांडवा में लगभग 8 एकड़ का वनाधिकार पट्टा है.

केस नंबर 5 : दक्ल सिंग रेमाल की मौत 2019 में मांडवा सागफाटा के बीच ट्रेन से कटकर हुई. मृत्यु के बाद मतदाता सूची से नाम हटाया गया. मृतक के आधार कार्ड पर मोबाइल नंबर अपडेट होने से ई-संबल कार्ड बनाया गया. जिम्मेदारों ने सामान्य मृत्यु का मृत्यु प्रमाण पत्र बनाया गया. अंत्येष्टि सहायता 5 हजार रुपए मृतक के पिता रेमाल टंट्या को देकर पंचायत में फोटो खिंचवाया गया. वहीं, मांगीलाल गटर की दो साल पहले मृत्यु हुई थी, स्वयं के नाम पर नौ एकड़ वनाधिकार पट्टा है, फिर भी दो लाख रुपए की सहायता का लाभ दिया गया.

बुरहानपुर। जिले के नेपानगर क्षेत्र की ग्राम पंचायत मांडवा में सरपंच, उप सरपंच और सचिव ने मिलकर फर्जीवाड़े को अंजाम दिया है. उप सरपंच के परिवार के हितग्राहियों को अनुग्रह सहायता राशि जारी करने के प्रमाण दिए गए हैं. खास बात ये है कि मौत के बाद संबल कार्ड बनाकर यह लाभ महज एक माह के भीतर ही दे दिया गया. जबकि मृत्यु 2019 में हुई थी, उनका मृत्यु प्रमाण पत्र 4 नवंबर 2022 और 11 जनवरी से 28 जनवरी के बीच एक ही महीने में जारी कर दिया गया. 4 साल बाद मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करना भी फर्जीवाड़े का हिस्सा है.

सरपंच व सचिव ने मृतकों के नाम की राशि की कर ली बंदरबांट (ETV BHARAT)

फर्जीवाड़ा कर 8 लोगों के नाम की निकाली राशि

इस मामले की शिकायत हुई तो जिला प्रशासन के निर्देश पर खकनार जनपद के पंचायत समन्वयक राजेंद्र भांडे जांच के लिए पहुंचे. उन्होंने लोगों के ही बयान दर्ज किए हैं. अपर कलेक्टर वीर सिंह चौहान का कहना है "जांच के लिए निर्देश दिए हैं, जांच के बाद सभी पर वैधानिक कार्रवाई की जाएगी. वहीं, ग्रामीणों के मुताबिक पंचायत ने जिन 8 लोगों के परिवार को नियम विरुद्ध अनुग्रह सहायता का लाभ दिया गया है, उनमें रेल बाई, हारसिंह, दवल सिंह रेमाल, मांगीलाल गटर, रामलाल कुमार, रमती बाई व शेर सिंह हैं.

हितग्राहियों के परिवारों के बयान दर्ज

कूटरचित दस्तावेज में इन सबकी मृत्यु एक माह में होना बताया गया, जबकि उनकी मौत सब अलग-अलग वजह और अलग-अलग दिनांक को हुई थी. सरपंच व सचिव ने इन सबके परिवार को योजना का लाभ पहुंचाया है. फर्जीवाड़े की शिकायत जनपद पंचायत के अधिकारियों से लेकर जिला प्रशासन के अधिकारियों से की गई. प्रशासन ने मामले में गंभीरता देखते हुए शुरू करा दी है. जांच दल ने गांव में हितग्राहियों के परिवारों के बयान दर्ज किए हैं. इस मामले में सरपंच तुलसीराम अलावे ने आरोपों को सिरे से नकारा है और सवालों के गोलमोल जवाब देकर पल्ला झाड़ लिया.

Fraud in Sambal Yojana
दस्तावेजों में ऐसे किया फर्जीवाड़ा (ETV BHARAT)

ये खबरें भी पढ़ें...

ये कैसा संबल! पति को गुजरे हो गया एक साल, सिर पर सात बेटियों की जिम्मेदारी, अब तक नहीं मिली योजना की राशि

ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं से धोखाधड़ी, आयुष्मान व संबल योजना कार्ड बनाने के नाम दस्तावेजों का दुरुपयोग कर ठगी

सरपंच और सचिव ने मिलकर ऐसे किया फर्जीवाड़ा

केस नंबर 1 : रेल बाई खना की मृत्यु 2019 में हुई थी. रेल बाई के आधार का दुरुपयोग कर मांडवा निवासी अन्य महिला रेलकी बाई पति बांडा को झूठ बोलकर मृतका के आधार पर मोबाइल नंबर अपडेट करवा दिया. बाद में ई-संबल कार्ड बनाया. इसमें जीवित महिला रेलकी बाई का फोटो प्रदर्शित हो रहा है. साथ ही ई-संबल बनने के 20 दिन बाद पंचायत ने बिना पोस्टमार्टम रिपोर्ट के 25 जनवरी 23 में सामान्य मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने के बाद संबल कार्ड और अनुग्रह राशि का लाभ लिया. मृतक के पति खना सिलदार को राशि देकर पंचायत में फोटो लिया गया, मृतक उप सरपंच की सगी चाची है.

केस नंबर 2 : राजू बाहर सिंह की मृत्यु 4 साल पहले महाराष्ट्र में मजदूरी के दौरान हुई थी. राजू का निर्वाचन सूची से नाम भी हटाया गया था. पत्नी उषा बाई को विधवा पेंशन का लाभ मिलता है. मृतक के आधार पर मोबाइल नंबर अपडेट होने से राजू का दोबारा संबल समग्र आईडी में नाम जोड़ने के बाद ई-संबल कार्ड बनाया था. नई तारीख में महाराष्ट्र की पीएम रिपोर्ट बिना पंचायत ने मृत्यु प्रमाण पत्र बनाया, जिनकी मृत्यु 11 जनवरी 23 को हुई है, आवेदन तैयार कर गलत तरीके से राशि का लाभ दिया गया, यह उप सरपंच का सगा चाचा है.

केस नंबर 3 : अंकिता चैन सिंह की मृत्यु 5 साल पहले हुई. आधार पर अन्य लड़की का फोटो लगाया गया, जो जीवित है. रामलाल कुमार की बेटी है. उप सरपंच ने ई-संबल कार्ड बनाया. कार्ड पर जीवित लड़की की फोटो प्रदर्शित हो रही है. बाद में अंकिता का बिना किसी सूचना मृत्यु प्रमाण पत्र बनाया, इस आधार पर राशि का लाभ लिया, यह उप सरपंच की चचेरी बहन है.

केस नंबर 4 : रूलकी बाई हेमता की मृत्यु के बाद ई- संबल कार्ड बनाया. बिना सूचना अनुग्रह राशि का आवेदन तैयार किया. नॉमिनी में पति का नाम दर्शाकर बड़े बेटे प्रेम जमरे ने स्वयं के खाते में सरपंच, सचिव की मिलीभगत से अनुग्रहण राशि का लाभ उठा लिया, जबकि रूलकी बाई के नाम से वन ग्राम मांडवा में लगभग 8 एकड़ का वनाधिकार पट्टा है.

केस नंबर 5 : दक्ल सिंग रेमाल की मौत 2019 में मांडवा सागफाटा के बीच ट्रेन से कटकर हुई. मृत्यु के बाद मतदाता सूची से नाम हटाया गया. मृतक के आधार कार्ड पर मोबाइल नंबर अपडेट होने से ई-संबल कार्ड बनाया गया. जिम्मेदारों ने सामान्य मृत्यु का मृत्यु प्रमाण पत्र बनाया गया. अंत्येष्टि सहायता 5 हजार रुपए मृतक के पिता रेमाल टंट्या को देकर पंचायत में फोटो खिंचवाया गया. वहीं, मांगीलाल गटर की दो साल पहले मृत्यु हुई थी, स्वयं के नाम पर नौ एकड़ वनाधिकार पट्टा है, फिर भी दो लाख रुपए की सहायता का लाभ दिया गया.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.