बुरहानपुर: वन्य प्राणियों की हर गतिविधि पर नजर रखने के लिए वन विभाग ने मॉनिटरिंग की तैयारी कर ली है. वन्य प्राणियों की संख्या और सटीक जानकारी जुटाने के लिए वन विभाग ने कैमरे लगाने का फैसला लिया है. इसके लिए वन विभाग ने जंगल में 7 रेंज में 300 स्थान चिन्हित किए हैं. जहां वन्य प्राणियों के मूवमेंट की ज्यादा संभावना है वहां वन विभाग हर स्थान पर 2-2 कैमरे लगाएगा. इस काम में वन विभाग को वाइल्ड लाइफ से जुड़े एनजीओ डब्ल्यूसीटी का सहयोग मिल रहा है. इन कैमरों की निगरानी के लिए प्रशिक्षित स्टाफ उपलब्ध है. शिकारियों पर भी इन कैमरों से नजर रखी जाएगी.
सतपुड़ा के जंगल में 600 कैमरा ट्रैप
बता दें कि बुरहानपुर का अधिकांश जंगल सतपुड़ा पर्वत से घिरा हुआ है. यहां जंगल में वन्य प्राणियों की प्रजातियां और उनकी संख्या जानने के लिए 600 कैमरे लगाए जा रहे हैं. वन विभाग के डिप्टी रेंजर सहित वन रक्षकों को कैमरे वितरित किए जा रहे हैं. वन परिक्षेत्र बोदरली, शाहपुर, खकनार, नेपानगर और बुरहानपुर सहित अन्य रेंजों में 300 स्थान चिन्हित किए गए हैं.
124 पेज की बुकलेट जारी
वन विभाग ने इससे पहले स्थानीय वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर फ्रैंकलिन साइमन से नेपानगर के जंगलों में वन्य प्राणियों के फोटोग्राफ्स क्लिक कराए थे. फोटोग्राफर फ्रैंकलिन साइमन ने बताया कि उन्होंने 124 पेज की एक बुकलेट बनाई है. इस बुक में 24 जंगली जानवरों की फोटो हैं, इसमें बाघ, तेंदुआ, रीछ, सियार, लोमड़ी, लक्कड़ बग्घा शामिल हैं. 4 प्रजातियों के हिरन जिसमें नील गाय, चिंकारा, चौसिंगा और चीतल शामिल हैं. इसके अलावा सांप की 22 प्रजातियां शामिल हैं, इसमें रसेल वाइपर, कोबरा, कॉमन क्रेट, साथ ही 5 तरह के कीट पतंगे जैसे तितली, मधुमक्खी, सिकाडा, बीटल और 120 चिड़ियों के फोटोग्राफ शामिल हैं."
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'25 दिनों तक कैमरों से मॉनिटरिंग'
वन विभाग के एसडीओ अजय सागर ने बताया कि "वन्य प्राणियों की संख्या और सटीक जानकारी जुटाने के लिए 600 कैमरे लगाए जा रहे हैं. उन्हें यह कैमरे सतपुड़ा टाइगर रिजर्व और गांधी सागर अभ्यारण ने उपलब्ध कराए हैं. सभी कैमरे वन विभाग को 25 दिनों के लिए दिए हैं. वन विभाग 25 दिनों में 7 रेंजों में वन्य प्राणियों की संख्या और उनकी प्रजाति का पता लगाएंगे, ताकि इनके संरक्षण और देखभाल बेहतर तरीके से की जा सके. रविवार से वन विभाग के सभी रेंजों में तैनात प्रशिक्षित अमला कैमरे लगाने में जुट गया है. इस काम में वाइल्ड लाइफ से जुड़ा एनजीओ डब्ल्यूसीटी सहयोग कर रहा है."