बुरहानपुर। शहर में पहली बार पेट की गंभीर बीमारी से ग्रसित युवा अल्ताफ का सफल ऑपरेशन हुआ है. दरअसल इस जटिल बीमारी का नाम सिकल परफॉरेशन है. जो 10 लाख में दो या चार लोगों को होती है. इसके ऑपरेशन में मरीज की जान बचने की संभावना भी बहुत कम रहती है, लेकिन परिजनों की सहमति से निजी अस्पताल की सर्जन टीम ने 4 घंटे की मशक्कत के बाद युवक का सफल ऑपरेशन किया है. ऑपरेशन के बाद युवक पूरी तरह से स्वस्थ है.
इस बीमारी में मरीज को पेट में असहनीय दर्द होता है
कहते हैं भगवान के बाद इंसान की जिंदगी एक डॉक्टर ही बचाता है, आखिरकार इसे बुरहानपुर के बोरले हॉस्पिटल में डॉक्टर दर्पण टोके ने चरितार्थ कर दिखाया है. दरअसल आजाद नगर निवासी अल्ताफ को लंबे समय से एक जटिल बीमारी ने जकड़ लिया था. इससे उन्हें पेट में असहनीय दर्द होता था. दर्द से परेशान अल्ताफ डॉ. रमेश कापड़िया के क्लिनिक गए. जहां प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें बोरले हॉस्पिटल में इलाज कराने की सलाह दी गई.
4 घटें चला ऑपरेशन
जब मरीज बोरले हॉस्पिटल पहुंचा तो उनके टेस्ट कराए गए. जिसमें मरीज को सिकल परफॉरेशन की बीमारी निकली. परिजनों को इस बीमारी के बारे में बताया गया तो परिजनों ऑपरेशन के लिए राजी हो गए. इसके बाद डॉक्टर टोके ने 4 घंटे ऑपरेशन किया, जो सफल रहा. इससे मरीज को नई जिंदगी मिली है. अब युवक पूरी तरह से स्वस्थ हो गया है.
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10 लाख लोगों में से 3 को होती है ये बीमारी
बोरले हॉस्पिटल के डायरेक्टर डॉ. सुबोध बोरले के मुताबिक यह जटिल बीमारी 10 लाख लोगों में से 3 मरीजों को होती है. इसका इलाज बड़े शहरों में संभव है, लेकिन पहली बार बुरहानपुर में इसका ऑपरेशन सफलता पूर्वक हुआ है. इस ऑपरेशन से 21 वर्षीय युवक को नई जिंदगी मिली है. डॉक्टरों की टीम ने जी-जान से मेहनत की, परिणाम स्वरूप युवक की जान बचाने में सफलता हासिल हुई है. मरीज ने डॉ. दर्पण टोके का आभार व्यक्त किया है.