बुरहानपुर: भाई-बहन के प्रेम के प्रतीक का पर्व रक्षाबंधन पर हिन्दू-मुस्लिम एकता की तस्वीर सामने ले कर आया है. बुरहानपुर के डकवाड़ी में रहने वाले दिनेश शर्मा और उनके साथी ने 6 मुस्लिम महिलाओं से राखी बंधवाकर एक मिसाल पेश की. दोनों पिछले 10 सालों से मुहंबोली मुस्लिम बहनों से राखी बंधवाते आ रहे हैं. राखी बांधने वाली महिलाएं सगी बहनें हैं. उन्होंने राखी बांधकर दोनों के लिए लंबी उम्र की प्रार्थना कि और उन्होंने भी सभी बहनों को रक्षा का वचन दिया.
10 साल से बंधवा रहे हैं राखी
डकवाड़ी क्षेत्र में रहने वाली मुस्लिम बहनें सायरा बानो, खैरुन्निसा, नजमुन निसा, साबरा बी, मेहरुन्निसा, जैबुन्निसा विधवा हैं. उनका कोई भाई नहीं है. पास में रहने वाले दिनेश शर्मा ने 10 साल पहले ही सभी को अपनी बहन मान लिया था और तभी से हर साल राखी बंधवा रहे हैं. उनके साथी यशवंत मोरे भी हर साल साथ में राखी बंधवाते हैं. पूरे दिन उनके घर रुकते हैं और खुशियां मनाते हैं.
'दोनों सुख दुख में साथ खड़े रहते हैं'
मेहरून्निसा और सायरा बानो ने बताया कि, "बीते 10 साल से हमारे भाई दिनेश शर्मा और यशवंत मोरे रक्षाबंधन पर्व के दिन हमारे घर आकर राखी बंधवाते हैं. सबसे पहले हमसे ही राखी बंधवाते हैं. जब से यह दोनों हमारे भाई बने है वह हमारे हर सुख-दुख में हमारे साथ खड़े रहते हैं. अपने दोनों भाइयों को रक्षाबंधन पर राखी बांधकर हमें खुशी मिलती हैं. उनको राखी बांधने मात्र से हमारे सारे तनाव दूर हो जाते हैं."
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'भाई का फर्ज भी निभाते हैं'
दिनेश शर्मा का कहना है, "वह बीते दस साल से इन बहनों से राखी बंधवाने आते हैं. हमने जब से इन बहनों से रक्षा सूत्र बंधवाने का संकल्प लिया है, तभी से हम अपनी सगी बहनों से पहले इन बहनों से राखी बंधवाने पहुंचते हैं. हम इनकी हर तरह से मदद कर भाई होने का कर्तव्य निभाते हैं." यशवंत मोरे ने कहा, "यह बहनें बड़े प्रेम भाव से हमें राखी बांधती हैं और हम भी इनको भाई की तरह पूरा सम्मान देते हैं. एक दूसरे को किसी भी प्रकार की कमी महसूस नहीं होने देते."