बून्दी. शहर में शुक्रवार को चोरी की नीयत से बाजार में घूम रहे 7 नाबालिग बालकों को चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 की टीम ने रेस्क्यू किया. बाद में चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 की टीम ने इन नाबालिगों की काउंसलिंग की. चाइल्ड हेल्पलाइन प्रभारी रामनारायण गुर्जर ने बताया कि टीम को कंट्रोल रूम जयपुर से सूचना मिली थी कि 7 नाबालिग बालक चोरी की नियत से बून्दी के बाजार मे घूम रहे हैं.
उक्त सूचना पर सदर थाने से बाल कल्याण अधिकारी जय सिंह एवं मानव तस्करी विरोधी यूनिट से रामनारायण व चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 से जिला प्रभारी रामनारायण गुर्जर ने संयुक्त कार्यवाही करते हुए 7 नाबालिग बालकों का रेस्क्यू किया गया. बाद में इन इन नाबालिगों की काउंसलिंग की गई, जिसमें चौंकाने वाले तथ्य सामने आए.
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बड़ी वारदात को देने वाले थे अंजाम : चाइल्ड हेल्पलाइन प्रभारी गुर्जर ने बताया कि इन बालकों की काउंसलिंग में सामने आया कि इनमें सबसे बड़ा बालक ही इन बालकों को बून्दी लेकर आया था जो किसी बड़ी जगह की रेकी कर चोरी की वारदात को अंजाम देने वाले थे. यह बालक चोरी की वारदात को अंजाम देते उसके पहले ही सदर थाना पुलिस, चाइल्ड हैल्पलाइन एवं मानव तस्करी ने सयुक्त कार्रवाई कर सभी नाबालिग बालकों को दस्तयाब कर लिया गया.
शातिर दिमाग के निकले सभी बालक : चाइल्ड हेल्पलाइन प्रभारी गुर्जर ने बताया कि यह सभी नाबालिग बालक 8 से लेकर 14 वर्ष आयु वर्ग हैं, जो कोटा के कुन्हाड़ी थाना क्षेत्र की कच्ची बस्ती निवासी हैं. इनके पासे अनाथ व दिव्यांग बच्चों के नाम पर अनुदान प्राप्त करने की पर्चियां भी बरामद की गई. शातिर दिमाग इन बालकों ने बार बार पूछने पर भी अपना नाम, पता सही नहीं बताया. बाद में टीम द्वारा गहनता से पूछने पर ही सही नाम, पता बताया.
इनमें से एक बालक ने नशा भी कर रखा था. आवश्यक पूछताछ व काउंसलिंग के बाद इन्हें बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया गया, जहां से सभी बालकों को अस्थाई रूप से राजकीय संप्रेक्षण गृह को सौंप दिया गया.