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शिवराज सिंह के बेटे को नहीं मिला टिकट, क्या बाकी नेता पुत्रों की तरह कतार में कार्तिकेय ?

मध्य प्रदेश में बुधनी विधानसभा सीट इस समय चर्चा में है. सियासी गलियारों में चर्चा है कि क्या टिकट न मिल पाने के बाद अब शिवराज सिंह के बेटे कार्तिकेय को बीजेपी में जगह मिलेगी.

BUDHNI BY ELECTION 2024
क्या बाकी नेता पुत्रों की तरह कतार में कार्तिकेय (KARTHIKEYA SINGH X Image)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Oct 22, 2024, 8:52 PM IST

Updated : Oct 22, 2024, 9:24 PM IST

भोपाल: शिवराज सिंह चौहान का गढ़ कहा जाने वाली बुधनी सीट पर हो रहे उपचुनाव में रमाकांत भार्गव की उम्मीदवारी के मायने क्या हैं. क्या शिवराज के सियासी वारिस कार्तिकेय सिंह चौहान की राजनीति का ये चुनाव टर्निंग पाइंट होगा. बुधनी में बीजेपी उम्मीदवारों के पैनल में कार्तिकेय सिंह चौहान का भी नाम था, लेकिन परिवारवाद के आरोपों के साथ कांग्रेस को घेरती रही बीजेपी में पूरी एहतियात बरती गई. यही वजह थी कि बुधनी सीट पर योग्य उम्मीदवार होते हुए भी कार्तिकेय से किनारा किया. एक्टिव पॉलीटिक्स यानि चुनावी राजनीति से अलग-थलग हुए कार्तिकेय को क्या अब बीजेपी संगठन में जगह मिल सकती है. या बाकी नेता पुत्रों की तरह ये भी कतार में ही रहेंगे कि कृपया प्रतीक्षा कीजिए.

कार्तिकेय को पारिवारिक पिच पर नहीं मिली ओपनिंग

मध्य प्रदेश की हाईप्रोफाइल सीट बुधनी शिवराज सिंह चौहान का गढ़ भी है. इस लिहाज से ये उनके बेटे कार्तिकेय सिंह चौहान का सबसे सेफ लॉन्चिंग पैड हो सकती थी. लंबे समय से अपने पिता का चुनाव संभालते हुए कार्तिकेय ने यहां तैयारी भी कर रखी थी. हालांकि कार्तिकेय की जगह पार्टी ने रमाकांत भार्गव को उम्मीदवार बनाया है. उनका नाम भी हालांकि शिवराज की मुहर के बाद फाइनल हुआ है, लेकिन सवाल ये है कि ऐसे में कार्तिकेय जैसे बीजेपी की जनरेशन नैक्सट का सियासी भविष्य क्या होगा.

MADHYA PRADESH BY ELECTION 2024
माता-पिता के साथ कार्तिकेय की तस्वीर (KARTHIKEYA SINGH X Image)

क्या चुनावी राजनीति में लॉचिंग की तैयारी किए बैठे कार्तिकेय की ओपनिंग से पहले ये ब्रेक है. हालांकि कार्तिकेय कहते हैं कि वे इस बात से ही संतुष्ट है कि उनका नाम पैनल तक पहुंचा. वे पूरी दम खम के साथ बीजेपी के उम्मीदवार रमाकांत भार्गव को चुनाव जिताने के लिए जुटेंगे.

क्या बीजेपी की नई टीम में होगी ये जनरेशन नेक्स्ट

कार्तिकेय सिंह चौहान समेत बीजेपी के जो नेता पुत्र हैं, क्या उन्हें प्रदेश बीजेपी संगठन की नई टीम में मौका दिया जा सकता है. जिस तरह से शिवराज सिंह चौहान युवा मोर्चे से लेकर संगठन के विभिन्न पदों पर लंबा अनुभव लेने के बाद चुनावी राजनीति में आए क्या वो तजुर्बा कार्तिकेय के भविष्य की राह आसान कर पाएंगे. वरिष्ठ पत्रकार प्रकाश भटनागर कहते हैं, 'बीजेपी आम तौर पर परिवारवाद को लेकर कांग्रेस पर बेशक निशाना साधती रही है, लेकिन ऐसा नहीं कि पार्टी में ही इसके उदाहरण नहीं हों. वे कहते हैं लेकिन राजनीति में किसी एक अच्छे नेतृत्व को आप इसलिए पीछे नहीं कर सकते कि उसका परिवार राजनीति में रहा है.

यहां पढ़ें...

शिवराज की हाईप्रोफाईल बुधनी में अर्जुन ने छोड़ा तीर, सुनाई शिकारी की कहानी

बुधनी उपचुनाव में किस करवट बैठेगा किरार समाज, किस नाम के साथ दांव पर शिवराज सिंह की साख

कार्तिकेय सिंह चौहान भी अचानक राजनीति में नहीं आए. उन्होंने लंबे समय से अपने पिता के चुनाव को संभालते देखा है. इस लिहाज से वे परिपक्व राजनेता बन रहे हैं. भले बीजेपी अपनी परिपाटी के अनुरूप उन्हें संगठन में तपाने के बाद सत्ता की सीढ़ी का रास्ता दिखाए, लेकिन परिवारवाद के ग्रहण में जो पार्टी का भविष्य हो सकते है उन युवा तुर्कों के भविष्य पर आंच नहीं आना चाहिए.

भोपाल: शिवराज सिंह चौहान का गढ़ कहा जाने वाली बुधनी सीट पर हो रहे उपचुनाव में रमाकांत भार्गव की उम्मीदवारी के मायने क्या हैं. क्या शिवराज के सियासी वारिस कार्तिकेय सिंह चौहान की राजनीति का ये चुनाव टर्निंग पाइंट होगा. बुधनी में बीजेपी उम्मीदवारों के पैनल में कार्तिकेय सिंह चौहान का भी नाम था, लेकिन परिवारवाद के आरोपों के साथ कांग्रेस को घेरती रही बीजेपी में पूरी एहतियात बरती गई. यही वजह थी कि बुधनी सीट पर योग्य उम्मीदवार होते हुए भी कार्तिकेय से किनारा किया. एक्टिव पॉलीटिक्स यानि चुनावी राजनीति से अलग-थलग हुए कार्तिकेय को क्या अब बीजेपी संगठन में जगह मिल सकती है. या बाकी नेता पुत्रों की तरह ये भी कतार में ही रहेंगे कि कृपया प्रतीक्षा कीजिए.

कार्तिकेय को पारिवारिक पिच पर नहीं मिली ओपनिंग

मध्य प्रदेश की हाईप्रोफाइल सीट बुधनी शिवराज सिंह चौहान का गढ़ भी है. इस लिहाज से ये उनके बेटे कार्तिकेय सिंह चौहान का सबसे सेफ लॉन्चिंग पैड हो सकती थी. लंबे समय से अपने पिता का चुनाव संभालते हुए कार्तिकेय ने यहां तैयारी भी कर रखी थी. हालांकि कार्तिकेय की जगह पार्टी ने रमाकांत भार्गव को उम्मीदवार बनाया है. उनका नाम भी हालांकि शिवराज की मुहर के बाद फाइनल हुआ है, लेकिन सवाल ये है कि ऐसे में कार्तिकेय जैसे बीजेपी की जनरेशन नैक्सट का सियासी भविष्य क्या होगा.

MADHYA PRADESH BY ELECTION 2024
माता-पिता के साथ कार्तिकेय की तस्वीर (KARTHIKEYA SINGH X Image)

क्या चुनावी राजनीति में लॉचिंग की तैयारी किए बैठे कार्तिकेय की ओपनिंग से पहले ये ब्रेक है. हालांकि कार्तिकेय कहते हैं कि वे इस बात से ही संतुष्ट है कि उनका नाम पैनल तक पहुंचा. वे पूरी दम खम के साथ बीजेपी के उम्मीदवार रमाकांत भार्गव को चुनाव जिताने के लिए जुटेंगे.

क्या बीजेपी की नई टीम में होगी ये जनरेशन नेक्स्ट

कार्तिकेय सिंह चौहान समेत बीजेपी के जो नेता पुत्र हैं, क्या उन्हें प्रदेश बीजेपी संगठन की नई टीम में मौका दिया जा सकता है. जिस तरह से शिवराज सिंह चौहान युवा मोर्चे से लेकर संगठन के विभिन्न पदों पर लंबा अनुभव लेने के बाद चुनावी राजनीति में आए क्या वो तजुर्बा कार्तिकेय के भविष्य की राह आसान कर पाएंगे. वरिष्ठ पत्रकार प्रकाश भटनागर कहते हैं, 'बीजेपी आम तौर पर परिवारवाद को लेकर कांग्रेस पर बेशक निशाना साधती रही है, लेकिन ऐसा नहीं कि पार्टी में ही इसके उदाहरण नहीं हों. वे कहते हैं लेकिन राजनीति में किसी एक अच्छे नेतृत्व को आप इसलिए पीछे नहीं कर सकते कि उसका परिवार राजनीति में रहा है.

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कार्तिकेय सिंह चौहान भी अचानक राजनीति में नहीं आए. उन्होंने लंबे समय से अपने पिता के चुनाव को संभालते देखा है. इस लिहाज से वे परिपक्व राजनेता बन रहे हैं. भले बीजेपी अपनी परिपाटी के अनुरूप उन्हें संगठन में तपाने के बाद सत्ता की सीढ़ी का रास्ता दिखाए, लेकिन परिवारवाद के ग्रहण में जो पार्टी का भविष्य हो सकते है उन युवा तुर्कों के भविष्य पर आंच नहीं आना चाहिए.

Last Updated : Oct 22, 2024, 9:24 PM IST
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