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चंपाई सरकार का बड़ा फैसला, वर्ष 2024-25 में साढ़े तीन लाख की जगह बनेगा साढ़े चार लाख अबुआ आवास, ध्वनिमत से बजट पारित

Jharkhand Assembly Budget Session. चंपाई सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. वर्ष 2024-25 में साढ़े तीन लाख की जगह साढ़े चार लाख अबुआ आवास बनेगा. शुक्रवार को सदन में 1 लाख 28 हजार 900 करोड़ का बजट ध्वनिमत से पास हो गया.

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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Mar 1, 2024, 8:26 PM IST

Jharkhand Assembly Budget Session
Jharkhand Assembly Budget Session

रांची: वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 1 लाख 28 हजार 900 करोड़ का बजट ध्वनिमत से पारित हो गया. सरकार के जवाब के दौरान सीजीएल परीक्षा प्रश्न पत्र लीक मामले की सीबीआई से जांच कराने की मांग करते हुए भाजपा विधायकों ने सदन से वॉक आउट कर दिया. मंत्रिमंडल सचिवालय एवं निगरानी विभाग के अनुदान मांग पर वाद विवाद के बाद सरकार की ओर से जवाब पेश करते हुए संसदसीय कार्यमंत्री आलमगीर आलम ने सदन में बड़ी घोषणा की. उन्होंने कहा कि आगामी वित्तीय वर्ष 2024-25 में गरीबों के लिए प्रस्तावित 3 लाख 50 हजार अबुआ आवास की जगह 4 लाख 50 हजार अबुआ आवास का निर्माण कराया जाएगा.

उन्होंने कहा कि पीएम आवास का दरवाजा बंद होने के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य के गरीबों के लिए तीन कमरों वाला अबुआ आवास देने की घोषणा की थी. हमारी सरकार ने वर्तमान वित्तीय वर्ष 2023-24 में 2 लाख अबुआ आवास को स्वीकृति देने का फैसला लिया. जबकि आगामी वित्तीय वर्ष 2024-25 में 3 लाख 50 हजार आवास बनाने के लिए बजट में प्रावधान किया. इसी बीच बड़ी संख्या में पेंडिंग आवेदन को देखते हुए मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन के सुझाव पर 1 लाख अतिरिक्त अबुआ आवास को स्वीकृति देने का फैसला लिया गया है.

मंत्री आलगीर आलम ने कहा कि उनकी सरकार अपने मेनिफोस्टो के जरिए किए गये ज्यादातर वादों को पूरा किया है. रोजगार के सवाल पर उन्होंने भाजपा पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि केंद्र की सरकार ने हर साल 2 करोड़ नौकरी देने की बात की थी. इसका भी जवाब दिया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने ग्रामीण सड़कों का जाल बिछाने का फैसला लिया है. इसकी वजह से रोजगार सृजन के अवसर पैदा होंगे. मंत्री आलमगीर आलम ने 1932 के खतियान पर आधारित स्थानीयता, ओबीसी को 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 प्रतिशत आरक्षण, सरना धर्म कोड और मॉब लिंचिंग बिल का हवाला दिया. उन्होंने कहा कि 2019-20 तक 6.60 लाख लोगों को वृद्धा पेंशन मिलता था. लेकिन उनकी सरकार अपने स्तर से 25.96 लाख लोगों को पेंशन की सुविधा दे रही है.

बजट पर वाद-वाद के दौरान पक्ष और विपक्ष के बीच जमकर टीका टिप्पणी भी हुई. कई मौके आए जब हंसी ठिठोली भी हुई. विपक्ष ने सरकार की नीयत पर सवाल खड़े किए. वहीं सत्ता पक्ष ने विपक्ष पर बेवजह का सवाल उठाने का आरोप लगाया. चर्चा के दौरान बीच-बीच में सीजीएल परीक्षा प्रश्न पत्र लीक मामले की सीबीआई से जांच की मांग उठती रही. झामुमो विधायक झीगा सुसारन होरो ने सुदेश महतो और नवीन जयसवाल पर मतलबी और स्वार्थी होने का आरोप लगाया. जबकि भाजपा विधायक नवीन जयसवाल ने कहा कि इस सरकार के कार्यकाल में अंचल कार्यालय लूट का अड्डा बन गये हैं. अबुआ आवास के लिए ऑपरेटर 20 हजार रु मांगते हैं. बिना पैसे के कोई काम नहीं होता है.

भाजपा विधायक जेपी पटेल ने भी सरकार को घेरा. उन्होंने कहा कि अनुबंध कर्मियों, आंदोलनकारियों, रिक्त पदों को लेकर सरकार ने जो वादे किए थे, वो सभी अधूरे पड़े हुए हैं. इस दौरान मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने कहा कि जल जीवन मिशन को लेकर केंद्र सरकार सिर्फ अपनी पीठ थपथपाती है. लेकिन लोगों को जानना चाहिए कि इसमें 50 प्रतिशत राशि राज्य सरकार की भी खर्च हो रही है.

रांची: वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 1 लाख 28 हजार 900 करोड़ का बजट ध्वनिमत से पारित हो गया. सरकार के जवाब के दौरान सीजीएल परीक्षा प्रश्न पत्र लीक मामले की सीबीआई से जांच कराने की मांग करते हुए भाजपा विधायकों ने सदन से वॉक आउट कर दिया. मंत्रिमंडल सचिवालय एवं निगरानी विभाग के अनुदान मांग पर वाद विवाद के बाद सरकार की ओर से जवाब पेश करते हुए संसदसीय कार्यमंत्री आलमगीर आलम ने सदन में बड़ी घोषणा की. उन्होंने कहा कि आगामी वित्तीय वर्ष 2024-25 में गरीबों के लिए प्रस्तावित 3 लाख 50 हजार अबुआ आवास की जगह 4 लाख 50 हजार अबुआ आवास का निर्माण कराया जाएगा.

उन्होंने कहा कि पीएम आवास का दरवाजा बंद होने के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य के गरीबों के लिए तीन कमरों वाला अबुआ आवास देने की घोषणा की थी. हमारी सरकार ने वर्तमान वित्तीय वर्ष 2023-24 में 2 लाख अबुआ आवास को स्वीकृति देने का फैसला लिया. जबकि आगामी वित्तीय वर्ष 2024-25 में 3 लाख 50 हजार आवास बनाने के लिए बजट में प्रावधान किया. इसी बीच बड़ी संख्या में पेंडिंग आवेदन को देखते हुए मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन के सुझाव पर 1 लाख अतिरिक्त अबुआ आवास को स्वीकृति देने का फैसला लिया गया है.

मंत्री आलगीर आलम ने कहा कि उनकी सरकार अपने मेनिफोस्टो के जरिए किए गये ज्यादातर वादों को पूरा किया है. रोजगार के सवाल पर उन्होंने भाजपा पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि केंद्र की सरकार ने हर साल 2 करोड़ नौकरी देने की बात की थी. इसका भी जवाब दिया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने ग्रामीण सड़कों का जाल बिछाने का फैसला लिया है. इसकी वजह से रोजगार सृजन के अवसर पैदा होंगे. मंत्री आलमगीर आलम ने 1932 के खतियान पर आधारित स्थानीयता, ओबीसी को 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 प्रतिशत आरक्षण, सरना धर्म कोड और मॉब लिंचिंग बिल का हवाला दिया. उन्होंने कहा कि 2019-20 तक 6.60 लाख लोगों को वृद्धा पेंशन मिलता था. लेकिन उनकी सरकार अपने स्तर से 25.96 लाख लोगों को पेंशन की सुविधा दे रही है.

बजट पर वाद-वाद के दौरान पक्ष और विपक्ष के बीच जमकर टीका टिप्पणी भी हुई. कई मौके आए जब हंसी ठिठोली भी हुई. विपक्ष ने सरकार की नीयत पर सवाल खड़े किए. वहीं सत्ता पक्ष ने विपक्ष पर बेवजह का सवाल उठाने का आरोप लगाया. चर्चा के दौरान बीच-बीच में सीजीएल परीक्षा प्रश्न पत्र लीक मामले की सीबीआई से जांच की मांग उठती रही. झामुमो विधायक झीगा सुसारन होरो ने सुदेश महतो और नवीन जयसवाल पर मतलबी और स्वार्थी होने का आरोप लगाया. जबकि भाजपा विधायक नवीन जयसवाल ने कहा कि इस सरकार के कार्यकाल में अंचल कार्यालय लूट का अड्डा बन गये हैं. अबुआ आवास के लिए ऑपरेटर 20 हजार रु मांगते हैं. बिना पैसे के कोई काम नहीं होता है.

भाजपा विधायक जेपी पटेल ने भी सरकार को घेरा. उन्होंने कहा कि अनुबंध कर्मियों, आंदोलनकारियों, रिक्त पदों को लेकर सरकार ने जो वादे किए थे, वो सभी अधूरे पड़े हुए हैं. इस दौरान मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने कहा कि जल जीवन मिशन को लेकर केंद्र सरकार सिर्फ अपनी पीठ थपथपाती है. लेकिन लोगों को जानना चाहिए कि इसमें 50 प्रतिशत राशि राज्य सरकार की भी खर्च हो रही है.

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