लखनऊ: देश की राजनीति में चाहे कोई नई नवेली पार्टी हो या फिर पुरानी पार्टी, सभी ने बुलंदी हासिल करने के लिए सितारों का सहारा जरूर लिया. अभिनेता से नेता बने फिल्मी सितारों ने पार्टियों का ग्राफ भी खूब बढ़ाया. भारतीय जनता पार्टी, समाजवादी पार्टी, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी तक उत्तर प्रदेश में विधानसभा और लोकसभा चुनाव में फिल्मी सितारों को टिकट दे चुके हैं, लेकिन बहुजन समाज पार्टी ऐसी पार्टी है जिसने कभी भी सितारों का सहारा नहीं लिया.
पार्टी के सितारे चाहे गर्दिश में रहे हों, लेकिन बीएसपी ने अभिनेता और अभिनेत्रियों से हमेशा दूरी बनाए रखी. टिकट तो दूर पार्टी ने प्रचार प्रसार के लिए भी फिल्मी हस्तियों को कभी आगे नहीं किया. पॉलिटिक्स के क्षेत्र में यही एकमात्र पार्टी है जिसकी सर्वेसर्वा मायावती ही पार्टी का मुख्य चेहरा बनी रहती हैं.
किसी भी पार्टी के उम्मीदवार को जब भीड़ जुटाना हो या फिर वोटरों को आकर्षित करने की जरूरत हो तो इसके लिए फिल्म स्टार्स का सहारा लिया जाता है. पार्टियों को जब अपने नेता से सीट जीतने की उम्मीद कम नजर आती है तो फिल्म अभिनेता या अभिनेत्री को टिकट दे दिया जाता है.
तमाम ऐसे उदाहरण हैं कि अभिनेता या अभिनेत्री जीत हासिल करने में सफल हो जाते हैं. उत्तर प्रदेश में तो सभी पार्टियों ने अब तक न जाने कितने अभिनेता और अभिनेत्रियों को टिकट देकर विधानसभा और संसद में पहुंचाने का काम किया.
इस बार भी भारतीय जनता पार्टी ने मथुरा से सांसद व फिल्म अभिनेत्री हेमा मालिनी को टिकट दिया. गोरखपुर से अभिनेता रवि किशन और आजमगढ़ से अभिनेता दिनेश लाल निरहुआ को मैदान में उतारा. इस बार उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस का गठबंधन है.
गठबंधन में कांग्रेस को 17 सीटें मिली हैं. इन दोनों पार्टियों ने आपसी सहमति से गोरखपुर लोकसभा सीट से अभिनेत्री काजल निषाद को उम्मीदवार बनाया है. लखनऊ की सीट पर ऐसा वर्षों बाद हो रहा है जब समाजवादी पार्टी ने किसी हाई प्रोफाइल फिल्म अभिनेता या अभिनेत्री के बजाय अपने कद्दावर नेता को टिकट दिया है.
इस बार विधायक रविदास मेहरोत्रा चुनाव मैदान में हैं, जबकि इससे पहले अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा की पत्नी पूनम सिन्हा, एक्ट्रेस नफीसा अली, सुपरस्टार संजय दत्त और राज बब्बर जैसे फिल्म अभिनेता चुनाव लड़ते रहे. आम आदमी पार्टी ने उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव लड़ा और लखनऊ से फिल्म अभिनेता जावेद जाफरी को टिकट दिया.
बहुजन समाज पार्टी की उत्तर प्रदेश में चार बार सरकार बनी. 2007 में तो पार्टी अकेले दम ही चुनाव मैदान में उतरकर प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता के शिखर पर जा पहुंची. चार बार सरकार बनने के बावजूद बीएसपी मुखिया मायावती ने अपनी पार्टी के चुनाव प्रचार के लिए किसी भी अभिनेता या अभिनेत्री को याद नहीं किया.
इतना ही नहीं पार्टी ने किसी हीरो या हेरोइन को विधानसभा या लोकसभा के लिए टिकट भी नहीं दिया. इस पार्टी के फेस के रूप में सिर्फ बसपा सुप्रीमो मायावती ही आगे रहीं और अपने चेहरे पर ही चुनाव का पांसा पलटने में सफल रहीं. इस बार का लोकसभा चुनाव उत्तर प्रदेश की सभी 80 सीटों पर बीएसपी अकेले लड़ रही है, लेकिन किसी भी अभिनेता या अभिनेत्री को टिकट देने की पक्षधर नहीं है.