लखनऊः बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती इस लोकसभा चुनाव में पूरे दमखम के साथ उतर चुकी हैं. अकेले दम पर चुनाव मैदान में उतरी बसप जिस तरह के प्रत्याशियों का चयन कर रही है, वह सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है. जहां बीएसपी को विभिन्न राजनीतिक दल भाजपा की बी टीम बता रहे थे. लेकिन अब जब बीएसपी ने अपने उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं, तो सब चर्चा कर रहे हैं कि इस बार बीएसपी भी चुनाव में कमाल कर सकती है. उत्तर प्रदेश में कुछ ही सीटें ऐसी है, जिन पर दिलचस्प चुनाव हो सकता है. अब उसमें जौनपुर सीट का भी नाम जुड़ सकता है. क्योंकि माफिया धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला सिंह ने लखनऊ स्थित बीएसपी मुख्यालय पर बीएसपी सुप्रीमो के साथ ही पार्टी के सीनियर नेताओं की मौजूदगी में बीएसपी का दमन थाम लिया है. पार्टी ने उन्हें इस लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाने का एलान भी कर दिया है. इसके अलावा पूर्व आईएएस कृपाशंकर मछली शहर से बीएसपी के प्रत्याशी होंगे. श्रीकला के बीएसपी से उम्मीदवार की घोषणा जौनपुर में बहुजन समाज पार्टी की बैठक में किया जाएगा. वर्तमान में श्रीकला सिंह जिला पंचायत अध्यक्ष है.
बता दें कि भाजपा ने जौनपुर लोकसभा सीट से कृपा शंकर सिंह को चुनाव मैदान में उतारा है. वहीं,तो कांग्रेस और सपा के गठबंधन प्रत्याशी के रूप में बाबू सिंह कुशवाहा चुनाव मैदान में हैं. बाबू सिंह कुशवाहा बहुजन समाज पार्टी की मायावती सरकार में मंत्री रहे थे. उन पर एनआरएचएम घोटाले के आरोप हैं. अभी तक टक्कर भाजपा और सपा कांग्रेस गठबंधन के प्रत्याशी के बीच ही मानी जा रही थी. लेकिन बसपा मुखिया मायावती ने ऐसा दांव खेला कि अब दोनों ही पार्टियों के प्रत्याशी सोचने पर मजबूर हो गए हैं. जौनपुर बहुजन समाज पार्टी की जीती हुई सीट रही है. साल 2019 में श्याम सिंह समाजवादी पार्टी- बहुजन समाज पार्टी गठबंधन के उम्मीदवार थे. उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के केपी सिंह को हराया था. बसपा ने श्याम सिंह यादव का टिकट काटकर धनंजय सिंह की पत्नी को टिकट देने का मन बना लिया है.
बता दें कि बाहुबली धनंजय सिंह भी बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर साल 2009 में लोकसभा का चुनाव लड़कर पहली बार सांसद बने थे. अब माफिया धनंजय सिंह की पत्नी को बीएसपी ने टिकट देकर जौनपुर का चुनावी पारा हाई कर दिया है. धनंजय सिंह अभी कुछ दिन पहले ही एक काफी पुराने मामले में जेल चले गए हैं. धनंजय सिंह खुद भी लोकसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे, लेकिन वह किसी पार्टी से या फिर निर्दलीय चुनाव लड़ते इससे पहले ही उन्हें जेल की सलाखों के पीछे जाना पड़ गया. ऐसे में अब उनकी पत्नी ने अपने पति धनंजय सिंह की पुरानी पार्टी बसपा की तरफ रख किया और बसपा ने उन्हें हाथों-हाथ लेते हुए जौनपुर का टिकट थमाने का भी मन बना लिया.
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