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अपना घर आश्रम में 9 साल बाद भाइयों का मिलन, गले लगकर रोए

जोधपुर के अपना घर आश्रम में आज 9 साल बाद भाइयों का मिलन हुआ. सालों पहले घर छोड़कर निकले भाई जसराज को देखकर रविशंकर और ओमप्रकाश भावुक हो गए. दोनों अपने भाई को लेकर खुशी-खुशी घर लौट गए.

अपना घर आश्रम
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Mar 6, 2024, 7:32 AM IST

9 साल बाद भाइयों का मिलन

जोधपुर. अपना घर आश्रम की ओर से सड़कों पर रहने वाले मानसिक विक्षिप्तों को घर पहुंचाने की चल रही मुहिम के तहत एक और बिछड़े व्यक्ति का परिवार से मिलन हुआ. आश्रम के लोगों ने 9 साल पहले अपने घर से निकले डॉक्टर को वापस परिवार से मिलवाया है. अपने बिछड़े भाई को देख उसके दो अन्य डॉक्टर भाई भी भावुक हो गए. मंगलवार को दोनों अपने भाई को घर ले गए.

जोधपुर अपना घर आश्रम के सेवादार देवीलाल ने बताया कि कुछ दिनों पहले जसराज 12वीं रोड पर बहुत विकट स्थिति में मिले थे. मजूदरी करते थे. हमारे अभियान के तहत हम उन्हें 1 मार्च को आश्रम लेकर आए थे, लेकिन उस समय वह अपना सही पता नहीं बता पा रहे थे. उनको बस एक फोन नंबर याद था. सोमवार को जब उस नंबर पर कॉल लगाया तो वह बाड़ेमेर के शिव कस्बे के वेटरनरी डॉ. ओम प्रकाश सोनी का था. उन्हें बताया गया कि आपके भाई हमारे आश्रम हैं. उनको एक बार को विश्वास नहीं हुआ, लेकिन फोन से वीडियो कॉल किया तो उनको यकीन हुआ.

पढ़ें. भरतपुर के 'अपना घर आश्रम' में 15 साल बाद हुआ मां-बेटे का मिलन, बिहार से रजनी को लेने पहुंचा परिवार

डॉक्टरी करते हुए घर छोड़ कर निकले : डॉ. ओम प्रकाश अपने दूसरे भाई डॉ. रविशंकर को लेकर जोधपुर अपना घर पहुंचे. यहां अपने बिछड़े भाई को देख भावुक हो गए. बड़े भाई डॉ. ओम प्रकाश के अनुसार तीनों भाई वेटरनरी डॉक्टर हैं. जसराज की 2014 में नौकरी लग गई थी और शिव में ही पोस्टिंग थी. 2015 में जसराज की शादी हुई थी, जिसके 6 महीने बाद ही वह घर छोड़ कर निकल गया था. हमने उसको हर जगह तलाशा, लेकिन उसका कुछ पता नहीं चला. हमारे माता पिता को विश्वास था कि जसराज एक दिन जरूर मिलेगा. उसकी पत्नी भी दो साल तक इंतजार के बाद घर छोड़कर पीहर चली गई.

जयपुर-दिल्ली में रहा : जसराज की स्थिति इतनी अच्छी नहीं है कि वह सबकुछ बता सके, लेकिन उसने यह बताया कि वह 6 साल जयपुर में रहा. इससे पहले दिल्ली भी रहा और इसके बाद जोधपुर आ गया था. यहां पर काम मिल जाता तो खाना खा लेता नहीं तो जो लोग देते उससे पेट भर लेता. जहां जगह मिली वहीं पर सो जाता, लेकिन वह आज खुश था. आश्रम के लोगों ने घर भेजने से पहले उसका उपचार करवाया, उसके बाल कटवाए.

9 साल बाद भाइयों का मिलन

जोधपुर. अपना घर आश्रम की ओर से सड़कों पर रहने वाले मानसिक विक्षिप्तों को घर पहुंचाने की चल रही मुहिम के तहत एक और बिछड़े व्यक्ति का परिवार से मिलन हुआ. आश्रम के लोगों ने 9 साल पहले अपने घर से निकले डॉक्टर को वापस परिवार से मिलवाया है. अपने बिछड़े भाई को देख उसके दो अन्य डॉक्टर भाई भी भावुक हो गए. मंगलवार को दोनों अपने भाई को घर ले गए.

जोधपुर अपना घर आश्रम के सेवादार देवीलाल ने बताया कि कुछ दिनों पहले जसराज 12वीं रोड पर बहुत विकट स्थिति में मिले थे. मजूदरी करते थे. हमारे अभियान के तहत हम उन्हें 1 मार्च को आश्रम लेकर आए थे, लेकिन उस समय वह अपना सही पता नहीं बता पा रहे थे. उनको बस एक फोन नंबर याद था. सोमवार को जब उस नंबर पर कॉल लगाया तो वह बाड़ेमेर के शिव कस्बे के वेटरनरी डॉ. ओम प्रकाश सोनी का था. उन्हें बताया गया कि आपके भाई हमारे आश्रम हैं. उनको एक बार को विश्वास नहीं हुआ, लेकिन फोन से वीडियो कॉल किया तो उनको यकीन हुआ.

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डॉक्टरी करते हुए घर छोड़ कर निकले : डॉ. ओम प्रकाश अपने दूसरे भाई डॉ. रविशंकर को लेकर जोधपुर अपना घर पहुंचे. यहां अपने बिछड़े भाई को देख भावुक हो गए. बड़े भाई डॉ. ओम प्रकाश के अनुसार तीनों भाई वेटरनरी डॉक्टर हैं. जसराज की 2014 में नौकरी लग गई थी और शिव में ही पोस्टिंग थी. 2015 में जसराज की शादी हुई थी, जिसके 6 महीने बाद ही वह घर छोड़ कर निकल गया था. हमने उसको हर जगह तलाशा, लेकिन उसका कुछ पता नहीं चला. हमारे माता पिता को विश्वास था कि जसराज एक दिन जरूर मिलेगा. उसकी पत्नी भी दो साल तक इंतजार के बाद घर छोड़कर पीहर चली गई.

जयपुर-दिल्ली में रहा : जसराज की स्थिति इतनी अच्छी नहीं है कि वह सबकुछ बता सके, लेकिन उसने यह बताया कि वह 6 साल जयपुर में रहा. इससे पहले दिल्ली भी रहा और इसके बाद जोधपुर आ गया था. यहां पर काम मिल जाता तो खाना खा लेता नहीं तो जो लोग देते उससे पेट भर लेता. जहां जगह मिली वहीं पर सो जाता, लेकिन वह आज खुश था. आश्रम के लोगों ने घर भेजने से पहले उसका उपचार करवाया, उसके बाल कटवाए.

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