अररिया: अभी अररिया में रानीगंज के परमानपुर में बीच खेत में बनाये गए पुल का मामला शांत भी नहीं हुआ कि ऐसा ही दूसरा पुल सामने आया है. जो बीच नदी के मरिया धार में बना हुआ है. इस पुल के दोनों ओर सड़क तो नहीं बनाई गई लेकिन पुल जरूर बनाकर खड़ा दिया गया है, जो ग्रामीणों को मुंह चिढ़ाता नजर आ रहा है.
चार महीने पहले हुआ था निर्माण: दरअसल ये पुल अररिया ब्लॉक के बोची पंचायत के वार्ड नंबर 7 में बनाया गया है. इस पुल का निर्माण लगभग 4 महीने में किया गया था, जब ये नदी सुखी हुई थी. ये बकरा नदी की धार है, जो कभी मुख्य नदी से जुड़ी हुई थी. हालांकि समय के साथ इस धार में नदी का पानी आना लगभग बंद हो गया. इसलिए ग्रामीण इसको बकरा नदी का मरिया धार कहते हैं. ये धार बारिश के दिनों में लबालब भर जाती और इसका पानी आसपास के इलाके में फैल जाता है.
इस योजना के तहत हुआ पुलिया निर्माण: ग्रामीणों ने बताया कि इस मरिया धार के दोनों ओर घनी आबादी है. खासकर कब्रिस्तान या किसानों को खेती के लिए आने-जाने में लगभग डेढ़ किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है. इसलिए इस मरिया धार पर पुल बनाने की मांग वो करते आ रहे थे. चार माह पूर्व इस बीस फीट लंबे पुलिया का निर्माण मनरेगा योजना से कराया गया था.
लाखों की लागत से बनी पुलिया: इस पुलिया के निर्माण में 9 लाख 89 हजार रुपये का खर्च आया है लेकिन विडंबना ये हुई कि मनरेगा ने पुलिया के दोनों ओर सड़क बनाने के लिए स्कीम पास ही नहीं की. जिसकी वजह से ये पुलिया बीच मरिया धार में खड़ा हुआ है. इस पुलिया के दोनों ओर सड़क बन जाती है तो तकरीबन 40 हजार की आबादी को इसका लाभ मिल पायेगा.
मुखिया ने बनवाई पुलिया: बोची पंचायत के मुखिया अली हसन ने बताया कि बकरा नदी के मरिया धार में मनरेगा योजना से 20 फीट लंबी पुलिया बनवाया गया है. इसका निर्माण उनके द्वारा कराया गया है. इसमें कुल 9 लाख 89 हजार की राशि का खर्च आया. इसे उन्होंने निजी कोष से खर्च किया लेकिन इसका भुगतान उन्हें अभी तक नहीं किया गया.
"मेरे द्वारा मनरेगा के अधिकारी और एमएलए एमपी तक से गुहार लगाई गई कि पुलिया के दोनों ओर सड़क का निर्माण करा दिया जाए, जिससे ग्रामीण इस पुलिया का लाभ उठा सकेंगे लेकिन किसी ने इस दिशा में कोई पहल नहीं की है. ये पुलिया फिलहाल बेकार पड़ी है."-अली हसन, मुखिया, बोची पंचायत