हैदराबाद: क्रिकेट में खिलाड़ियों की सुरक्षा के लिए 'कन्कशन सब्स्टीट्यूट' का नियम बनाया गया. यह नियम सुनिश्चित करता है कि दोनों टीमें, खिलाड़ियों के गंभीर चोट के बाद समान विकल्प (लाइक-फॉर-लाइक रिप्लेसमेंट) के साथ खेल जारी रख सकें.
लेकिन भारत और इंग्लैंड के बीच 31 जनवरी को खेला गया चौथा टी20 मैच उस वक्त विवादित हो गया जब शिवम दुबे की जगह हर्षित राणा को 'कन्कशन सब्स्टीट्यूट नियम' के तहत टीम में शामिल किए गया. दोनों खिलाड़ियों के शानदार प्रदर्शन से इंग्लैंड न सिर्फ मैच बल्कि सीरीज भी हार गया. राणा ने अपने चार ओवरों में 33 रन देकर तीन विकेट लिए थे, जिसके बाद से कन्कशन सब्स्टीट्यूट के लिए ICC के नियम 'लाइक-फॉर-लाइक रिप्लेसमेंट' पर बहस छिड़ गई.
इंग्लैंड के कप्तान जोस बटलर और पूर्व क्रिकेटर केविन पीटरसन ने इस कदम की आलोचना की है. इंग्लैंड के कप्तान जोस बटलर इस रिप्लेसमेंट से नाखुश थे, उन्होंने कहा कि दुबे एक ऑलराउंडर हैं और हर्षित एक मुख्य रूप से तेज गेंदबाज हैं जो कि नियम के हिसाब से सही रिप्लेसमेंट नहीं था. पीटरसन ने भी स्पष्ट रूप से कहा कि दुबे की जगह राणा का आना बिल्कुल भी सही विकल्प नहीं था.
Jos Buttler talking about Harshit Rana concussion replacement. (TNT Sports).
— Tanuj Singh (@ImTanujSingh) January 31, 2025
- He said " it's not like to like replacement, we don't agree with that". pic.twitter.com/zT0UhI57CB
दरअसल भारत ने चौथे टी20 मैच में शिवम दुबे को अंतिम गेंद पर हेलमेट पर चोट लगने कि वजह से हर्षित राणा का नाम कन्कशन सब्स्टीट्यूट के तौर पर मैच रेफरी जवागल श्रीनाथ को भेजा था. जिसको मैच रेफरी ने मंजूर कर लिया. उसके बाद से आईसीसी के इस नियम पर बहस छिड़ गई है. इस वजह से आज हम कन्कशन सब्स्टीट्यूट नियम पर विस्तार से बताने वाले हैं.
कन्कशन क्या है?
कन्कशन एक प्रकार की हल्की मस्तिष्क चोट होती है. हालांकि कई लोग चोट के तुरंत बाद ठीक हो जाते हैं, लेकिन उचित आराम और चिकित्सा मंजूरी महत्वपूर्ण है. लेकिन कुछ चोट देर से असर करती हैं. कन्कशन के कारण हमेशा नुकसान नहीं होता है लेकिन तत्काल मूल्यांकन आवश्यक हो जाता है.
![स्टीव स्मिथ चोट लगने के बाद जमीन पर गिर पड़े](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/01-02-2025/23452224_x.jpg)
कन्कशन सब्स्टीट्यूट नियम कब और क्यों शुरू किया गया?
सिर या गर्दन की चोटों से पीड़ित खिलाड़ियों की सुरक्षा के लिए कन्कशन सब्स्टीट्यूट नियम शुरू किया गया, ताकि खेल को समान विकल्प के साथ जारी रखा जा सके. अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) ने 1 अगस्त, 2019 को T20 और प्रथम श्रेणी क्रिकेट सहित सभी अंतर्राष्ट्रीय प्रारूपों में कन्कशन सब्स्टीट्यूट नियम की शुरुआत की. ICC के पुरुष T20I खेलने के दिशा-निर्देशों का नियम 1.2.7 कन्कशन सब्स्टीट्यूट से संबंधित है.
क्रिकेट में कन्कशन सब्स्टीट्यूट नियम क्या कहता है?
क्रिकेट में कन्कशन सब्स्टीट्यूट नियम उस समय लागू होता है जब किसी खिलाड़ी को खेल के दौरान सिर या गर्दन में चोट लग जाए, तो उस खिलाड़ी को कुछ शर्तों के साथ रिप्लेसमेंट किया जा सकता है. पहली शर्त यह है कि चोट मैदान पर ही लगनी चाहिए और रिप्लेसमेंट का अनुरोध करने का निर्णय टीम के चिकित्सा प्रतिनिधि द्वारा औपचारिक इलाज के बाद आधारित होता है. टीम के मेडिकल स्टाफ या मैनेजर को तब ICC मैच रेफरी को कन्कशन रिप्लेसमेंट अनुरोध प्रस्तुत करना होता है, जिसमें घटना, चिकित्सा मूल्यांकन और लाइक-फॉर-लाइक रिप्लेसमेंट का विवरण दिया गया हो.
𝗪𝗛𝗔𝗧. 𝗔. 𝗪𝗜𝗡! 👏 👏#TeamIndia held their composure & sealed a 1⃣5⃣-run victory in the 4th T20I to bag the series, with a game to spare! 🙌 🙌
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घटना के बाद जितनी जल्दी हो सके अनुरोध किया जाना चाहिए, जिसमें ICC मैच रेफरी रिप्लेसमेंट को मंजूरी देने के लिए जिम्मेदार होगा. यह पूरी प्रक्रिया इस तरह से डिजाइन की गई हो कि रिप्लेसमेंट से टीम को कोई अनुचित लाभ न हो सके. यदि रेफरी को लगता है कि रिप्लेसमेंट अनुचित लाभ प्रदान करेगा, तो उनकी भागीदारी पर प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं. कन्कशन सब्स्टीट्यूट पर मैच रेफरी का निर्णय अंतिम होता है, जिसमें अपील करने का कोई अधिकार नहीं होता है.
भारत ने अपने फायदे के लिए कैसे इस नियम का इस्तेमाल किया?
शिवम दुबे भारत के लिए नामित ऑलराउंडर थे, इसलिए उनसे भारत बनाम इंग्लैंड चौथे T20 अंतरराष्ट्रीय की दूसरी पारी में गेंदबाजी करने की उम्मीद थी. हालांकि, चोट लगने के बाद भारत को कन्कशन सब्स्टीट्यूट की मांग करने का अधिकार था और उसने हर्षित राणा का नाम प्रस्तुत किया जो गेंदबाजी कर सकता है, लेकिन निश्चित रूप से यह लाइक-फॉर-लाइक रिप्लेसमेंट नहीं है.
For his vital half-century, Shivam Dube bagged the Player of the Match Award in the fourth #INDvENG T20I. 👍 👍
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मैच रेफरी की क्या जिम्मेदारी होती है?
लेकिन मैच रेफरी जवागल श्रीनाथ ने नियम का पालन किया है क्योंकि इसमें कहा गया है कि नामित कन्कशन रिप्लेसमेंट को लाइक-फॉर-लाइक खिलाड़ी माना जाना चाहिए या नहीं, इसका आकलन करते समय आईसीसी मैच रेफरी को इस बात पर विचार करना चाहिए कि शेष मैच के दौरान कन्कशन खिलाड़ी की संभावित भूमिका क्या होगी. इसलिए आईसीसी नियम में एक चेतावनी भारत के लिए फायदेमंद साबित हुई.
इससे पहले भी कन्कशन सब्स्टीट्यूट हुआ है
बता दें यह कोई पहला मौका नहीं है, इससे पहले भारत ने रवींद्र जडेजा के लिए कन्कशन सब्स्टीट्यूट के रूप में युजवेंद्र चहल का इस्तेमाल किया था, जो ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच के दौरान बल्लेबाजी करते समय चोटिल हो गए थे.
Chopped 🔛
— BCCI (@BCCI) January 31, 2025
Wicket No. 3⃣ for Harshit Rana! 👌 👌#TeamIndia a wicket away from a win!
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बतौर कन्कशन सब्स्टीट्यूट खिलाड़ी के इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू
दिलचस्प बात यह है कि हर्षित राणा ने बतौर कन्कशन सब्स्टीट्यूट खिलाड़ी के इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू किया. इससे पहले भी कई खिलाड़ी इस नियम के तहत अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण कर चुके हैं.
1- ब्रायन मुडजिंगन्यामा (टेस्ट, जिम्बाब्वे, 2020)
2- नील रॉक (वनडे, आयरलैंड, 2022)
3- मैट पार्किन्सन (टेस्ट, इंग्लैंड, 2022)
4- कामरान गुलाम (वनडे, पाकिस्तान, 2023)
5- बहिर शाह (टेस्ट, अफगानिस्तान, 2023)
6- हर्षित राणा (टी20, भारत, 2025)