मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर: ग्रामीण क्षेत्रों को शहरी क्षेत्रों से जोड़ने के उद्देश्य से पुल पुलिया और सड़क निर्माण कराया जा रहा है. लेकिन कई क्षेत्र ऐसे हैं. जहां पुल पुलिया का निर्माण तो शुरू हुआ लेकिन काम पूरा नहीं हुआ. जिससे गांव वालों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
18 लाख रुपये का अधूरा पुल: एमसीबी जिला के सुदूर वनांचल क्षेत्र, भरतपुर विकासखंड में ऐसा ही अधूरा निर्माण देखने को मिला है. बड़वाही के घुघरी पारा में झीरिया नाला पर 18 लाख रुपये की लागत से पुल का निर्माण शुरू किया गया. लेकिन जून से पहले से ही काम अधूरा छोड़ दिया गया. यहां के स्थानीय लोगों को मुताबिक मजदूरों को उनकी मेहनत का भुगतान तक नहीं किया गया. स्थानीय महिला रानी तिवारी ने बताया कि पुल में ना लोहा लगा है ना सीमेंट लगा है. कई लोगों का एक्सीडेंट हो चुका है. बारिश में कई बच्चे बह गए लेकिन आज तक कोई अधिकारी देखने नहीं पहुंचे. मजदूरों की अब तक मजदूरी नहीं दी गई है. गांव में अगर कोई बीमार पड़ जाए तो उसे अस्पताल नहीं ले जा सकते.
भरतपुर में अधूरा पुल बना परेशानी का सबब: ग्रामीण महेश प्रसाद मिश्रा ने बताया कि पुल टूटने के बाद बनाया जा रहा था. जो अधूरा है. पुल के अधूरे होने के कारण बरसात के मौसम में पानी पुल के ऊपर से बहने लगता है. स्कूल जाने वाले बच्चों को घंटों इंतजार करना पड़ता है कि पानी कम हो ताकि वे सुरक्षित अपने गांव लौट सकें. बच्चों को लोगों को आने जाने में काफी दिक्कत होती है.
बारिश में बच्चे नहीं जा पाते स्कूल: ग्रामीण कमलेश कुमार उपाध्याय ने बताया कि पुल निर्माण में लगे मजदूरों को अब तक मजदूरी नहीं मिली है. घटिया निर्माण सामग्री के कारण पुल के चारों ओर से दरारें आ चुकी हैं. गांव के ग्रामीण मुन्ना बताते हैं कि बारिश के दिनों में काफी दिक्कत का सामना करना पड़ा. यह पुल ग्रामीणों के लिए जितनी राह का सपना था, उतनी ही बड़ी चिंता का विषय बन गया है. गांव के रामदास बताते हैं कि पुल के खराब निर्माण से उनकी फसलें भी बह गई हैं.
जांच की बात कर अधिकारी ने झाड़ा पल्ला: वनांचल क्षेत्र में ऐसे कई पुल और पुलिया हैं, जो अधूरे पड़े हैं. सरकार ने इन्हें ग्रामीणों की सुविधा के लिए बनाया था, लेकिन इनका उपयोग आज तक नहीं हो सका. निर्माण कार्य के नाम पर लाखों रुपये खर्च हुए, लेकिन काम अधूरा छोड़ दिया गया. जब इस मुद्दे पर जिला पंचायत अधिकारी नितेश उपाध्याय से बात की गई, तो उन्होंने मामले की जांच कर कार्रवाई करवाने का बात कर पल्ला झाड़ लिया.